20 फरवरी को 3:30 बजे से एनडीए चर्च में श्रद्धांजलि मिस्सा होगा।पार्थिव शरीर पाटलिपुत्र कॉलोनी स्थित एनडीए हाउस में रखा गया है
पटना,18 फरवरी। पाटलिपुत्र कॉलोनी में स्थित है नोट्रे डेम एकेडमी। संत जूली बिलियार्ट द्वारा स्थापित नोट्रे डेम एकेडमी की सिस्टरों के द्वारा प्रारंभ में सेवा केंद्र,कुर्जी में हार्टमन स्कूल संचालित करती थीं। लड़को के लिए सातवां और लड़कियों के लिए ग्यारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई की व्यवस्था थी।इस हार्टमन स्कूल में शिक्षण कार्य करने वाली टीचर सिस्टर विनीता का निधन हो गया है।करीब 85 साल की थीं। बताते चले कि फ्रांस में सेंट जूली बिलियार्ट (1751- 1816) ने सिस्टर्स ऑफ सिस्टर्स ऑफ़ नोट्रे डेम डे नामुर के रूप में 1804 में समाज की स्थापना की थी। वहां से 1850 में कोसेफेल्ड, जर्मनी में सिस्टर्स ऑफ नोट्रे डेम का गठन हुआ था, जहां से मिशन फैलता था, शैक्षिक, सामाजिक और चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता था।भारत में पहला नोट्रे डेम स्कूल 1950 में जमालपुर, बिहार में स्थापित किया गया था। पटना में, नोट्रे डेम अकादमी की स्थापना 1960 में की गई थी। आज, नोट्रे डेम संस्थानों की स्थापना बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, दिल्ली राज्यों में की जाती है। , तमिलनाडु, जम्मू और कश्मीर, असम, केरल आदि प्रदेशों में शिक्षा-चिकित्सा में कार्यरत है। बताते चले कि पाटलिपुत्र कॉलोनी में स्थित है नोट्रे डेम एकेडमी और सिस्टरों का नोट्रे डेम हाउस है। इसी हाउस में सिस्टरगण रहती हैं। यहीं पर रहकर वयोवृद्ध सिस्टर विनीता बीमार हो गयी थीं। तो उनको कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। तब वहां के चिकित्सकों ने कल 17 फरवरी को छुट्टी दे दिए। वहां से आने के बाद तबीयत गंभीर हो गयी। इसके बाद कल एनडीए हाउस में तीन बजे दम तोड़ दी। 20 फरवरी को 3:30 बजे से एनडीए चर्च में श्रद्धांजलि मिस्सा होगा।पार्थिव शरीर पाटलिपुत्र कॉलोनी स्थित एनडीए हाउस में रखा गया है। पुराने विघार्थिंयों ने सिस्टर विनीता को स्मरण किया और याद ताजा कर कहा कि उनका चुईटी काटकर गुस्सा करने का ढंग निराला ही था। इस तरह की हरकत करने से सिस्टर के प्रति बच्चों में किसी तरह की शिकायत नहीं होती थी।कारण सिस्टर थीं माई डियर।बस अब याद ही शेष है।हार्टमन स्कूल की पूर्व टीचर सिस्टर विनीता को टीचर एण्ड स्टूडेंट्स की ओर से दिल से श्रद्धांजलि!

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