रांची (आर्यावर्त संवाददाता) जनवरी के बीच होने वाले विधानसभा सत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का गठबंधन सदन में बहुमत साबित करेगा. इसके बाद कैबिनेट विस्तार होगा. सूत्रों का दावा है कि झामुमो और कांग्रेस के बीच मंत्रियों की संख्या पर सहमति नहीं बन पायी है. झामुमो 6 मंत्री पद चाहता है, तो कांग्रेस भी 5 मंत्री पद पर अड़ गया है. राजद के कोटे से एक मंत्री की घोषणा पहले ही हो चुकी है. इसलिए कांग्रेस या झामुमो में से किसी को एक मंत्री पद का त्याग करना होगा. यदि सहमति बनानी है, तो कांग्रेस को 4 मंत्री पद पर सहमत होना होगा या झामुमो को 5 मंत्री पद पर संतुष्ट होना होगा. यही वजह है कि कैबिनेट विस्तार में कुछ और वक्त लग सकता है. ज्ञात हो कि झारखंड में मुख्यमंत्री समेत कुल 12 मंत्री बन सकते हैं. कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि पार्टी 4 मंत्री पद पर मान जायेगी, अगर उसे विधानसभा अध्यक्ष का पद दे दिया जाये. यदि स्पीकर का पद कांग्रेस को नहीं मिलता है, तो पार्टी अपने कोटे से 5 मंत्री बनवाकर रहेगी. साथ ही यह भी कहा कि दोनों पार्टियां मिल-बैठकर इस मुद्दे को सुलझा लेंगी. सूत्र ने बताया कि विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित करने के बाद कांग्रेस और झामुमो के नेता बैठेंगे और इस मुद्दे का हल निकाल लेंगे. ज्ञात हो कि 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को 47 सीटें मिली हैं. झामुमो ने अकेले 30 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 16 और राजद ने एक सीट पर जीत दर्ज की है. गठबंधन को 50 विधायकों का समर्थन हासिल है.
शुक्रवार, 3 जनवरी 2020
हेमंत सोरेन सरकार का कैबिनेट विस्तार विधानसभा में शक्ति परीक्षण के बाद
Tags
# झारखण्ड
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
झारखण्ड
Labels:
झारखण्ड
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
संपादकीय (खबर/विज्ञप्ति ईमेल : editor@liveaaryaavart या वॉट्सएप : 9899730304 पर भेजें)

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें