महापर्व के अवसर पर छठ पूजा समिति द्वारा व्रतियों को गंदगी से बचाने के लिए मार्गों को सफाई कर चकाचक कर दिया गया है.सड़क को बिजली से नहा दी गयी है.वहीं तोरणद्वार बनवाने में ख्याति प्राप्त बुर्जुग दीघा,पटना के द्वारा इस साल तोरणद्वार नहीं बनाया जा रहा है.
पटना, 01 नवम्बर (आर्यावर्त संवाददाता) . लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान गुरुवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। नहाय-खाय को लेकर जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के श्रद्धालुओं में उत्साह दिखा। व्रतियों ने स्नान-ध्यान कर अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी बनायी। इस कार्य में घर की अन्य महिलाओं ने भी सहयोग किया। घर में छठी मइया के गीत गाये जा रहे थे। उसी भक्ति गीत के बीच प्रसाद भी बन रहा था। पतनेश्वर घाट के अलावा अन्य घाटों पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी। जिन जगहों पर व्रती प्रसाद बना रहे थे उन जगहों को सबसे पहले नदी के पवित्र जल से शुद्ध किया गया। नदी में स्नान करने के बाद व्रतियों ने भगवान भाष्कर की पूजा भी की। नदी के तट पर स्थानीय शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से भी श्रद्धालु पहुंचे थे। धार्मिक गीतों से शहर और गांव का वातावरण भक्तिमय बना हुआ था। शहर के अधिकांश मुहल्लो के घरों से छठी मइया के गीत सुनाई पड़ रहे थे। प्रथम दिन 31 अक्टूबर को नहाय-खाय खत्म हो गया.आज द्वितीय दिन 01 नवम्बर को खरना है.तृतीय दिन 02 नवम्बर को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा.चतुर्थ दिन 03 नवम्बर को उदयीमान भगवान दिवाकर को अर्घ्य दिया जाएगा. पटना प्रमंडल के प्रमंडलाधिकारी संजय अग्रवाल ने 22 खतरनाक घाटों को चिन्हित किया है.जिन 22 घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है, वो हैं- बुद्ध घाट, अदालत घाट, मिश्री घाट, टीएन बनर्जी घाट, जजेज घाट, कुर्जी पाटलिपुत्र घाट, एलसीटी घाट, बंशी घाट, अंटा घाट, जहाज घाट, सिपाही घाट, बीएन कॉलेज घाट, बांकीपुर घाट, खाजेकलां घाट, पत्थर घाट, अदरक घाट, गरेरिया घाट, पिदमड़िया घाट, नंद गोला घाट, नुरुउद्दीन घाट, बुंदेल टोली घाट और दमराही घाट.दानापुर से लेकर पटना सिटी तक 90 से अधिक घाटों को छठ व्रतियों के लिए तैयार किया जा रहा है. गंगा तट पर घाट बनाने की तैयारी चल रही है और कुछ जगहों पर व्रतियों की सुविधा के लिए सीढ़ीनुमा घाट भी बनाए गए हैं. नदी में अधिक पानी वाले क्षेत्रों में एहतियातन बैरिकेडिंग की जा रही है. पटना जिला के सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सकों के साथ स्वास्थ्यकर्मिंयों की टीम को घाटों पर नियुक्त की है.यहां पर एम्बुलैंस को भी तैयार रखा गयाहै.पीएमसीएच,एनएमसीएच आदि हॉस्पिटलों में बेड तैयार रखा गया हैं. गंगा नदी में एनडीआरएफ व एसआरपीएफ टीम तैनात रहेंगे.गोतोखोरों को भी तैयार रखा गया है. महापर्व के अवसर पर छठ पूजा समिति द्वारा व्रतियों को गंदगी से बचाने के लिए मार्गों को सफाई कर चकाचक कर दिया गया है.सड़क को बिजली से नहा दी गयी है.वहीं तोरणद्वार बनवाने में ख्याति प्राप्त बुर्जुग दीघा,पटना के द्वारा इस साल तोरणद्वार नहीं बनाया जा रहा है.
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