जमशेदपुर के जी टाउन मैदान में जनजातीय नृत्य समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान राज्य के विभिन्न अलग-अलग जगहों से आए कलाकारों ने अपना पारंपरिक नृत्य पेश किया. इस समारोह के आयोजन का उद्देश्य मुख्य रूप से कलाकारों को रोजगार उपलब्ध कराना है.
जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) झारखंड के आदिवासी लोकगीतों और लोकनृत्य को मंच देने के उद्देश्य से झारखंड सरकार के सांस्कृतिक कार्य निदेशालय, पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद व युवा कार्य विभाग और कलामंदिर संस्था के सहयोग से जनजातीय नृत्य समारोह का आयोजन किया गया. नृत्य समारोह का आयोजन बिष्टूपूर स्थित जी टाउन मैदान में किया गया. इसका उद्घाटन जिले के उपायुक्त रविशकंर शुक्ला और आयकर आयुक्त ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर की. उपायुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि ग्रामीण कलाकारों के लिए कलामंदिर का यह प्रयास सराहनीय है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से इन कालाकारों को एक प्रकार का मंच मिलेगा. घंट भर में चले कार्यक्रम में सरायकेला के ईचागढ़ के नटराज कला केंद्र और उनकी टीम ने पाइका नृत्य प्रस्तुमत किया जिसे लोगों ने खूब सराहा. इसके बाद धालभूमगढ़ की कल्पना टूडू और उनकी टीम की ओर से बाहालोक नृत्य की प्रस्तुति दी गई. वहीं, धालभूमगढ के ही डुमनी मार्डी और उनकी टीम ने सडपा लोकनृत्य की प्रस्तुति दी. अंत में ईचागढ़ के भावभूम छऊ लोकनृत्य को प्रभात महतो सहित उनकी टीम ने प्रस्तुत किया. वहीं, कला मंदिर के उपाध्यक्ष अमिताभ घोष ने बताया कि आदिवासी समाज के लोग अपने पर्व त्यौहार में लोकगीतों के साथ नृत्य प्रस्तुत करते हैं. कला मंदिर में इन कलाकारों को एक मंच देकर रोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रहा है, ताकि इन्हें कुछ कमाने का मौका मिले. इसी उद्देश्य से राज्य सरकार के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.

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