नयी दिल्ली, 23 जनवरी, उच्चतम न्यायालय ने सात लोगों की हत्या के गुनहगार प्रेमी युगल शबनम सलीम की फांसी की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाओं पर गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने शबनम सलीम की पुनर्विचार याचिकाओं पर सभी संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा। इससे पहले न्यायालय ने फांसी की सजा को दांव पेंच में उलझाने की बढ़ती घटनाओं को लेकर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे मामलों को अंतहीन मुकदमों में नहीं फंसाया जा सकता। न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि फांसी की सजा पर अमल के मामलों को अंतहीन मुकदमों में नहीं फंसाया जा सकता। शीर्ष अदालत शबनम और उसके प्रेमी सलीम की फांसी की सजा के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करेगी। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव में 15 अप्रैल, 2008 को शबनम और उसके प्रेमी सलीम ने मिलकर शबनम के घर में उसके परिवार के सात लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। मरने वालों में शबनम के मां-बाप, उसके दो भाई, उसकी एक भाभी, उसकी मौसी की बेटी और शबनम का एक भतीजा यानी एक बच्चा था।
गुरुवार, 23 जनवरी 2020
शबनम सलीम की फांसी के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित
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