बिहार : चार माहों में लगभग 3 करोड़ रुपए से अधिक घूस वसूले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 2 फ़रवरी 2020

बिहार : चार माहों में लगभग 3 करोड़ रुपए से अधिक घूस वसूले

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औरंगाबाद,02 फरवरी (अलोक कुमार) । मिथिलेश कुमार, शिक्षा विभाग, औरंगाबाद में विगत 8 वर्षों से जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं, जिसमें बीच में लगभग 1-1.5 वर्ष अरवल में पदस्थापना के बाद फिर औरंगाबाद में ही जमे रहे। वे वर्त्तमान में जिला शिक्षा पदाधिकारी औरंगाबाद के कार्यालय में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा अभियान एवं स्थापना के प्रभार में हैं।वर्ष 2017-18 के संपत्ति घोषणापत्र में परिवार के अन्य सदयों सहित  उनके पास कुल नकद राशि 230000 (दो लाख तीस हजार) रूपए थी जो वर्ष 2018-19 में बढकर 12850000 (एक करोड़ अट्ठाईस लाख पचास हजार) रूपए हो गई। संलग्न संपत्ति विवरणी से इसकी पुष्टि की जा सकती है। सीमा से अधिक नकद राशि रखने, एक वर्ष में ही संभावित आय से अधिक संपत्ति बनाने से यह स्पष्ट होता है कि यह घोषित संपत्ति भी उन्होंने भ्रष्ट तरीके से अर्जित की है।इसके अलावे इनके पास अकूत अघोषित संपत्ति भी है जिसकी निगरानी विभाग, आर्थिक अपराध इकाई अथवा विशेष निगरानी इकाई से जाँच कराई जा सकती है। विगत चार-पाँच माह में (जुलाई 2019 से अब तक) नवंबर से नियमित वेतन को स्थगित रख 60 करोड़ रूपए के Arrears Bill का भुगतान करने में 3 से लेकर 5 प्रतिशत तक की राशि घूस के रूप में वसूली है।इनके द्वारा भुगतान किए गए Arrears Bill की अगर विस्तृत जाँच की जाए तो एक बड़ा घोटाला सामने आएगा।इन्होने फर्जी प्रमाण-पत्रों पर नियुक्त शिक्षकों जिन पर निगरानी-जाँच चल रही है और जिनका वेतन अवरुद्ध है उनका भी भुगतान कर दिया गया. उन्होंने विगत चार माहों में लगभग 3 करोड़ रुपए से अधिक घूस वसूले हैं। समग्र शिक्षा अभियान के तहत लगातार सेवाकालीन प्रशिक्षण चलते रहता है जिसमें व्यय का प्रावधान रहता है. उसमें बिना एक रूपए खर्च किए फर्जी वाउचर लगाकर करोड़ों रूपए का घोटाला किया गया है। औरंगाबाद जिले में प्रत्येक प्रखंडों में स्थित कस्तूरबा गाँधी आवासीय विद्यालय से DPO मिथिलेश कुमार के द्वारा 10000 रूपए प्रत्येक माह की दर से वसूली किया जाता है तथा उन्हें मनमर्जी करने की छूट दे दी गई है।निवेदन है कि मेरे द्वारा समर्पित तथ्यों के आलोक में जाँच कराकर उनपर अवैध तरीके से आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने, आयकर की चोरी करने,  भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तथा सीमा से अधिक नकद राशि रखने हेतु RBI के रेगुलेशन के अनुसार सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर उचित कानूनी कार्रवाई की जाए।

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