सुनील ने जीता स्वर्ण, 27 साल बाद रचा इतिहास - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 18 फ़रवरी 2020

सुनील ने जीता स्वर्ण, 27 साल बाद रचा इतिहास

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नयी दिल्ली, 18 फरवरी, भारत के सुनील कुमार ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए किर्गिजस्तान के अजात सलिदिनोव को मंगलवार को एकतरफा अंदाज में 5-0 से हराकर सीनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप के ग्रीको रोमन के 87 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर 27 साल बाद नया इतिहास रच दिया। सुनील ने एशियाई चैंपियनशिप में 27 वर्षों के लम्बे अंतराल के बाद इतिहास रचा है। भारत का ग्रीको रोमन में आखिरी स्वर्ण 1993 में था जिसे पप्पू यादव ने जीता था। भारत को प्रतियोगिता के पहले दिन दो कामयाबी मिली। सुनील ने जहां 87 किग्रा में स्वर्ण जीता वहीं अर्जुन हालाकुरकी ने 55 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया। यहां इंदिरा गांधी स्टेडियम के केडी जाधव कुश्ती हाल में आयोजित चैंपियनशिप के पहले 87 किग्रा वर्ग के सेमीफाइल मुकाबले में सुनील कजाखिस्तान के अजामत कुस्तुबायेव के खिलाफ एक समय 1-8 से पिछड़ रहे थे लेकिन उन्होंने शानदार वापसी करते हुए लगातार 11 अंक जीते और 12-8 से मुकाबला अपने नाम कर लिया। गत वर्ष भी सुनील ने फाइनल में प्रवेश किया था लेकिन उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा था लेकिन इस बार सुनील ने इतिहास रच दिया। सुनील ने इससे पहले क्वार्टरफाइनल में जापान के ताकाहिरो सुरुदा को 8-2 से पराजित किया था और सेमीफाइनल में कजाखिस्तान के अजामत कुस्तुबायेव को हराया। फाइनल में उन्होंने किर्गिजिस्तान के पहलवान सलिदिनोव को 5-0 से धूल चटाकर भारतीय प्रशंसकों को जश्न मनाने का मौका दे दिया।

अर्जुन को 55 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में एक कड़े मुकाबले में ईरान के पोया मोहम्मद नसीरपोर से 7-8 से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन अर्जुन ने कांस्य पदक के लिए कोरिया के डोंगह्यूक वोन को 7-4 से हराकर कांस्य पदक जीत लिया। 130 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में भारत के मेहर सिंह को कोरियाई पहलवान मिनसोक किम से 1-9 से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। मेहर सिंह कांस्य पदक मुकाबले में उतरे लेकिन किर्गिजिस्तान के रोमन मिंज ने उन्हें नजदीकी मुकाबले में 3-2 से हरा दिया। एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप के शुरू होने से तीन दिन पहले ही 130 किग्रा वर्ग में भारत के नंबर एक पहलवान नवीन ने चोट की वजह से चैंपियनशिप से अपना नाम वापस ले लिया था और उनकी जगह मेहर उतरे। मेहर ने क्वार्टरफाइनल में उज्बेकिस्तान के दलेर रख्मातोव को 4-0 से हराकर अच्छी शुरुआत की लेकिन उन्हें फिर सेमीफाइनल और कांस्य पदक मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। भारत की ओर से पदक के प्रबल दावेदार माने जा रहे साजन को 77 किग्रा वर्ग में निराशाजनक रूप से हार का सामना करना पड़ा। साजन को पहले ही राउंड में किर्गिजस्तान के रेनत इलियाजुलु से 6-9 से हार झेलनी पड़ी। इलियाजुलु के सेमीफाइनल में हारने के कारण साजन के रेपेचेज में उतरने की उम्मीदें समाप्त हो गयीं। 63 किग्रा वर्ग में भी भारत काे निराशा हाथ लगी। इस वर्ग में भारत के सचिन राणा को क्वार्टरफाइनल में उज्बेकिस्तान के एलमुरात तासमुरादोव ने 8-0 के बड़े अंतर से हरा दिया। तासमुरादोव फाइनल में पहुंचे जिससे सचिन को रेपेचेज में उतरने का मौका मिल गया लेकिन वह कजाकिस्तान के येरनूर फिदाखमेतोव से 3-6 से हारकर कांस्य पदक मुकाबले में उतरने का मौका चूक गए। 

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