धनबाद : झारखंड के आदिवासी हैं "मिट्टी की आत्मा", खनन के दौरान उनका भी रखें ख्याल : राज्यपाल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

धनबाद : झारखंड के आदिवासी हैं "मिट्टी की आत्मा", खनन के दौरान उनका भी रखें ख्याल : राज्यपाल

trible-heart-of-jharkhand-governor
धनबाद (आर्यावर्त संवाददाता) केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) में खनन क्षेत्र में प्रगतियां (एआईएम-2020) विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल, झारखण्ड श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड के आदिवासी "मिट्टी की आत्मा" है। खनन करने के दौरान इनका ख्याल रखें। खनन से वे प्रभावित ना हो। इस बात को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। उन्हें भी विकास से जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि खनन मामले में आदिवासियो के समक्ष विस्थापन की भी समस्याएं आ रही है। उनके पुर्नवास की भी व्यवस्था हो इसके लिए माइनिंग के साथ साथ खनन कंपनियों को इसपर ध्यान देने की आवश्यकता है। महामहिम राज्यपाल ने कहा कि झारखंड में प्रचुर मात्रा में खनिज संपदा है। यहां के अधिकतर लोग खनन पर निर्भर करते हैं। खनन से पर्यावरण को क्षति न पहुंचे इसका विशेष रुप से ध्यान देना है। माइनिंग के क्षेत्र में एडवांस टेक्नोलॉजी को लेकर यह राष्ट्रीय सम्मेलन कई मायनों में महत्वपूर्ण साबित होगा। इससे भारत को खनन क्षेत्रों में उत्कृष्ट परिणाम मिलेगा। महामहिम राज्यपाल ने कहा कि अपने 4 साल के  कार्यकाल में बहुत से विस्थापितों ने अपनी समस्याएं मेरे समक्ष रखी। सही मायने में विस्थापितों को पुर्नवास का लाभ नही मिल पाया है। इस सम्मेलन में इस अहम मुद्दे पर भी विचार किया जाना चाहिए। समारोह को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि लक्ष्मण सिंह शेखावत निदेशक (ऑपरेशन) हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने कहा कि पूरे विश्व अर्थव्यवस्था धीमी गति से चल रही है। पूरे विश्व के उद्योग विशेष चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। फिर भी हमारे देश ने जीडीपी में 2 से 3% का योगदान दिया है। वही खनन ने जीडीपी में 6 से 7% का योगदान दिया है। श्री शेखावत ने कहा कि अंडरग्राउंड माइनिंग में वेंटिलेशन बहुत बड़ी चुनौती है। लेकिन कौशल और कुशलता के बल पर इसे और बेहतर करने की संभावना है। उन्होंने आगे कहा हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड जिंक और लेड के अलावे चांदी का भी उत्पादन करती है। प्रतिवर्ष 700 टन चांदी का उत्पादन कर रही है। आने वाले समय मे 1000 टन का उत्पादन करने का लक्ष्य है। इस अवसर पर सिंफर के निदेशक डॉ पी के सिंह ने कहा कि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स धनबाद चैप्टर के सहयोग से सिंफर ने इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया है। उन्होंने कहा खनन के क्षेत्र में हुई नवीनतम प्रगतियों के बारे में जानने और विचारों का विनिमय करने और खनन के मुख्य मुद्दों को सम्बोधित करने के लिए सभी हितकारकों को आपस में बातचीत और विचार विमर्श करने हेतु एक प्रभावी मंच प्रदान करना कार्यक्रम का उद्देश्य है। समारोह में महामहिम राज्यपाल, झारखण्ड श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, माननीय सांसद धनबाद श्री पशुपतिनाथ सिंह, माननीय विधायक धनबाद श्री राज सिन्हा, उपायुक्त श्री अमित कुमार, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री किशोर कौशल, उप विकास आयुक्त श्री बाल किशुन मुंडा, ग्रामीण एसपी श्री अमित रेणु, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्री पी.एम. प्रसाद, डॉ प्रभात कुमार मंडल, संजय काले, सत्येंद्र कुमार सिंह, सिंफर के पूर्व निदेशक, वैज्ञानिक सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे।

कोई टिप्पणी नहीं: