रांची (आर्यावर्त संवाददाता) जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रसार प्रचार के नाम पर पत्रकारों को प्रलोभन देना लोकतंत्र पर सीधा प्रहार है ।झारखण्ड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन प्रदेश अध्यक्ष मधुकर और प्रदेश महासचिव प्रमोद कुमार झा ने झारखण्ड सरकार के द्वारा प्रलोभन वाली विज्ञापन देकर पत्रकारों को अपमानित करने का जो काम किया है । उससे झारखंड में सरकार के इस तरह के रवैये से पत्रकार आक्रोशित हैं । झारखंड में मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए आलेख लिखने वाले प्रिंट मीडिया और टीवी पत्रकारों को पुरस्कार के नाम पर 15000 रुपये देने का प्रलोभन दे रही है जो पुरी तरहअनुचित है। इसकी आलोचना पत्रकारों ने पुरी जोर शोर से प्रारंभ कर दी है । पहली बार ऐसा हो रहा है कि कोई राज्य सरकार पत्रकारों को सरकारी जन कल्याणकारी योजनाओं को प्रचार प्रसार के लिए और आम पाठक तक इसे पहुंचाने के लिए पत्रकारों का इस्तेमाल करना चाहती है इसकी निंदा पत्रकार संगठन को करना जरूरी है। राज्य सरकार ने विज्ञापन प्रसारित कर पत्रकारों से जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर आलेख लिखने का जो आह्वान किया है ताकि राज्य सरकार अपनी योजनाओं को हम पाठक तक पहुंचा सकें परंतु राज्य सरकार की योजनाएं विज्ञापन और सरकार के माध्यम से शायद आम जनता तक नहीं पहुंच रही है उसके बाद सरकार ने विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के कुछ सप्ताहपहले विज्ञापन देकर पत्रकारों से आलेख के नाम पर 15000 रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है इसकी जितनी भी निंदा कि जाय ओ कम है यूनियन ने सरकार से इस विज्ञापन को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए कहा है कि इससे पत्रकारों के आत्म सम्मान पर ठेस पहुंची है कोई भी पत्रकार राज्य सरकार के इस प्रलोभन में नहीं पड़ेगा । इस तरह का आलेख लिखना पत्रकारिता के मापदंड के खिलाफ होगा। राज्य सरकार के प्रलोभन को पत्रकार ठुकरा देंगे ऐसी उम्मीद है ।
शुक्रवार, 20 सितंबर 2019
झारखण्ड : झारखण्ड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने प्रलोभन वाली खबर की निंदा की
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