- 7 जनवरी से चल रहे अनिश्चितकालीन धरना के समर्थन में उतरी महिलाएं
- हमारी लड़ाई जिला प्रशासन से नहीं बल्कि सत्ता में बैठी तानाशाह सरकार से है : दानिश
- लड़ाई आर पार की है और हम लड़ेंगे जितेंगे : तुल्लाह खान
मधुबनी (रजनीश के झा) विगत 7 जनवरी से संविधान बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले एनआरसी,सीएए, एनपीआर कानून के विरोध में मधुबनी समाहरणालय के सामने संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के प्रतिमा के नीचे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों के समर्थन आज से महिलाएं भी शामिल हों रहीं हैं । कविता पासवान ने बताया कि भाजपा सरकार की विभाजनकारी नीति के विरोध में जिस प्रकार से पुरे देश के संविधान प्रेमी लोग आंदोलन कर रहे हैं उसी तरह मधुबनी के क्रांतिकारी नौजवानो ने 7 जनवरी से अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं आज मैं उसी के समर्थन में आई हूं क्योंकि ये क्रांतिकारी लोग संविधान को बचाने के लिए लड़ रहे हैं । अनिश्चितकालीन धरना की अध्यक्षता कर रहे तुल्लाह खान ने कहा कि 7 जनवरी से अभी तक जिला प्रशासन के अधिकारियों ने हम लोगों से मांग पत्र लेने नहीं आएं हैं जोकि काफी दुखद है। अनिश्चितकालीन धरना की अध्यक्षता कर रहे बिस्फी विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी परवेज हसन दानिश ने कहा कि हमारी लड़ाई जिला प्रशासन से नहीं बल्कि संविधान विरोधी तानाशाही सरकार से और हमारी लड़ाई तब जारी रहेगी जब तक सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेती है। इस अवसर पर युवा समाजसेवी फहीम बकर मुसा ने कहा कि धरना में जिस प्रकार से महिलाओं की भागीदारी बढ़ती जा रही हैं हमें पूरा विश्वास है कि मधुबनी जिला समाहरणालय भी दिल्ली का शाहिनबाग जैसा रुप लेगी। धरना पर बैठे लोगों को मुखिया अजित पासवान, पूर्व पार्षद समीउर रहमान मुन्सी, तौसीफ अहमद,मजहर कमाल,मनी भूसन मोहम्मद रहबर , राशिद खलील , इस्तियाक अहमद, रंजीता देवी,नसीमा खातून, मेराज, अख्तरी,तारा बाबू,फैजान आरिफ, परवेज, आलम, इत्यादि लोगों ने धरना को संबोधित किया,
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