बिहार : कब्रिस्तान में जलभराव होने के कारण ईसाई समुदाय का शव जला देने पर बवाल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 28 अक्तूबर 2019

बिहार : कब्रिस्तान में जलभराव होने के कारण ईसाई समुदाय का शव जला देने पर बवाल

  • अब कब्रिस्तान में स्थिति सामान्य

सब्जीबाग पटना में कैथोलिक कब्रिस्तान है।इस पर विवाद खड़ा कर देने से दफन कार्य बाधित है। पटना महाधर्मप्रांत के विकर जेनरल फादर प्रेम प्रकाश दफ्तर में दौड़ते -दौड़ते हार गए हैं।सीएम नीतीश कुमार से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
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पटना, 28 अक्टूबर (आर्यावर्त संवाददाता) । कोट्टयम जिला में रहने वाले कुर्जी पल्ली पर पैनी नजर रखते हैं और कुर्जी पल्ली में रहने वाले दक्षिण भारतीय पर नजर रखते हैं।इसी तरह की मिलीजुली खबर मिली है। कुर्जी पल्ली के निवासी व केरल के कोट्टयम जिले में रहने वाली युवती से विवाह करके कोट्टयम में ठौर जमाने वाले रॉनी बेंजामिन कहते हैं कि विगत दिनों कुर्जी मगध कॉलोनी में( भगेड़ा आश्रम) के निकट  रहने वाली श्रीमती मेरी अन्थोनी का निधन हो गया। पीरमुहानी कब्रिस्तान में जलभराव होने के कारण ईसाई समुदाय का शव जला दिया गया।इसको लेकर बवाल जारी है।अब कब्रिस्तान में स्थिति सामान्य हो गयी है।

रॉनी बेंजामिन मानते हैं कि जरुर ही कब्रिस्तान में जलजमाव था। मगर एक ईसाई महिला को दफनाने की व्यवस्था नहीं की गयी। आम ईसाइयों की तरह शव को कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार की विधि नहीं की गयी। यह जरूर विपरित परिस्थिति  थी। तो पुरोहित को पटना के निकटतम शहर के कब्रिस्तानों मोकामा,मनेर या अन्य कोई कब्रिस्तान में शव को दफनाने करनी चाहिए थी। पुरोहित के द्वारा ठोस कदम नहीं उठाने से हलकान परिवार ने मजबूरी में शव को बांसघाट में अग्नि को समर्पित कर दिए। एक ईसाई परिवार को मजबूरी में शव को दहन कर देने से ईसाई समुदाय  स्तब्ध रह गए।
यह लोकआस्था है कि कयामत के दिन कब्र में  दफन लोग पुनर्जीवित हो जाएंगे। वहीं किश्चियन धर्म की अटूट विधान है कि गुड फ्राइडे कि दिन ईसा मसीह सलीब पर प्राण त्याग देंगे और तीन दिन के बाद पूर्ण पराक्रम के साथ सशरीर जी उठेंगे। जी उठने के दिन ईस्टर त्योहार मनाया जाता है।

आगे रॉनी बेंजामिन उम्मीद करते है कि ईसाई समुदाव व धर्माधिकारीगण तत्काल संज्ञान लेंगे । यह एक सामाजिक व धार्मिक कर्तव्य है। इसका निर्वाह करना याजक व अयाजक की जिम्मेवारी है। हम अपनी जिम्मेदारी को सिर्फ यह कहकर टाल नहीं सकते हैं कि परिवार के समक्ष विपरीत परिस्थिति आ गयी थी। आगे कहते हैं कि यह दूसरी बात है। अगर किसी तरह यह मान लिया जाए कि इसमें वैटिकन की सहमति थी तो यहाँ यह कहना जरूरी है क्यों बाँसघाट स्थित इलैक्ट्रिक शव दाहगृह ले जाया गया? यदि कोई हिन्दू कट्टरपंथी समूह विरोध करता  या आगे के दिनों में कब्रिस्तान मे जगह की कमी के कारण ऐसी स्थिति फिर आ जाती है तो इन विरोधों का क्या तोड़ है? यहां रॉनी बेंजामिन सुझाव देते हैं कि  क्या यह उचित नही होगा कि हम खुद अपने कब्रिस्तान मे इलैक्ट्रिक शव दाहगृह बनवा लें। इसके लिए जरूरी सरकारी अनुमति और पर्यावरण संस्तुति प्राप्त कर लें। उनका मानना है कि इस संदर्भ में राजनीतिक कार्यकर्ता सिसिल साह और उसके अनुज  राजन क्लेमेंट साह से सकारात्मक पहल कर सकते हैं यह उम्मीद जाहिर किया है।

इस संदर्भ में लाइव आर्यावर्त को कुर्जी पल्ली के प्रधान पल्ली पुरोहित फादर सुसई राज ने कहा कि ईसाई कलीसिया का विधान है कि बपतिस्मा संस्कार ग्रहण करने वाले इंसान को कब्रिस्थान में दफन करना है।पुरोहित प्रार्थना करके कब्र में डाल दिया जाता है। वहीं यह खुलासा किया कि यह ईसाई कलीसिया के विधान में यह नहीं कहा गया है कि शव को अग्नि के हवाले नहीं किया जा सकता है। एक सवाल के जवाब में फादर सुसई ने कहा कि अक्टूबर माह में दो ईसाइयों का शव  बांसघाट में जलाया गया। आशियाना मोहल्ले में रहने वाली महिला ने परिवार वालों के समक्ष लिख दी थी कि मरने के बाद शव को जला देंगे.दूसरी शव को कब्रिस्तान में जलजमाव हो जाने के कारण व्यवधान होने पर परिवार वालों ने सूचना देकर शव को दफना दिए। अभी अवशेष नहीं लाए हैं। अवशेष लाने पर प्रार्थना कर गाढ़ दिया जाएगा। इस समय जगहाभाव के कारण एक कब्र का पांच-छह बार उपयोग किया जाता है। सनद रहे कि सब्जीबाग पटना में कैथोलिक कब्रिस्तान है।इस पर विवाद खड़ा कर देने से दफन कार्य बाधित है। पटना महाधर्मप्रांत के विकर जेनरल फादर प्रेम प्रकाश दफ्तर में दौड़ते -दौड़ते हार गए हैं।सीएम नीतीश कुमार से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।  इसमें बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री राजन क्लेमेंट साह भी लगे हैं। इस सिलसिले में कई दफे गन्ना उद्योग और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद आलम  से मिले हैं।फिलवक्त झारखण्ड प्रदेश में होने वाले आम चुनाव में बरही विधानसभा में प्रचार-प्रसार में लगे हैं। चुनाव के बाद सब्जीबाग कब्रिस्तान को रोमन कैथोलिकों के हवाले करवाने का प्रयास करने में लग जाएंगे।

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