भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए रणनीति बनायें वायु सेना: राजनाथ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 25 नवंबर 2019

भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए रणनीति बनायें वायु सेना: राजनाथ

air-force-should-formulate-strategy-in-view-of-future-challenges-rajnath
नयी दिल्ली 25 नवम्बर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि रणनीतिक एयरोस्पेस ताकत बनने की ओर अग्रसर वायु सेना को भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए रणनीति बनानी चाहिए।श्री सिंह ने यहां वायु सेना मुख्यालय में शीर्ष कमांडरों के सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए कहा ,“ पूरे देश को वायु सेना पर गर्व है। मैं वायु सेना की दक्षता तथा कौशल के लिए उसकी सराहना करता हूं। वायु सेना के रणबांकुरें और उनके परिवार भी देश को सक्षम और युद्ध में पारंगत सेना देने के लिए बधाई के पात्र हैं। ” उन्होंने कहा कि वायु सेना ने समय समय पर अपनी क्षमता और ताकत का लौहा मनवाया है और विदेशी वायु सेनाएं उसके साथ सहयोग बढाने तथा संयुक्त अभ्यास के लिए उत्सुक हैं।रक्षा मंत्री ने कहा कि सैन्य उत्पादों के आयात पर निर्भरता कम करके और घरेलू क्षमता बढाकर देश की रक्षा क्षमता को निरंतर बढाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें स्वदेशी डिजायन विकसित करने के नये अवसरों का लाभ उठाना होगा और इस दिशा में वायु सेना के प्रयास सराहनीय हैं। शीर्ष कमांडरों को इस सम्मेलन में भविष्य की चुनौतियों के लिए रणनीति बनानी होगी तथा वायु सेना की क्षमता बढानी होगी। उन्होंने कहा कि वायु सेना सही मायने में रणनीतिक एयरोस्पेस ताकत बनने की ओर अग्रसर है।वायु सेना प्रमुख आर के एस भदौरिया ने रक्षा मंत्री को मौजूदा हालातों और वायु सेना के कामकाज के बारे में जानकारी दी। कमांडरों को संबोधित करते हुए उन्होंने संचालन क्षमता बढाये जाने की जरूरत पर बल दिया जिससे कि शत्रु के दुस्साहस को करारा जवाब दिया जा सके। वायु सेना की रख-रखाव क्षमता में निरंतर बढोतरी और उसे अजेय बनाने के लिए उन्होंने नये विमानों के अधिकाधिक इस्तेमाल पर बल दिया। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उन्होंने सेना और नौसेना के साथ संयुक्त प्रशिक्षण की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि मिलकर काम करने की भावना को मजबूत बनाया जाना चाहिए।दो दिन के इस सम्मेलन में वायु सेना के शीर्ष कमांडर संयुक्त अभियानों , ड्रोन रोधी अभियानों , विषम परिस्थितियों में लड़ाई , साइबर और इंफोर्मेंशन वारफेयर क्षमता बढाने पर गहन मंथन करेंगे। इसके अलावा स्वेदशीकरण, खरीद प्रक्रिया को सुगम बनाने , प्रशिक्षण को गहन बनाने तथा जनशक्ति के इस्तेमाल पर भी विचार विमर्श किया जायेगा।इस मौके पर रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नायक, रक्षा सचिव डा अजय कुमार , रक्षा सचिव (उत्पादन) सुभाष चंद्रा और वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। 

कोई टिप्पणी नहीं: