बिहार : सीएए-एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ इंसाफ मंच चलाएगा अभियान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 30 दिसंबर 2019

बिहार : सीएए-एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ इंसाफ मंच चलाएगा अभियान

पटना में राज्यस्तरीय बैठक में लिया गया फैसला, यूपी में आतंक राज स्थापित करने की गई निंदा.आंदोलनकारियों व अल्पसंख्यकों के दमन से बाज आए नीतीश सरकार
left-protest-against-caa-nrc-npr-bihar
पटना 30 दिसंबर, इंसाफ मंच की राज्यस्तरीय बैठक में सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान चलाने का फैसला किया गया है. आज पटना के छज्जूबाग में मंच की आयोजित बैठक में 25 जनवरी से पहले राज्य के प्रखंड मुख्यालयों पर कार्यक्रम आयोजित कर संघ-भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करने का निर्णय लिया गया.  बैठक में मंच के राज्य सचिव कयामुद्दीन अंसारी, मुजफ्फरपुर से सूरज कुमार सिंह व फहद आलम, सिवान से नईमुद्दीन अंसारी, मो. इम्तेयाज, नेयाज आलम सिद्दकी, मो. नईम आलम, शफी अहमद, मो. इस्हाक और भाकपा-माले नेता धीरेन्द्र झा उपस्थित थे. बैठक में यूपी और देश के अन्य दूसरे हिस्सों में एनआरसी-सीएए-एनपीआर के खिलाफ आंदोलन कर रहे लोगों खासकर अल्पसंख्यक समुदाय पर बर्बर पुलिसिया दमन की निंदा की गई. यूपी में आतंक राज की स्थापना करने की कोशिशों का तीखा प्रतिवाद किया गया. यूपी की ही तर्ज पर बिहार में भी आंदोलनकारियों को लगातार दबाया जा रहा है. 21 दिसंबर के बिहार बंद के दौरान औरंगाबाद व पटना के फुलवारीशरीफ में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले व जेल भेजे जाने की घटना की निंदा की गई. इंसाफ मंच के नेताओं ने कहा कि भाजपा व संघ देश में मनुस्मृति को थोपना चाहते हैं और अल्पसंख्यकों व दलित-गरीब व वंचित तबके को निशाना बना रहे हैं. सीएए कानून पूरी तरह से देश के संविधान के मूल चरित्र के खिलाफ है. इस कानून की वापसी तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी.  प्रेस बयान में आगे कहा गया है कि जब सीएए और एनआरसी पर केंद्र सरकार घिर गई है, तो प्रधानमंत्री मोदी झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं. कह रहे हैं कि एनआरसी पर कोई चर्चा ही नहीं हुई। अमित शाह कर रहे हैं कि एनआरसी और एनपीआर में कोई संबंध नहीं है. यह सरासर झूठ है. दरअसल एनपीआर एनआरसी की पहली कड़ी है. इंसाफ मंच के नेताओं ने तमाम न्यायप्रिय नागरिकों से देश को बचाने की इस लड़ाई में आगे बढ़कर हिस्सा लेने का आह्वान किया है. कहा कि इस ऐतिहासिक जनउभार में हिंदु - मुसलमानों की शानदार एकता देखने को मिल रही है, यही भारत का असली चरित्र है. हमें इस परंपरा और विरासत को जारी रखना होगा.

कोई टिप्पणी नहीं: