खेलने व पढ़ने के समय में बीमारी से जूझने को बाध्य एक मामूली चालक पंकज आल्फ्रेड की शक्ति से बाहर की बात है कैंसर के जबड़े से पुत्र को बाहर निकाल पाना।
पटना, एक मामूली चालक पंकज आल्फ्रेड की शक्ति से बाहर की बात है कैंसर के जबड़े से पुत्र प्रीतीश पंकज को बाहर निकाल पाना। कुर्जी पल्ली अन्तर्गत गंगा विहार कॉलोनी में रहते हैं पंकज आल्फ्रेड। उनका पुत्र का नाम है प्रीतीश पंकज । खेलने एवं पढ़ने के समय 8 साल में ही प्रीतीश पंकज जानलेवा अक्यूट लिम्पोप्लास्टिक ल्यूकेमिया से पीड़ित हो गया है । प्रीतीश पंकज के पिताजी पंकज आल्फ्रेड ने अपने सार्मथ्य के बल पर क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज,वेल्लोर में भर्ती कराकर इलाज कराएं। हर द्वार थकने के बाद पंकज आल्फ्रेड ने बी.जे.पी.के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री राजन क्लेमेंट साह के द्वार पर दस्तक दिए। बताया गया कि अक्यूट लिम्पोप्लास्टिक ल्यूकेमिया से पीड़ित प्रीतीश पंकज को बोनमैरो ट्रांसप्लांट करना होगा।करीब 35 लाख रू. व्यय करना होगा। जो इस गरीब परिवार के सीमा से बाहर की बात है। बेड पर लेटे प्रीतीश पंकज ने मुख्यमंत्री नीतीश अंकल से आग्रह किया है कि आप मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री जी मिलकर जिंदगी बचा ले। यहां बताना जरूरी है आईजीआईएमएस,पटना में अब बोनमैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा बहाल हो गई है। राज्य में पहली बार किसी सरकारी अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध हुई है। संस्थान में पहला बोनमैरो ट्रांसप्लांट सफल रहा। इस बोनमैरो ट्रांसप्लांट में करीब पौने चार लाख रुपए खर्च हुए है। बोनमैरो ट्रांसप्लांट के लिए मरीज को राज्य सरकार ने अनुदान दिया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें