नयी दिल्ली 01 अक्टूबर, सरकार ने देश-विदेश में उर्दू के प्रचार-प्रसार के लिए राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद (एनसीपीयूएल) का बजट 45 करोड़ से बढाकर 84 करोड़ रूपये कर दिया है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में परिषद के कार्यकारिणी बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में श्री निशंक ने उर्दू भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए परिषद की एक नयी वेबसाइट का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में परिषद को सरकार 45 करोड़ रूपये का अनुदान देती थी जिसे 2019-20 में बढाकर 84 करोड़ रूपये कर दिया गया है। इस तरह उसके बजट में 45 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। श्री निशंक ने कहा कि इस बढी हुई राशि को कारगर तरीके से खर्च करने की जरूरत है क्योंकि सरकार उर्दू भाषा के विकास के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने परिषद के निदेशक और उपाध्यक्ष को सलाह दी कि वे सरकार की इस प्रतिबद्धता को लोगों तक पहुंचाये। बैठक में कश्मीर के छात्रों को कागज के उत्पाद बनाने के लिए प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम जारी रखने का निर्णय लिया गया। इस कार्यक्रम पर हर साल 15 लाख रूपये खर्च किये जाते हैं और इसे कश्मीर विश्वविद्यालय के माध्यम से चलाया जा रहा है। बैठक में परिषद ने आगामी पांच साल के कार्यक्रमों और योजनाओं की रूपरेखा भी पेश की।
बुधवार, 2 अक्तूबर 2019
उर्दू कौंसिल का बजट दोगुना किया गया
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