वीरांगना झलकारी बाई जयंती के अवसर पर सम्मान समारोह का आयोजन
बेटी बचाओ बेटी पढाओं योजनांतर्गत बालिकाओं की षिक्षा तथा लिंगानुपात को बढाने हेतु विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही है। बेटी बचाओं बेटी पढाओं योजना का उद्देष्य लडकियों के महत्व के बारे में लोगो को जागरूक करना एवं लडकी के लिए कल्याण सेवा की दक्षता में सुधार करना, कन्या भु्रण हत्या को समाप्त करना, लडकियो की सुरक्षा सुनिश्चित करना ओर उनको अच्छी शिक्षा प्रदान करना है। उक्त बातें वीरांगना झलकारी बाई जयंती के अवसर पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोगराराम में आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा कही गई। अतिथियों द्वारा वीरांगना झलकारी बाई के जीवन पर प्रकाष डालते हुए बताया की का झलकारी बाई का जन्म 22 नवंबर 1830 को झांसी में तथा मृत्यू 4 अप्रेल 1857 को हुई थी झलकारी वचपन से ही वहुत साहसी और दृड प्रतिज्ञ वालिका थी वह रानी लक्ष्मी वाई की महिला शाखा दुर्गा सेना की सेनापती थी । उन्होंनंे प्रथम स्वाधीनता संग्राम में झाॅसी की रानी के सांथ व्रिटिष सेना के विरूद्व अद्रुत वीरता से लडते हुए ब्रिटिष सेना के. कई हमलों कों विफल किया था। कार्यक्रम निबंध, चित्रकला, स्लोगन, प्रतियोगिता आयोजित की गई। एवं हाईस्कूल में कु0स्मििता, हायर सेकण्डरी परीक्षा में वर्षा, रीतिका, सोनम, प्रियंका को सर्वाधिक अंक प्राप्त करने तथा आरती को उत्कृष्ट गतिविधि हेतु ट्राफी एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। बेटी वचाओ बेटी पढाओ योजना अन्र्तगत बालिकाओं को स्वास्थ्य एंव स्वच्छ वातावरण प्रदान करने हेतु विभाग द्वारा विघालय की समस्त वालिकाओं को सेनेटरी पेड वितरण किये गये । इसी प्रकार परामर्षदाता सुरेष पांचाल द्वारा विभागीय योजनाओं बेटी बचाओं बेटी पढाओं, लाडो अभियान, समेकित बाल संरक्षण योजना, पाॅक्सो एक्ट, आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में स्कूल प्राचार्य व्हाय के माथुर, श्रीमति कविता शर्मा , परामर्शदाता सुरेश पांचाल, पर्यवेक्षक श्रीमति निधि शर्मा, बाल संरक्षण अधिकारी अनिल पोलाया, सरपंच श्रीमति संतोष वाई आदि के साथ विद्यालय का समस्त स्टाफ एवं छात्राए शौर्यादल सदस्य, केर ग्रुप सदस्य, जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
जलवायु परिवर्तन - गंभीर समस्या
विश्व एक परिवार है, परिवार में इंसान, पेड़, जानवर, कई प्राकृतिक और मानव निर्मित चीजें जैसे कई सदस्य हैं । हम पृथ्वी पर रहते हैं और यहाँ एक वायुमंडल है जिसमें वायु, गैस और कई तत्व हैं। जलवायु परिवर्तन मानव कर्मों के कारण वातावरण में परिवर्तन है। मानवीय कर्म वातावरण के तापमान को बढ़ाते हैं। मौसम में जलवायु परिवर्तन कार्बन डाइऑक्साइड की बढ़ती मात्रा के कारण होता है। जलवायु परिवर्तन एक जीवन बदलने वाली हानिकारक घटना है। दूसरे शब्दों में, अम्लीय वर्षा, अप्रत्याशित रासायनिक प्रतिक्रियाएँ, पृथ्वी का बढ़ा हुआ तापमान जलवायु परिवर्तन के प्रमाण हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण, मौसम गर्म हो रहा है, ग्लेशियर पिघलना, प्रदूषण, ग्रीन हाउस प्रभाव और ओजोन परत में छेद पृथ्वी के दुष्परिणाम हैं। कम बारिश की वजह से कई किसानों ने