जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर आज माइकल जॉन सभागार, बिष्टुपुर में उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने हेतु जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय मंत्री खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले, झारखंड सरकार श्री सरयू राय, जमशेदपुर सांसद श्री विधुत वरण महतो, पोटका विधायक मेनका सरदार, बहरागोड़ा विधायक कुणाल षाड़ंगी, उपायुक्त श्री रविशंकर शामिल हुए। कार्यक्रम के शुरूआत में राष्ट्रपिता को उनके प्रिय भजनों से सुरमयी श्रद्धांजली दी गई। इस अवसर पर छात्रा- हेमा घोष, तबस्सुम आफरीन, छात्र- आदित्य स्वरूप, शिवम सरोज ने बापू की जीवनी से जुड़े प्रेरक प्रसंगों पर अपने भाव साझा किए। सभागार में उपस्थित लोगों को स्वच्छता ही सेवा की शपथ दिलाई गई एवं अपील किया गया कि अपने आस-पास साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें तथा सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग ना करें।
माननीय मंत्री श्री सरयू राय ने राष्ट्रपिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचार इतने प्रासंगिक हैं कि देश का हर शख्स उनमें खुद को देखता है। उनमें विशेषता थी कि वे अपनी कमियों को छुपाते नहीं थे। गांधी जी मान-सम्मान से उपर उठ गए थे। समाज के अंतिम व्यक्ति तक का सर्वांगीण विकास को लेकर उन्होने अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। बापू हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके विचार हमेशा हमारे बीच रहेंगे। उन्होने सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक सभी मुद्दों पर अपने विचार रखे जो आज भी हम सभी आत्मसात कर लें तो एक सफल जीवन जी सकते हैं। माननीय सांसद ने कहा कि दक्षिण अफ्रिका में ट्रेन से फेंके जाने की घटना से महात्मा गांधी इतना आहत हुए कि उन्होने अपना सर्वस्व जीवन असत्य, दमन, अन्याय के खिलाफ लड़ने में बिता दिया। ये बापू ही थे जिन्होने अपने अहिंसक आंदलोनों से अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। उन्होने आजादी के लिए जितना संघर्ष किया शायद ही किसी और ने किया होगा। हमें गांधी जी के बताये रास्तों पर हमेशा चलना चाहिए। आज हम स्वच्छता ही सेवा का शपथ लेकर वही कर रहे हैं जो उन्होने आज से 100 साल पहले कहा था पोटका विधायक श्रीमति मेनका सरदार ने कहा कि बापू के बताये रास्ते पर चलते हुए आज सरकार स्वच्छता अभियान चला रही है। उनके बताये रास्तों पर चलकर ही हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे। बापू के सपनों का भारत में असत्य, हिंसा, अशांति की कोई जगह नहीं थी। आज हम सभी प्रण लें कि बापू ने अपने जीवन में जितने भी आदर्श स्थापित किए थे उनका अनुपालन जरूर करें। बापू की कही बातें कल जितनी प्रासंगिक थी आज भी उतनी ही प्रासंगिक है। समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रौशनी पहुंचे ये हम सभी जिम्मेदार लोगों का लक्ष्य होना चाहिए। अपना सुधार संसार की सबसे बड़ी सेवा है... माननीय विधायक बहरागोड़ा श्री कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि राष्ट्रपिता ने हमेशा सेल्फ सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी की बात पर जोर दिया। हम सभी समाज और देशहित में कितना योगदान देते हैं ये काफी महत्पूर्ण है। गांधी जी से बिना रूबरू हुए विश्व के शक्तिशाली शख्सियत जैसे अल्बर्ट आंइस्टीन, नेलसन मंडेला, स्टीव जॉब्स जैसे लोग उनके विचारों से प्रभावित हुए तो समझा जा सकता है कि बापू का विचार कितना सार्वभौमिक हैं। आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है कि हम सफलता-असफलता को कैसे अपनाते हैं। गांधी जी ने काम के हिसाब से बंटवारे को कभी सही नहीं माना। उन्होने हमेशा महिला सशक्तिकरण की बात कही। उनके जीवन दर्शन से हमें ज्ञात होता है कि उन्होने जिस तरह के आदर्श स्थापित किए हैं उसे हम सभी को आत्मसात करना चाहिए।
उपायुक्त श्री रविशंकर शुक्ला ने कहा कि आज के दिन हम सभी बापू का स्मरण करते हैं, अपने जीवन में उनके आदर्शों के पालन करने का भी कोशिश करते हैं। जब हम बापू को याद करते हैं तो सत्य, अहिंसा, शांति, स्वच्छता के उनके संदेश को जरूर याद करते हैं। उपायुक्त ने ‘गांधी जी का जंतर’ को उद्धृत करते हुए कहा कि जब भी आप किसी प्रकार का निर्णय लेना चाह रहे हों और उस निर्णय को नहीं ले पा रहे हों तो अपनी आंख बंद करके समाज के उस अंतिम व्यक्ति के बारे में सोचें जो सबसे गरीब है, उसका भला कैसे होगा- सारा उत्तर आपको मिल जाएगा। आपको निर्णय लेने में फिर आसानी होगी। राष्ट्रपिता ने हमेशा समेकित विकास की बात कही। जरूरतमंद लोगों के प्रति आपका क्या दृष्टिकोण है ये काफी महत्वपूर्ण है। गांधी जी ने कभी हार नहीं माना... उन्होने संघर्ष-विराम-संघर्ष की रणनीति अपनाई। हम सभी को इससे सीख लेना चाहिए। कभी भी अपने लक्ष्य को पाने में जल्दीबाजी नहीं दिखानी चाहिए, बल्कि जो लक्ष्य आपने तय किया है उसकी प्राप्ति तक लगे रहना चाहिए। फणिश्वर नाथ रेणु का मैला आंचल पढ़ें या हरिशंकर परसाई की क्षद्म गांधीवाद पर व्यंग्य- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचार साहित्य से लेकर वास्तविक जीवन में हर जगह प्रासंगिक हैं। जिला प्रशासन द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन दर्शन पर लेख लिखने का आमंत्रण सभी जिलेवासियों को दिया गया था। आज विजयी प्रतिभागियों को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपिता के जीवन दर्शन पर बेहतर लेख लिखने वालों में निदेशक डीआरडीए अनिता सहाय, जिला योजना पदाधिकारी अजय कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश रंजन, जमशेदपुर रिसर्च रिव्यू के संपादक मिथिलेश चौबे, विभिन्न स्कूलों के चयनित प्रतिभागी तथा जिले के अन्य लोगों को जिन्होने बेहतर लेख लिखा उन्हें मंच पर बुलाकर प्रशस्ति पत्र एवं महात्मा गांधी के जीवन दर्शन पर लिखा किताब देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उप-विकास आयुक्त, अपर उपायुक्त, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, नजारत उप-समाहर्ता, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, शिक्षक, बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे तथा अन्य लोग उपस्थित थे।
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