हैदराबाद बलात्कार कांड के आरोपी चार युवकों के मामले की तहकीकात के दरम्यान हुए पुलिस मुठभेड़ में मारे गए आरोपियों को लेकर जहां आम जनता में खुशी की लहर है वहीं बिहार के राजनेता के स्वर बदले-बदले नजर आने लगे हैं। हलांकि इस मसले पर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। पीड़ित लड़कियों के दर्द को महसूस करें और उनके परिजनों की जगह पर खुद को खड़ा कर सोचिए तो इसका ऐहसास होगा। मुठभेड़ में मारे गए दोषियों को लेकर पुलिस की ये कार्यवाही देश के लिए नजीर बन गया है। लेकिन बिहार में इस मसले पर नेताओं की अलग-अलग राय ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। जहां एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले के बाद कहा है कि बिहार में कानून व्यवस्था को हर हालत में सुदृढ़ रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया जा रहा है इससे युवा पीढ़ी की मानसिकता भी प्रभावित हो रही है। पोर्न साईट पर इंटरनेट के माध्यम से गंदी चीजें चलायी जाती हैं इससे युवाओं की मानसिकता पर बूरा प्रभाव पड़ता है। उस पर रोक लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बिहार के साथ-साथ पूरे देश में पोर्न साइट पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे। वहीं इन्हीं की सरकार में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने हैदराबाद एनकाउंटर पर बोले कि मॉब लिंचिंग का यह तरीका ठीक नहीं है, बल्कि अपराधियों को कोर्ट के माध्यम से सजा दी जाती तो अच्छा होता। आगे उन्होंने ये भी कहा कि पुलिस ने जो एनकाउंटर की कहानी सुनाई है वो अजीब तरीके की है।
हलांकि इस तरह के उपजे सवाल पर बिहार में विरोधी की भूमिका में काम करने वाले पूर्व सांसद पप्पू यादव का मानना है कि बलात्कारियों का यही अंजाम होना चाहिए। फैसला ऑन द स्पॉट, जो देश के लिए नजीर साबित होगा। लेकिन बेटियों का जिनके अपने घरों में यौन शोषण हो रहा है उनका एनकाउंटर कैसे होगा। आसाराम, चिन्मयानंद, कुलदीप सिंह सेंगर, राम रहीम का एनकाउंटर होगा तो वो एक उदाहरण साबित होगा। वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी इस घटना से आहत होते हुए कहा कि मैं इस तरह की घटना को सुन व्यथित हो जाती हूं, नेता से पहले मैं एक मां हूं। बिहार की विधि व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि यहां की विधि व्यवस्था ध्वस्त हो गया है और गुंडे, बलात्कारी मस्त है। अगर ऐसा नहीं है तो सरकार ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह के आरोपियों को अब तक सरकार सजा क्यों नहीं दी, फिर ये सवाल नीतीश कुमार से क्यों नहीं पूछी जाती। जबकि राजद के पूर्व सांसद रघुवंश प्रसाद सिंह ने हैदराबाद में पुलिस द्वारा किए गए एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कानून के अंदर ही कार्रवाई होनी चाहिए, एनकाउंटर का जांच कर देश को बताना होगा। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि बिहार की सत्ता और विपक्ष हैदराबाद एनकाउंटर मसले पर राजनेताओं के अलग-अलग राय हैं। कोई इसे बेहतर कदम बता रहा है तो कोई इसे कानूनी प्रक्रिया के मातहत कदम उठाने की बात कर रहा। अब ऐसे में तो यही कहा जा सकता है कि देश में चाहे कहीं भी किसी लड़की के साथ बलात्कार होती हो इस पर सियासत नहीं होनी चाहिए। बल्कि इस तरह की घिनौनी हरकत करने वाले दोषियों का हश्र यही होना चाहिए। मगर ये लोकतंत्र है साहब यहां राजनीतिक गोटियां भी सेंकने के लिए राजनेता अपने जमीर को बेंचने से बाज नहीं आएंगे।
-मुरली मनोहर श्रीवास्तव-
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