आत्महत्या तक कर ली है। जलवायु परिवर्तन के कारणों में औद्योगिक क्रांति, ईंधन का जलना, बढ़ती जनसंख्या और वनों की कटाई है। कई बार सरकार और अन्य संगठनों ने जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान, कार्यक्रम और सम्मेलन आयोजित किए हैं लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। जलवायु परिवर्तन दिन और मिनट से मिनट तक बढ़ रहा है। लोग अप्रत्याशित आपदाओं जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। जिस प्रकार हर समस्या का हल है उसी प्रकार जलवायु परिवर्तन का भी समाधान है। हमारे लिए, जलवायु परिवर्तन के बारे में बहुत अधिक आबादी जागरूक नहीं है। कई ग्रामीणों और अशिक्षित लोग सटीक समस्या को समझने में असमर्थ हैं। कुछ विचार हैं जो जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से लेने में सहायक हो सकते हैं:- विषय वस्तु के बारे में जागरूकता बढ़ाएं, स्थानीय जनता के लिए स्वतंत्र रूप से नुकसान के परिणाम दिखाएं, शिक्षा में जलवायु परिवर्तन के विषय को हर स्तर पर शामिल करें, वृक्षारोपण के बारे में लोगों को जागरूक करना, जलते हुए ईंधन का उपयोग करने से रोकना, पर्यावरण के अनुकूल वातावरण बनाएं, अक्षय संसाधनों का उपयोग करें, प्राकृतिक चक्र को परेशान न करें, मोटर बाइक के स्थान पर साइकिल का उपयोग करें, नई तकनीक द्वारा कम कार्बन पदचिह्न उत्पादक के नए संसाधनों का उपयोग करें। केवल सरकार के अभियान वास्तव में इसे स्थानीय लोगों के सामने नहीं रख सकते। इसके लिए कार्रवाई करना युवाओं की जिम्मेदारी है। जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए भारत लगातार ताकत बढ़ा रहा है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र की अनेक इकाईयां विशेषकर यू.एन. एन्वायरमेंट एवं संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम इस क्षेत्र में कार्यरत है|
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के तहत ओडीएफ प्लस-प्लस की तैयारियां शुरु
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के तहत सपूर्ण भारत में चलाए जा रहे ओडीएफ प्लस-प्लस अभियान के क्रियान्वयन के लिए गठित दल द्वारा अलग-अलग दिनों में अलग-अलग स्थानों पर सर्वे का कार्य शुरु किया जा रहा है। कार्यक्रम को पूर्ण सफल बनाने क दिशा में शुक्रवार को मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री संदीप श्रीवास्तव ने स्वच्छता निरीक्षक एवं सफाई अमले के साथ नगर के सुलभ शौचालयों सहित अन्य स्थानों का अवलोकन किया। मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री श्रीवास्तव ने अमले को स्वच्छता संबंधी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
"शुद्ध के लिए युद्ध" अभियान अन्तर्गत की जा रही कार्यवाही
किसान कल्याण तथा कृषि विकास सीहोर के उपसंचालक ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में कृषकों को मानक स्तर का खाद बीज प्राप्त हो इसके लिए जिले में 15 से 30 नवंबर तक गुणनियंत्रण "शुद्ध के लिए युद्ध" हेतु सघन अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के अन्तर्गत जिला, अनुविभाग एवं विकासखंड स्तर पर टीम का गठन कर खाद, बीज एवं काटीनाशक विक्रेताओं के विक्रय केन्द्रों का निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गत दिवस जिला स्तर पर गठित गुण नियंत्रण दस्ते द्वारा गत दिवस 86 कीटनाशक विक्रेताओं के विक्रय केन्द्र का निरीक्षण करते हुए 25 कीटनाशक नमूनें लिए गये एवं 32 बीज विक्रेताओं के विक्रय केन्द्र का निरीक्षण करते हुए 32 नमूने एवं इसी प्रकार 93 उर्वरक विक्रेताओं के विक्रय केन्द्रों का निरीक्षण करते हुए 64 उर्वरक नमूने लिये गये है। विक्रेताओं के विक्रय केन्द्रों के अव्यवस्थित रिकार्ड पाये जाने पर संबंधित विक्रेताओं को वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी द्वारा 03 दिवस के अन्दर रिकार्ड दुरूस्त कर दिखाने हेतु निर्देशित किया गया। "शुद्ध के लिए युद्ध" अभियान के तहत 30 नवंबर तक लगातार सघन निरीक्षण किए जाएंगे एवं किसी भी प्रकार की अनियमित्ता पाए जाने पर कीटनाशी अधिनियम 1968 उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
पुरूष नसबंदी पखवाड़ाः- प्रचार-प्रसार सारथी रथ रवाना
गांव-गांव भ्रमण कर दी जाएगी परिवार कल्याण सेवाओं की जानकारी
पुरूष नसबंदी पखवाडा (21 नवंबर से 4 दिसंबर 2019) के अंतर्गत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से आज प्रचार-प्रसार सारथी रथ को जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ.टी.आर.उईके ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रथ द्वारा गांव-गांव भ्रमण कर परिवार कल्याण योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रभाकर तिवारी ने जानकारी दी कि दो चरणों में संचालित होने वाले पखवाडे़ में 21 नवंबर से 27 नवंबर तक सामाजिक जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएगी। जिला स्तर प्रचार-प्रसार सारथी रथ द्वारा ग्रामीण स्तर पर भ्रमण कर प्रचार-प्रसार किया जाएगा वहीं प्रचार-प्रसार सामग्री का आम लोगों को वितरण किया जाएगा। इस दौरान सेक्टर सुपरवाईजर, एमपीडब्ल्यू, ए.एन.एम., आषा सहयोगी तथा आशा कार्यकर्ता द्वारा ग्रामीण स्तर पर घर-घर पहुंचकर परिवार कल्याण के लक्ष्य दंपत्ति चिन्हित किए जाएंगे तथा चिन्हित दंपत्तियों को सेवा आवष्यकता के लिए ब्लाक स्तर पर आयोजित निश्चित दिवसों में विशेषज्ञ एन.एस.व्ही.टी., एल.टी.टी.सर्जन द्वारा परिवार कल्याण की स्थायी सेवाएं प्रदान की जाएगी। 28 नवंबर से 4 दिसंबर 2019 तक सेवा प्रदायगी सप्ताह का संचालन होगा जिसमें पूरे जिले में ब्लाक स्तर परिवार कल्याण की सेवाएं विशेष रूप से दी जाएगी। पखवाडे़ के दौरान ग्रामीण स्तर पर चौपाल लगाकर, जनप्रतिनिधियों की बैठक लेकर भी परिवार कल्याण सेवाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी तथा ग्रामीण स्तर पर तथा समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में अस्थायी सेवाएं दी जाएगी। पुरूष नसबंदी पखवाडा की थीम पुरूषों की अब है बारी, परिवार नियोजन में भागीदारी रखी गई है।
कृषक पुत्र-पुत्रियों को मुख्यमंत्री योजनाओं के अन्तर्गत स्वयं का उद्योग स्थापित करने के लिए कर सकते हैं ऑनलाईन आवेदन
जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के कार्यपालन यंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी, युवा उद्यमी, आर्थिक कल्याण एवं सावत्रीबाई फूले स्वसहायता समूह योजना अन्तर्गत इच्छुक आवेदन स्वयं का व्यवसाय कर सकते हैं। मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना अन्तर्गत कृषक पुत्र-पुत्रियों को उद्योग स्वरोजगार स्थापना के लिए 50 हजार रुपए से 2 करोड़ रुपए तक का बैंक ऋण राशि मार्जिनमनी सहायता 12 लाख एवं बीपीएल के लिए पूंजी लागत का 20 प्रतिशत प्रदाय किया जाएगा। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना अन्तर्गत आवेदक की उम्र 18 से 40 वर्ष के मध्य हो शैक्षणणिक योग्यता 10 वीं उत्तीर्ण हो स्वयं का उद्योग सेवा उद्यम स्थापित करने के लिए बैंक के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराना है। आवेदक 10 लाख से 2 करोड़ तक ऋण एवं 12 लाख रुपये तक का अनुदान प्राप्त कर सकता है। आय का बंधन नहीं है, लेकिन बैंक का चूककर्ता डिफाल्टर न हो। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अन्तर्गत उद्योग सेवा की स्थापना के लिए आवेदक की शैक्षणिक योग्यता 5 वीं उत्तीर्ण हो आवेदक की उम्र 18 से 45 वर्ष के मध्य हो बैंक का चूककर्ता न हा आय का कोई बंधन नहीं है। आवेदक 10 लाख तक का ऋण एवं 2 लाख तक की मार्जिनमनी सहायता प्राप्त कर सकता है। मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना अन्तर्गत आवेदक 18 से 55 वर्ष के मध्य हो, बैंक का चूककर्ता न हो, बीपीएल कार्डधारी/पीडीएस कार्ड धारी 50 हजार तक का ऋण एवं 15 हजार तक का अनुदान प्राप्त कर सकता है। सावित्री बाई फुले स्वसहायता समूह योजना अन्तर्गत लघु, कुटीर उद्योग आवेदिका 18 से 15 वर्ष के मध्य हो बीपीएल कार्डधारी हो एवं बैंक का चूककर्ता न हो। प्रत्येक समूह में 5 से 10 या अधिक का समूह हो सकता है। 50 हजार रुपये पर प्रत्येक को 15 हजार रुपय तक का अनुदान देने का प्रावधान है। सभी योजनाएं अनुसूचित जाति वर्ग के आवेदकों के लिए है। आवदेक एमपी ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से www.scwelfare.mponline.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं एवं अधिक जानकारी के लिए कार्यालयीन समय पर कलेक्ट्रेट भवन के कक्ष क्रमांक 122 में संपर्क कर सकते हैं।
नेहरू युवा केन्द्र द्वारा किया गया 3 दिवसीय युवा नेतृत्व एवं समुदाय विकास प्रशिक्षण का आयोजन
नेहरू युवा केन्द्र द्वारा निःशुल्क 3 दिवसीय आवासीय युवा नेतृत्व एवं समुदाय विकास प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। ये प्रशिक्षण 24 नवंबर तक नसरुल्लागंज में सम्पन्न होगा। नेहरू युवा केन्द्र की जिला युवा समन्वयक सुश्री निक्की राठौर ने बताया कि इस प्रशिक्षण का मूल उद्देश्य है युवाओं में नेतृत्व की क्षमता का वर्धन करना तथा समुदाय विकास के मार्ग से उन्हें राष्ट्र निर्माण की तरफ अग्रसर करना है। इस उद्देश्य के साथ सम्पूर्ण जिले से आये हुए 40 युवा प्रशिक्षणार्थी आने वाले 3 दिनों में नेहरू युवा केंद्र का परिचय एवं उद्देश्य, नेतृत्व विकास, समुदाय विकास, सरकार द्वारा निकली गई। लोन पालिसी, संविधान, साम्प्रदायिकता, मनोविज्ञान आदि जैसे भिन्न विषयों पर भोपाल, सीहोर एवं नसरुल्लागंज से आये विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र पर भारत स्काउट एंड गाइड के जिला कमिशनर श्री राजेश लखेरा जी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया जिन्होंने सर्वप्रथम स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण कर प्रशिक्षण का आरंभ किया एवं समस्त प्रशिक्षणार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। नेहरू युवा केन्द्र द्वारा मुख्य अतिथि महोदय को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया तथा उनका आभार व्यक्त किया गया। प्रशिक्षण का संचालन स्वामी विवेकानंद मंगल सांस्कृतिक युवा मंडल के अध्यक्ष श्री रवि पंवार द्वारा किया गया। इस अवसर पे नेहरू युवा केन्द्र के सेवानिवृत्त जिला समन्वयक श्री कुशल राय, पंजाब नेशनल बैंक के पूर्व सीनियर क्रेडिट मैनेजर एवं ए. के. साहू एंड एसोसिएट्स के सी.ए. श्री अजय साहू एवं स्किलवेंट्री की पूर्व एग्जीक्यूटिव एच.आर सुश्री नेहा राठौर के संग स्वामी विवेकानंद मंगल खेल युवा मंडल के अध्यक्ष श्री रजत मालवीय श्री प्रबल कुमार, श्री सतीश यादव, श्री सुनील पवार भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ का नारा है, ‘‘जिंदगी को रखना हो खुशहाल तो रखें स्वास्थ्य का ख्याल।’’
बंधुओं, जब मुझे स्वास्थ्य मंत्री नियुक्त किया गया तब मैं विचार कर रहा था कि आखिर मुझे ही यह दायित्व क्यों दिया गया। तब एक दिन मुख्यमंत्री ने मुझे बताया कि तुलसी तुमने अपने जीवन में बहुत अधिक कठिनाईयों का सामना किया है अतः मैं जानता हूं कि वंचित वर्ग की पीड़ा तुमसे अधिक कोई और नहीं समझ सकता। आज सबसे बड़ी चुनौती ‘‘मध्यप्रदेश का स्वास्थ्य ठीक करने की है।’’ मित्रों, मैं गवाह हूं, मैंने बेबसी और गरीबी को भोगा है, जिया है गरीब परिवार का एक सदस्य भी बीमार हो जाये तो पूरा परिवार आर्थिक रूप से तबाह हो जाता है। इसलिए हम सब चाहते है कि प्रदेश के नागरिकों के स्वास्थ्य का ख्याल सरकार रखें और वो भी उसे कानूनी अधिकार देकर स्वास्थ्य का कानूनी अधिकार ‘राईट-टू-हेल्थ’। मैं इस बात को स्वीकार करता हूं कि हमारी सरकार को मप्र भीषणतम बीमारी की हालत में सौंपा गया। कई बच्चे कुपोषण का शिकार थे, शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर सर्वाधिक थी, चिकित्सकों और अन्य स्टाफ की बेहद कमी थी अर्थात पूरे प्रदेश को बीमारियों ने घेर रखा था। मगर हम संकल्पबद्ध है कि प्रदेश को दे श का सर्वाधिक स्वस्थ्य प्रदेश बनायेंगे। इसलिए हमनें ‘राईट-टू-ह ेल्थ’ की पहल की और मध्यप्रदेश का का पहला राज्य होगा, जो अपने नागरिकों को स्वास्थ्य का कानूनी अधिकार देगा। हम अपने नागरिकों को स्वास्थ्य का कानूनी अधिकार देकर निः शुल्क जांचे, निःशुल्क उपचार, निःशुल्क औषधियां और चिकित्सकीय निः शुल्क परिवहन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध होंगे। राईट-टू-हेल्थ को कानूनी रूप तैयार करने के लिए एक डांफ्टिंग कमेटी का गठन किया गया है, जो सभी व्यवहारिक, कानूनी और प्रशासनिक पहलुओं पर गौर करते हुए मसौदा तैयार करेगी। डंफ्टिंग कमेटी द्वारा तैयार किया गया मसौदा एडवायजरी बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। इस बोर्ड में लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ के श्रीनाथ रेड्डी, अध्यक्ष, पीएचएफआई, डॉ. सुजाता राव, श्री ए. के शिवक कुमार, डॉ वी. विजयकुमार, डायरेक्टर एन.एल.आई.यू डॉ वंदना गुरनानी अति. स्वास्थ्य सचिव भारत सरकार व अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं। हमारी हर संभव कोशिश होगी कि हम विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में ‘राईट-टू-हेल्थ’ विधेयक अनुमोदनार्थ प्ररस्तुत करें। स्वास्थ्य सेवाओं का स्वप्न हो रहा साकार:- हमें इस बात का गंभीरता से आभास है कि चिकित्सकों एवं चिकित्सालय से जुड़े स्टाफ की कमी को पूरा किए बगैर हम अपने लक्ष्या को हासिल नहीं कर सकते। इसलिए हमने इसे प्राथमिकता से लेते हुए प्रदेश में अब तक 600 संविदा एनएचएम चिकित्सकों, 1002 बंधपत्र चिकित्सकों तथा 547 पीएससी बैकलाग चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है। साथ ही 100 सेवानिवृत्त चिकित्सकों की सीधी भर्ती प प्रक्रियाधीन है। इस प्रकार हमने कुल 2249 चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र दिये हैं। इसी प्रकार 1033 स्टाफ नर्सों की निय ुक्ति की गई तथा 760 स्टाफ नर्सों की भर्ती प्रक्रियाधीन है। साथ ही 2019 एएनएम की भर्ती की प्रक्रियाधीन है तथा 1550 कम्युनिटी हेल्थ आफीसर्स की नियुक्ति की गई है।
बेहतर स्वास्थ्य की ओर बढ़ते कदम:-
महानगरों के प्रत्येक वार्ड में संजीवनी क्लीनिक प्रांरभ किये जाएंगे, 4366 संविदा पैरामेडिकल पदों पर शीघ्र नियुक्ति एवं एनएचएम के अंतर्गत 279 संविदा होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति शीघ्र की जायेगी। साथ ही एनएचएम के अंतर्गत 351 संविदा आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी, 80 संविदा यूनानी चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती भी शीघ्र की जायेगी। अगले ढाई वर्षों में 10 हजार कम्यूनिटी हेल्थ आफीसर्स और एनएचएम के अंतर्गत 42 संविदा दन्त शल्य चिकित्सकों की भर्ती भी शीघ्र की जायेगी। चूंकि, कांगे्रस की संवेदनशील सरकार प्रदेश के हर वर्ग और हर क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता चाहती है, इसलिए हमने मुख्यमंत्री सुषेण संजीवनी योजना प्रारंभ करने का मानस बनाया है, जिसे हम मध्यप्रदेश के 20 जिलों के 89 अधिसूचित विकासखंड़ों में प्रांरभ करने जा रहे हैं। साथ ही हेल्थ इन्वेस्टर्स पालिसी और फार्मा पालिसी को आकार देरहे हैं तथा चिकित्सकों के लिए चिकित्सालयों में सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक अनिवार्य उपलब्धता का निर्णय ले चुके हैं।
‘शुद्ध के लिए युद्ध’ का शंखनाद:-
मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने मिलावट मुक्त मध्यप्रदेश का बीड़ा उठाया है। ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान के तहत 19 जुलाई 2019 से 18 नवम्बर 2019 तक दूध एवं दुग्ध उत्पादों, अन्य पदार्थों/ पान मसाला सहित कुल 9283 नमूने जांच के लिए लिये गये हैं। अभी तक मिलावटखोरी करने वालों कारोबारियों के विरूद्व 94 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और 32 कारोबारियों के खिलाफ रासूका की कार्यवाही की गई हैं जिसमें आज तक 3963 नमूनों की जांच में 840 अवमानक, 231 मिथ्या छाप, 42 मिलावटी, 38 असुरक्षित और 30 प्रतिबंधित नमूने पाये गये हैं। