पटना 14 फरवरी (आर्यावर्त संवाददाता) भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि राजनीति के अपराधीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की चिंता बाजिब है लेकिन उसे अपराधियों व आंदोलनकारियों में फर्क करना चाहिए. गरीब व समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के विभिन्न सवालों को लेकर आंदोलन चलाने वाली ताकतों पर फर्जी मुकदमे थोपे जाते रहे हैं. उदाहरणस्वरूप हमारी ही पार्टी के कई लोकप्रिय नेताओं पर जनांदोलनों के समय के कई मुकदमे हैं. ये सारे मुकदमे फर्जी हैं. और आज तो सरकार की आलोचना करने पर भी देशद्रोह का मुकदमा थोप दिया जा रहा है. छोटे-छोटे बच्चों पर मुकदमे थोपे जा रहे हैं. जाहिर सी बात है कि सुप्रीम कोर्ट को इस दूसरे पक्ष का भी ख्याल रखना चाहिए. वहीं, दूसरी ओर हम देखते हैं कि भाजपा जैसी पार्टियों में पेशेवर अपराधियों की भरमार है. जिन पर दंगा, बलात्कार, जनसंहार, भ्रष्टाचार, अपहरण आदि के मामले हैं. फिर भी ऐसे लोगों को ये पार्टियां लगातार टिकट देते रहती हैं. दरअसल, भाजपा जैसी पार्टियां ऐसे ही लोगों की जमात बन गई है.
शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020
राजनीति के अपराधीकरण पर चिंता वाजिब लेकिन आंदोलकारियों को निशाना नहीं बनाया जाए : माले
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