बेतिया,20 जनवरी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बहुआंकाक्षी योजना जल-जीवन-हरियाली और नशामुक्ति के समर्थन में एवं बाल विवाह और दहेज प्रथा पर जोरदार धक्का लगा। बेतिया बाजार में दिनदहाड़े नशे में धुत शराबी ने तांडव मचाना शुरू कर दिया। पूर्ण शराबबंदी लागू करने में पुलिस 05 अप्रैल 2016 से लगी है। जो रविवार को शराबी ने सरकारी ढोल की पोल खोलकर रख दी।
नशा मुक्ति अभियान
बताते चले कि बिहार में 01 अप्रैल 2016 को राज्य में देसी शराब बंदी की घोषणा की गयी। सिर्फ निगम क्षेत्रों में ही विदेशी शराब की बिक्री होगी। इसके बाद राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में 05 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी को लागू कर दिया। इस दौरान 02 अक्टूबर 2016 को साल 1915 के आधार पर लागू शराबबंदी के बदले नया कानून लागू कर दिया गया। 23 जुलाई 2018 को शराबबंदी कानून में सरकार ने किए कई अहम बदलाव कर दी।
जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में रिकॉड बन रहा था..
ऐतिहासिक मानव-श्रृंखला का पटना के गांधी मैदान में गुब्बारा उड़ाकर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जल-जीवन-हरियाली और नशामुक्ति के समर्थन में एवं बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ बनने मानव श्रृंखला बना रहे थे,तभी बेतिया की पुलिस शराबी को नियंत्रित करने का प्रयास में लगी रही। पुलिसिया विफलता को नंगी आंखों से देखने वाले कहने लगे कि जब आप (पुलिस) को जिला को शराब व नशा से मुक्ति दिलवाने वाले अभियान को युद्धस्तर पर लागू करके सफल बनाने में योगदान देना चाहिए था। मगर कर्तव्य नहीं निभाया। यह तो होना ही था। जो दिखता नहीं वह बिकता है को शराबी ने बीच बाजार में शराब व नशा मुक्त अभियान की चलायी जा रही सरकारी ढोल की पोल खोल कर रख दी।

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