अब गूंजने लगा 'भारत से जिनेवा तक सारी दुनिया एक है - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 23 अक्तूबर 2019

अब गूंजने लगा 'भारत से जिनेवा तक सारी दुनिया एक है

india-to-jeneva-ekta-parishadभोपाल/मुरैना (आर्यावर्त संवाददाता) । अपने हाथों में नारा लिखित तख्तियां लेकर सत्याग्रही  चल रहे हैं। भारत से जिनेवा तक सारी दुनिया  एक है,हिंसा कही नहीं कभी भी नहीं आदि नारा तख्तियों में लिखा गया है। राष्ट्रपिता  महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्तूबर से वैश्विक शांति एवं न्याय के लिए जय जगत यात्रा 2000 यात्रा दिल्ली के राजघाट से शुरू की गई, जो राजस्थान से सोमवार को मध्यप्रदेश पहुंचेगी। एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक अनीस कुमार ने कहा कि वैश्विक शांति एवं न्याय के लिए महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्तूबर से दिल्ली के राजघाट से शुरू की गई ‘‘जय जगत 2020’’ यात्रा कल राजस्थान से मध्यप्रदेश में पहुंचेगी। कल दोपहर 12 बजे धौलपुर और मुरैना के बीच चंबल नदी पर बने पुराने पुल पर यात्रियों का मध्यप्रदेश में स्वागत किया जाएगा। एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पी.व्ही. की अगुवाई में यह यात्रा निकाली गई है, जिससे वैश्विक स्तर पर कई संगठन जुड़े हुए हैं। यात्रा में 50 पदयात्री लगातार चल रहे हैं, जिसमें फ्रांस, न्यूजीलैंड, केन्या, बेल्जियम और स्वीट्जरलैंड से 10 कार्यकर्ताओं सहित शहरी युवा एवं ग्रामीण समुदाय के नेतृत्वकारी लोग शामिल हैं। जय जगत का आयोजन वैश्विकरण को गांधीवादी नजरिए से देखने के लिए किया जा रहा है, जिसमें पूरी दुनिया से हिंसा खत्म कर न्याय आधारित समाज की स्थापना की बात की जा रही है। यात्रा की अंतर्राष्ट्रीय संयोजिका सुश्री जिल कार हैरिस ने बताया कि यह साल बा-बापू यानी महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी की 150वीं जयंती का साल है, इसलिए जरूरी है कि दुनिया में शांति एवं न्याय के लिए गांधीवादी रास्ते को अपनाया जाए, ताकि अहिंसक एवं समतामूलक समाज की स्थापना हो सके। यह यात्रा दुनिया के कई देशों में समनांतर चल रही है और सभी यात्राएं अगले साल 25 सितंबर को जिनेवा पहुंचेंगी, जहां 25 से 2 अक्तूबर के दरम्यान शांति एवं न्याय के लिए समर्पित हजारों लोगों का समागम होगा। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय जिनेवा में है। भारत में यह यात्रा दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश होते हुए गांधी आश्रम, वर्धा, महाराष्ट्र पहुंचेगी, जहां उसके समापन पर बा-बापू की 150वीं एवं आचार्य विनोबा भावे की 125वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में शांति महासभा का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद यात्रा अन्य देशों के लिए रवाना हो जाएगी।

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