रियाद, 29 अक्टूबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यहां फ्यूचर इनवेस्टमेंट इन्सटीट्यूट फोरम के तीसरे सत्र को संबोधित करने के दौरान वैश्विक शक्तियों पर निशाना साधते हुए कहा कि नए और समकालीन विकास में विकासवाद का अधिक महत्व है।श्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में जल्द ही बड़े एवं उल्लेखनीय बदलाव तथा सुधार किए जाने की वकालत करते हुए कहा कि लोगों की अपेक्षा के अनुरूप संयुक्त राष्ट्र दुर्भाग्यवश नियम आधारित एवं निष्पक्ष संस्थान के रूप में उभर नहीं सका।श्री मोदी ने कहा, “ दुनिया में वैश्विक संकट की एक वजह यह है कि कई शक्तिशाली देश समझते हैं कि वे किसी भी नियम का पालन नहीं करेंगे जबकि कई ऐसे भी देश है जिन पर नियमों के आधार पर दवाब बनाया जाता है। यदि हमें विश्व को एक व्यवस्था के रूप में चलाना है तो सभी को वैश्विक नियमों का पालन करना होगा। ”उन्होंने कहा कि बहुध्रुवीय विश्व को मजबूत बनाने की आवश्यकता है। एक समय था जब शक्तियां विस्तारवाद की नीति से जुड़ी होती थीं, उसे जमीन के आधार पर तय किया जाता था लेकिन वह युग अब समाप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि आज विस्तारवाद नहीं विकासवाद का महत्व है।प्रधानमंत्री ने कहा, “ विश्व अंतरिक्ष में भी संघर्ष करने के लिए तैयार हो रहा है। हम संघर्ष करने के लिए एक नया मैदान तैयार कर रहे हैं और यह मानवता की कमजोरी का सबसे बड़ा उदाहरण है।”श्री मोदी ने कहा कि जो देश शक्तिशाली हो गए हैं वे संयुक्त राष्ट्र को एक शक्तिशाली संस्था के रूप में उभरने देना नहीं चाहते। इन देशों ने बल्कि संयुक्त राष्ट्र को एक साधन बनाने की कोशिश की और यही कारण है कि एक नियम आधारित निकाय के रूप में संयुक्त राष्ट्र की छवि को झटका लगा है।
बुधवार, 30 अक्टूबर 2019

सं.रा निष्पक्ष संस्थान के रूप में नहीं उभर सका : मोदी
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