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि प्रदेश पूर्ववती भाजपा सरकार में मिलावटखोरी के कारोबार के खिलाफ कार्यवाही को गंभीरता से नहीं लिया और नमूनों की जांच के लिए मानक स्तर की एक मात्र प्रयोगशाला भोपाल में स्थापित की। हमने इसको गंभीरता से लेते हुए तत्काल तीन आधुनिक प्रयोगशाला इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर में स्थापित करने की न सिर्फ स्वीकृती प्रदान की, अपितु उनका भूमिप पूजन भी कर दिया गया। इतना ही नहीं अतिरिक्त दो नई प्रयोगशाला सागर और उज्जैन में भी प्रांरभ कर दी जाएगी। इसके अतिरिक्त दो आधुनिक चलित खाद्य प ्रयोगशाला भी संचालित की जा रही हैं तथा दो और नवीन चलित खाद्य प्रयोगशाला प्रारंभ करने की योजना है। खाद्य प प्रतिष्ठानों के लिए हाईजीन रेटिंग रिस्पोंसिबल प्लेस टू ईट योजना के तहत एक से पांच रेंटिंग वाले हाईजीन रेटिंग निर्धारित की गई है। चार से अधिक रेटिंग प्राप्त होने वाल प्रतिष्ठानों को रिस्पोंसिबल प्लेस टू ईट का लेबल प्राप्त होगा।
डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों का निदान:-
आप सब जानते हैं, कि इस वर्ष बारिस की अधिकता के कारण डेंगू, मलेरिया एवं चिगनगुनिया जैसी बीमारियां व्यापक मात्रा में फैल रही हैं। स्वास्थ्य विभाग इन बीमारियों से निपटनें के लिये पूरी निष्ठा के साथ कार्य कर रहा है। वर्ष 2019 में प्रदेश भर में डेंगू के 3532 एवं चिकनगुनियां के 592 मामले प्रकाश में आये हैं। इनमें से डेंगू के 1638 मामले भोपाल में, 402 मामले जबलपुर में, 374 मामले ग्वालियर में एवं 227 मामले इन्दौर में प्रकाश में आये हैं। इसी तरह चिकनगुनिया के भी अधिकतर मामले भोपाल एवं इन्दौर में ही प्रकाश में आये है। इन खतरनाक बीमारियों से लड़ने के लिये हमारे द्वारा जिला प्रशासन, नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त कार्ययोजना बना कर लगातार काम किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते स्वयं मेरे द्वारा भी लगातार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया जा रहा है। हम प्रतिबद्ध हैं, कि ड ेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से किसी भी स्थिति में जनता को परेशान नहीं होने देंगे।
नवीन अस्पताल भवनों का निर्माण एवं उन्नयन कार्य :-
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं बेहतर से बेहतर बनाने के लिये हमारे द्वारा लगातार प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थाओं का विकास किया जा रहा है। इस दिशा में हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में 70 स्वास्थ्य संस्थाओं का उन्नयन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश भर में बेहतर स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 42 नवीन स्वास्थ्य संस्थाऐं एवं 701 ग्रामीण उप स्वास्थ्य केन्द्रों की जा रही है। इस प्रकार मप्रद सरकार द्वारा प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने की दिशा में हर संभव निरंतर सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। अंततः पत्रकार साथियों, हम विनम्रता से अपने अनथक प्रयासों को आपके सम्मुख रख रहे हैं। प्रदेश के प्रत्येक परिवार के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए तथा प्रत्येक नागरिकों को शुद्ध खाद्य पदार्थ की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए हमारी सरकार हम प्रतिबद्ध हैं।


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