बिहार : 35 लाख आवासीय भूमिहीन है जिनके पास जमीन का दस्तावेज नहीं : ओहदार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 23 फ़रवरी 2020

बिहार : 35 लाख आवासीय भूमिहीन है जिनके पास जमीन का दस्तावेज नहीं : ओहदार

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पटना,23 फरवरी. कुर्जी पल्ली में है बिशप बीजे ओस्ता स्मृति भवन.सीबीसीआई से मान्यता प्राप्त है अखिल भारतीय कैथोलिक यूनियन,बिहार.इसके बैनर तले सीएए, एनसीआर और एनपीआर पर व्यापक चर्चा की गयी.अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय को सीएए, एनसीआर और एनपीआर पर जानकारी देने सामाजिक कार्यकर्ता  सत्यनारायण मदन,सामाजिक वैज्ञानिक विनय ओहदार,जितेंद्र पासवान,कल्याणी, फादर जोस आदि आए थे. वक्ताओं ने कहा कि देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का हथकंडा अपनाया जा रहा हैं.वहीं देश में डर का माहौल कायम किया जा रहा है. अल्पसंख्यक और दलितों के मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है. मौके पर सामाजिक वैज्ञानिक विनय ओहदार ने कहा कि बिहार में 35 लाख आवासीय भूमिहीन है जिनके  पास जमीन का दस्तावेज ही नहीं है.तो कैसे एम पी आर वालों को खतियान दिखाएंगे.वहीं जन्मदिन का प्रमाण पत्र मांग रहे हैं.वह तो नहीं है. उन्होंने कहा कि झारखंड, छतीसगढ़ अादि राज्यों में अादिवासी क्रिश्चियन टारगेट में है.उन्हें डरा धमका कर धर्म परिवर्तन कराके घर वापसी करवाने की योजना है. सामाजिक कार्यकर्ता सत्यनारायण मदन ने सीएए पर विशेष जानकारी दिए. जिनके पास बेरोजगारी है,नौकरी की तलाश में जीवन बीता रहे हैं,जिनके पास रहने का साधन नहीं है,ऐसे अल्पसंख्यक और दलितों के स्पष्ट कह देना चाहिए कि वर्तमान सरकार का  कानून हम नहीं मानेंगे व हम दस्तावेज भी नहीं दिखाएंगे.एक तरह से हम सीएए, एनसीआर और एनपीआर का वहिष्कार कर देंगे. इस अवसर पर जितेंद्र पासवान ने कहा कि दुसाध जाति की संख्या 28 करोड़ हैं.इनमें 26.50 लाख को कानून की जानकारी ही नहीं है.उन्होंने लोगों से कहा कि इस धरती पर हमलोग जी रहे हैं और मर रहेंगे हैं.हमलोगों से मांग की जा रही है कि भारत का नागरिक होने का प्रमाण दिखाओ. जरूरत है तो आप ही साबित करें कि हम भारतीय नागरिक नहीं हैं.एक देश के राष्ट्रपति की तरह प्रधानमंत्री कर रहे हैं तब तो उनके ही तरह चले जाएंगे. वोट बैंक बनाने में जो दलित- आदिवासी का काम करेंगा वह वोट लेकर राज करेगा. सुश्री कल्याणी ने कहा कि 27 फरवरी को गांधी मैदान में जन जुटान है.हजारों की संख्या में पहुंचकर महारैली को सफल बनाएं ताकि सरकार सीएए, एनसीआर और एनपीआर लागू न करें.फादर जोस ने कहा कि जनजन तक संदेश पहुंचाना है.अध्यक्षता पास्काल फ्रांसिस ओस्ता ने की और धन्यवाद ग्राबिएल जौन ने दिया.इस बीच अजीत जुलियस ने पॉवर पॉईंट प्रेजेंटेशन किया. जानकारी मिली है कि 14 मार्च को अल्पसंख्यक ईसाई सीएए, एनसीआर और एनपीआर के विरोध में सड़क पर उतरेंगे.

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