जयपुर, 11 जनवरी, दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हाल ही में हुई तोड़फोड़ एवं मारपीट की घटना की निंदा करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए । प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में यहां संवाददाताओं से बातचीत में गहलोत ने कहा, 'जेएनयू में नकाबपोश लोग घुसे, पुलिस की देखरेख में घुसे, तांडव मचाया, सरियों से और लाठियों से। बाहर निकले पुलिस घेरे (एस्कार्ट) में। हिंदुस्तान के इतिहास में कभी ऐसी घटना सुनी नहीं होगी जो पुलिस की देखरेख में हुई फिर भी पुलिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।' गहलोत ने कहा, 'अभी तक तो वहां के पुलिस के सभी अधिकारी भी निलंबित होने चाहिए थे, बल्कि निष्कासित होने चाहिए थे नौकरी से। जिनकी निगरानी में गुंडे लोग गए हों नकाब पहनकर के। उनको एस्कार्ट करके बाहर लाया गया हो, इसकी जांच होनी चाहिए।' उन्होंने कहा, 'इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए कि किसकी शह पर पुलिस वालों की इतनी हिम्मत बढ़ गई कि वे गुंडों को अंदर ले गए, बाहर लाए। किसका इशारा था ऊपर से उसकी भी जांच होनी चाहिए। न्यायिक जांच होनी चाहिए।' गहलोत ने कहा, ‘‘क्या हो रहा है देश की राजधानी के अंदर सरकार की नाक के नीचे, इसका जवाब देना चाहिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कोटा के एक अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत के मामले में मीडिया ट्रायल हुई और कुछ नेताओं ने राजनीति की जिससे पूरे देश में राजस्थान की बदनामी हुई।
शनिवार, 11 जनवरी 2020
जेएनयू घटना की न्यायिक जांच हो : गहलोत
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