दंगाइयों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी चाहे वे किसी भी धर्म के हों : शाह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 12 मार्च 2020

दंगाइयों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी चाहे वे किसी भी धर्म के हों : शाह

amit-shah-in-parliament-on-delhi-violance
नयी दिल्ली 11 मार्च, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश और दिल्ली की जनता को बुधवार को आश्वासन दिया कि 24 और 25 फरवरी को हुए दंगों की जांच वैज्ञानिक ढंग से की जा रही है तथा 2647 दोषियों की पहचान करके उन्हें पकड़ने का काम शुरू कर दिया गया है एवं उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी चाहे वे किसी भी धर्म या मजहब को मानने वाले हों। श्री शाह ने यहां लोकसभा में दिल्ली की कानून व्यवस्था एवं हाल ही में हुई हिंसा के बारे में नियम 193 के तहत हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इसके साथ ही दंगों के पीछे साजिश एवं हवाला के जरिये धन मुहैया कराने की भी जांच की जा रही है। इस बारे में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि दंगों के दोषियों के विरुद्ध पुलिस इतनी कठोर कार्रवाई करेगी कि इसके बाद देश में कहीं के भी दंगा करने वालों की हिम्मत दोबारा ऐसा करने की नहीं होगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी निर्दोष को तकलीफ नहीं हो। गृहमंत्री ने दंगों की पृष्ठभूमि की चर्चा करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) संसद में पूरे लोकतांत्रिक तरीके से पारित हुआ था लेकिन उसके महीने भर बाद 14 दिसंबर को एक राजनीतिक दल ने रामलीला मैदान में एक रैली का आयोजन करके नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के बारे में भ्रम फैलाया और लोगों को भड़काया। इसके दो दिन बाद शाहीन बाग का धरना शुरू हो गया। बाद में फरवरी में यूनाइटेड अगेन्स्ट हेट संगठन ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने का आह्वान किया और मजलिसे इत्तेहादुल मुसलमीन के वारिस पठान के 15 करोड़ बनाम 100 करोड़ के बयान के बाद दिल्ली में सात-आठ जगहों पर धरने, प्रदर्शन एवं उत्तेजक वातावरण बना जो 24 फरवरी को दंगों में तब्दील हो गये। श्री शाह ने कहा कि दिल्ली पुलिस की कामयाबी यह रही कि वह शहर के मात्र 12 थाना क्षेत्रों में जो दिल्ली के क्षेत्रफल के हिसाब से चार प्रतिशत और आबादी के हिसाब से 13 प्रतिशत तक ही हिंसा को सीमित रख सकी तथा हिंसा भड़कने के बाद भी वह 36 घंटे के अंदर इसे काबू में कर पायी। इसके लिए वह दिल्ली पुलिस की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में सघन बसावट, आपराधिक तत्वों के इतिहास आदि कारणों से दंगे रोकने में समय लगा। उन्होंने कहा कि 22 एवं 23 फरवरी से लेकर 25 फरवरी तक क्रमश: 80 कंपनियां तैनात की गयीं। 27 तारीख से अब तक 700 से अधिक प्राथमिकी दर्ज कीं गयीं हैं। दिल्ली की जनता और मीडिया संस्थानों से फुटेज मांगे गये हैं। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दंगों के लिप्त 2647 लोगों की पहचान की गयी है और फेस रिकगनीशन साफ्टवेयर से ड्राइविंग लाइसेंस आदि के डाटा के आधार पर 1100 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि दोषियों को पकड़ने के लिए 40 टीमों का गठन किया गया है। पूरी कार्रवाई वैज्ञानिक ढंग से साक्ष्यों के आधार पर की जा रही है। सरकार दंगों के दोषियों में धर्म या मजहब के आधार पर भेद करके कार्रवाई नहीं करेगी। गिरफ्तार लोगों में सभी धर्मों के लोग हैं। किसी भी निर्दोष को तकलीफ नहीं होगी। उन्होंने खुलासा किया कि गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का राज भी ऐसे ही एक फुटेज के कारण खुलने वाला है। उन्होंने यह भी बताया कि 300 से अधिक लोग उत्तर प्रदेश से आये थे। इसी से पता चला कि दंगों के पीछे गहरी साजिश थी। श्री शाह ने कहा कि एसआईटी का गठन किया गया है जो गंभीरतम घटनाओं की जांच करेगी। आर्म्स एक्ट के तहत 49 मामले दर्ज किये गये हैं और 152 हथियार जब्त किये गये हैं। विदेशी संपर्क से अशांति फैलाने के आरोप में एक अन्य को पकड़ा गया है। शांति समिति की बैठकें 25 फरवरी को चार बजे शुरू हुईं और अब तक 650 से अधिक बैठकें हो चुकीं हैं। उन्होंने कहा कि फरवरी के बाद कितनी राशि हवाला के जरिये किसके पास आयी इसकी पूरी सूचनाएं खंगालीं गयीं हैं। हम नतीजे पर पहुंच गये हैं लेकिन अभी आंकड़े पुख्ता नहीं हुए हैं। इसलिए खामोश हैं। उन्होंने बताया कि दंगों में 52 लोगों की मौत हुई हैं जबकि 526 अन्य घायल हुए हैं। 371 की दुकानें जलीं हैं। 122 घर जले हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति शोकसंवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने विपक्षी नेताओं के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि वह 24 फरवरी को गांधीनगर की अपनी संसदीय सीट पर मोटेरा स्टेडियम में श्री ट्रंप के कार्यक्रम में शामिल हुए थे लेकिन शाम साढ़े छह बजे दिल्ली लौट आये थे और 25 को पूरे वक्त दिल्ली पुलिस के साथ दंगों को नियंत्रित करने में लगे रहे थे। 

कोई टिप्पणी नहीं: