एक साल में 10 हजार किमी पैदल यात्रा कर जेनेवा की ओर कूच - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 3 अक्तूबर 2019

एक साल में 10 हजार किमी पैदल यात्रा कर जेनेवा की ओर कूच

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दिल्ली,02 अक्टूबर (आर्यावर्त संवाददाता) । एकता परिषद के अध्यक्ष पी. व्ही. राजगोपाल की अगुवाई में गरीबी को बढ़ावा देने वाली पॉलिसी के विरोध में वर्ष 2020 में दिल्ली से जेनेवा तक करीब 10 हजार किमी की पैदल यात्रा शुरू हो गयी है। इसमें 10 देशों के लोग शामिल होंगे। यात्रा एक साल तक चलेगी और इसमें अकेले भारत से 50 लोग शामिल हैं। इसके अलावा स्वीडन, बैल्जियम, जर्मनी, स्पेन जैसे देश भी यात्रा का हिस्सा बनेंगे। इसी तरह एक साल में करीब पांच हजार लोग पैदल मार्च करके जेनेवा में एकत्र होंगे और वहां पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के सामने अपना एजेंडा रखेंगे।  कई देशों में गलत पॉलिसी के कारण गरीबी पैदा हो रही है और उसे मिटाने के लिए पॉलिसी बदलनी होगी। यह काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करना होगा। इसी पॉलिसी पर सभी देश मिलकर काम कर रहे हैं। हमारी जमीनें अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को दी जा रही हैं और ऐसा होने से गरीबों को क्या मिलेगा। उन्हें कुछ नहीं मिल रहा है, बल्कि उनका हक छीना जा रहा है। इसलिए गरीबी का उन्मूलन नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि परिषद ने मिलकर एक अंतराष्ट्रीय मिनीफेस्टो तैयार किया है। इसमें देशाें की गंभीर समस्याओं को उठाया गया है। जिन पर जनेवा में चर्चा होगी। इससे पहले 10 हजार किमी सभी चलेंगे और समस्याओं पर गंभीर मंथन होगा।  इसके पूर्व अहिंसा और शांति के संदेश लेकर 200 आदिवासी तथा दलित कार्यकर्ता, लेखक, विचारक और प्रख्यात गांधीवादी दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर नयी दिल्ली से जिनेवा तक एक साल तक चलने वाले मार्च की शुरूआत करेंगे। एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक अनीश थिलेंकरी ने बताया कि 15 हजार किलोमीटर की यह ‘जय जगत 2020’ यात्रा ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, ईरान, सेनेगल, स्वीडन और बेल्जियम समेत 10 देशों से गुजरेगी। उन्होंने बताया कि मार्ग में विदेशी प्रतिनिधि समेत मार्च करने वाले समानांतर समूह भी इस यात्रा में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि तीन वर्ष पहले कार्यक्रम तय किया गया था। तीन वर्ष पहले बनी शुरुआती योजना में पाकिस्तान में दो महीने का ठहराव था, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव के कारण आयोजकों ने ऐसा नहीं करने का फैसला किया है। यात्रा के दौरान रास्ते में स्थानीय समितियां कार्यक्रम करेंगी और अहिंसा का संदेश देंगी। यह यात्रा अगले वर्ष 26 सितंबर को जिनेवा पहुंचेगी। इस मार्च का नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता पीवी राजगोपाल, दलित अधिकार कार्यकर्ता रमेश शर्मा और कनाडा के नेता जिल कार हैरिस करेंगे।

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