विपक्षी दल वोट बैंक के लिए लोगों को कर रहे गुमराह : अमित शाह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 3 जनवरी 2020

विपक्षी दल वोट बैंक के लिए लोगों को कर रहे गुमराह : अमित शाह

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जोधपुर 03 जनवरी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के विरोध को गलत एवं दुष्प्रचार बताते हुए कहा है कि ये लोग वोट बैंक की राजनीति कर लोगों को गुमराह कर रहे है लेकिन इस कानून में कहीं भी किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है और इससे किसी को भी डरने की जरुरत नहीं है। श्री शाह आज सीएए के समर्थन में सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तथा अन्य कुछ विपक्षी दल वोट बैंक की राजनीति के लिए सीएए के खिलाफ दुष्प्रचार का अभियान शुरु कर देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे है। ये लोग लोकतंत्र के हितों के खिलाफ जा रहे है जबकि हम जनजागरण अभियान के तहत जनता के पास जाकर सीएए के बारे में अपना पक्ष रखेंगे। उन्होंने शरणार्थियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वे डरे नहीं, भाजपा इस मामले में एक इंच भी पीछे हटने वाली नहीं हैं और उनकी नागरिकता को कोई नहीं रोक सकता है, चाहे विपक्ष की सारी पार्टियां एक हो। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस, ममता, समाजवादी, बहुजन समाजपाटी, केजरीवाल एवं वामपंथी दल सहित कई पार्टियों को चुनौती देने आये है कि वे कह रहे हैं कि इस कानून से देश के अल्पसंख्यकों की नागरिकता चली जायेगी, राहुल बाबा ने अगर कानून पढा है तो इस बारे में कहीं भी चर्चा पर आ जाये, नहीं पढा है तो इटाली में अनुवाद करके दे देते है, पढ लीजिए। उन्होंने कहा “मैं जनता से कहना चाहता हूं, सीएए के अंदर कहीं भी किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है, इसमें केवल नागरिकता देने का प्रावधान है, यह बताने आया हूं।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बंगलादेश एवं अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक जैन, सिख, बौद्ध, पारसी आदि प्रताड़ित होकर भारत आने वाले शरणार्थियों को नागरिकता देने का यह कानून है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरु आदि कह चुके है कि ऐसे लोगों को नागरिकता देनी चाहिए, तो क्या वे भी सांप्रदायिक थे। श्री शाह ने कहा कि कांग्रेस ने वोट बैंक के डर से हिम्मत नहीं कर रही थी जबकि 56 इंच के सीना वाले नरेन्द्र मोदी ने लाखों, करोड़ों शरणार्थियों के मानवाधिकारों की रक्षा करने की ठानी और इसके लिए नागरिकता संशोधन बिल संसद में पारित कराया। इससे आज जो शरणार्थी बैठे हैं उनके अच्छे दिन आ गये कि वह देश के नागरिक बनने वाले है। उन्होंने कहा कि उनके नागरिक बनने से उनका उतना ही अधिकार है जितना मेरा है। किसी को डरने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इस कानून का विरोध कर रहे लोगों से पूछना चाहते हैं कि गांधी, नेहरु, पटेल, मनमोहन इन लोगों को नागरिकता देने के बारे में कह चुके है और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूर्व में तीन-तीन चिट्ठी लिखी है। अब नागरिकता देने की बारी आई तो श्री गहलोत की हिम्मत नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि श्री गहलोत को अस्पताल में बच्चों की मौत के बारे में चिंता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक 20 प्रतिशत से घटकर तीन प्रतिशत पर आ गये तथा बंगलादेश में तीस प्रतिशत से घटकर सात प्रतिशत रहे गये। उन्होंने कहा कि वह ममता से पूछना चाहते है कि ये लोग कहां गये, मार दिये या धर्म परिवर्तन कर दिये गये। उन्होंने कहा कि इनके साथ प्रताड़ना हुई, क्या यह मानवाधिकार का बड़ा उल्लंघन नहीं है। उन्होंने कहा कि इन लोगों के माता एवं बहनों की इज्जत लूटी, जबरन निकाह कर लिए गये जबकि देश में सत्तर साल में सरकारे आती रही लेकिन किसी भी सरकार ने इनकी चिंता नहीं की और वर्ष 2019 में नरेन्द्र मोदी ने फिर से प्रधानमंत्री बनते ही यह सब कर दिखाया। उन्होंने कहा कि उनकी केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर वर्षों से जो काम नहीं होने की बात की जा रही थी वह करके दिखाया। आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हवाई कार्रवाई सर्जिकल स्ट्राइक की। श्री शाह ने कहा कि गुजरात, राजस्थान, पंजाब तथा अन्य जगहों पर आये शरणार्थियों में 70 प्रतिशत से ज्यादा दलित लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जो इस कानून का विरोध कर रहे है वे दलितों का विरोध कर रहे है। उन्होंने कहा कि वह ममता से पूछना चाहेंगे कि बंगाली दलितों, एवं हिन्दुओं ने उनका क्या बिगाड़ा है, आप क्यों विरोध कर रही है। उन्होंने शरणार्थियों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि उन्हें ममता से डरने की जरुरत नहीं है, क्योंकि वह भला नहीं चाहती और अपना वोट बैंक संभालना चाहती है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल सीएए को लेकर दंगे एवं जनता को गुमराह करना चाह रह हैं लेकिन लोकतंत्र में जनता को गुमराह करना इतना सरल नहीं है। उन्होंने बताया कि भाजपा कानून के समर्थन में देश में जनजागरण अभियान चलायेगी और पांच जनवरी से देश भर में घर घर जाकर लोगों को कानून के बारे में समझायेगी। वह तीन करोड़ से अधिक लोगों के घर जायेगी तथा पांच सौ से अधिक सभा कर लोगों अभियान से जाड़ेगी।  

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