पटना,14 नवम्बर (आर्यावर्त संवाददाता) । भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जी का जन्म दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बेतिया क्रिश्चियन क्वार्टर में रहती हैं स्वाति सुनील। इनका अलग ही शौक है। बाल दिवस और क्रिसमस के अवसर पर असहाय बच्चों के साथ मिलकर जश्न मनाती हैं।
रद्दी कागज चुनते बीता बाल दिवस
आज बाल दिवस है। राजधानी पटना के दीघा थाना क्षेत्र के बालूपर मुसहरी के बच्चे हैं। ये लोग भी बालक हैं। फर्क यह है कि बालक इंडिया का नहीं भारत के नागरिक के पुत्र-पुत्री हैं।सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं के सिर्फ चहेते हैं। दोनों योजना बनाते हैं पर परिणाम सामने है।इस लड़की का नाम दामिनी है। यह बोलती तस्वीर सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं के दामन पर दाग लगाने में पर्याप्त है।कद से बड़ा बोरा लेकर रद्दी कागज चुन रहे है।इसे बेचकर बाल दिवस का जश्न लेबनचुज खाकर मनाएंगे।
आपके कार्य से एन.जी.ओ.के लोग शरमा जाएंगे
बेतिया क्रिश्चियन क्वार्टर में रहती हैं स्वाति सुनील। इनका अलग ही शौक है। बाल दिवस और क्रिसमस के अवसर पर असहाय बच्चों के साथ मिलकर जश्न मनाती हैं। स्वाति सुनील ने कहा कि आज मैंने बाल दिवस अपने गरीब और असहाय बच्चों के साथ मनाया।उनका कहना है कि एकबार फिर मेरे दोस्तों के साथ छोटे बच्चों की तरह अपना जीवन जिया और कुछ पल हंस कर खेल कर नाच कर मन बहलाया और उन सभी असहाय बच्चों के साथ अपने जीवन की खुशियां बांट दी। रीड मदर तेरेसा एवं बालगृह के बच्चों के साथ बिताए हमने कुछ सुनहरे पल। स्वाति सुनील कहती हैं कि उनका फ्रेंडशिप डांस एकेडमी है। जो चर्च रोड, बेतिया क्रिश्चियन क्वार्टर में अवस्थित है। यहां से जो भी आमदनी होता है उसे असहाय लोगों को खुश करने में लुटा देती हैं। इस तरह के कार्य से एन.जी.ओ.भी शरमा जाए।मरियम टोला के बच्चों के साथ बालगृह के बच्चों के साथ मनाया गया बाल दिवस। स्वाति सुनील, सृष्टि, सुजैन, कनक, देवजीत, विशाल आदि ने भी अपना सहयोग और योगदान दिया।
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