9 ओलम्पिक कोटा के साथ भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 12 मार्च 2020

9 ओलम्पिक कोटा के साथ भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

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अम्मान, 11 मार्च, विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता मनीष कौशिक (63 किग्रा) के बुधवार को एशिया/ओसनिया ओलंपिक क्वालिफायर मुक्केबाजी टूर्नामेंट में ओलम्पिक कोटा लेने के साथ ही भारत ने इस साल होने वाले टोक्यो ओलम्पिक के लिए नौ कोटा हासिल कर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर डाला। भारत ने 2012 के लंदन ओलम्पिक में आठ कोटा स्थान हासिल किये थे जिसे अब उसने नौ ओलम्पिक कोटा के साथ पीछे छोड़ दिया है। भारत ने 2016 के पिछले रियो ओलम्पिक में छह कोटा स्थान हासिल किये थे। मनीष के कोटा हासिल करते ही भारत ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर डाला। भारत ने महिला वर्ग के कुल पांच ओलम्पिक कोटा में चार हासिल कर लिए हैं और 57 किग्रा का कोटा अभी बाकी है। भारत ने पुरुष वर्ग में कुल आठ में से पांच कोटा हासिल कर लिए हैं और 57, 81 तथा 91 किग्रा को कोटा हासिल करना अभी बाकी है। टूर्नामेंट में राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता विकास कृष्णन (69) और सिमरनजीत कौर (60) फाइनल में पहुंच चुके हैं जबकि एमसी मैरीकॉम (51), अमित पंघल (52), लवलीना बोर्गोहैन (69), पूजा रानी (75), आशीष कुमार (75 और सतीश कुमार (91 प्लस) को सेमीफाइनल में हारने के बाद कांस्य से संतोष करना पड़ा है। मनीष ने बुधवार को बॉक्स ऑफ बाउट में ऑस्ट्रेलिया के हैरिसन गारसाइड को 4-1 से हराकर कोटा हासिल कर लिया। मनीष ने इस मुकाबले में गारसाइड के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया और उन्हें एकतरफा अंदाज में मात दी। मनीष और गारसाइड के बीच 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में मुकाबला हुआ था जहां उन्हें ऑस्ट्रेलियाई मुक्केबाज से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस जीत के साथ ही मनीष ने गारसाइड से हिसाब बराबर कर लिया। इस बीच सचिन कुमार (81) को अपने आखिरी बॉक्स ऑफ बाउट मुकाबले में ताजिकिस्तान के शाबोस नेगमातुलाएव से 0-5 से हार का सामना करना पड़ा और वह ओलम्पिक कोटा हासिल नहीं कर पाए। जो भारतीय मुक्केबाज इस एशियाई क्वालीफायर में कोटा हासिल नहीं कर पाए हैं, उन्हें अब मई में पेरिस में होने वाले विश्व क्वालीफायर्स में कोटा हासिल करने का मौका मिलेगा। विकास और सिमरनजीत ने फाइनल में पहुंचकर अपने लिए कम से कम रजत पदक पक्के कर लिया है। विकास ने दूसरी वरीयता प्राप्त और दो बार के विश्व चैंपियनशिप कांस्य विजेता कजाकिस्तान के अब्लैकहान ज़हूसुपोव को नजदीकी संघर्ष में 3-2 से हराया। 28 वर्षीय विकास का फाइनल में बुधवार को जॉर्डन के एशाह हुसैन से मुकाबला होगा। सिमरनजीत ने सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की शिह यी वू को 4-1 से हराया। सिमरनजीत का फाइनल में दक्षिण कोरिया की योंजि ओह से मुकाबला होगा। छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरीकॉम (51 किग्रा) को सेमीफाइनल में चीन की युआन चांग से 2-3 से हार कर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। विश्व चैंपियनशिप के रजत विजेता और टॉप सीड पंघल को चिन के जियान गुआन हू से नजदीकी संघर्ष में 2-3 से हार का सामना पड़ा और उन्हें भी कांस्य पदक मिला। एक अन्य मुकाबले में दो बार की विश्व चैंपियनशिप की कांस्य विजेता और दूसरी सीड बोर्गोहैन को तीसरी सीड और 2018 की विश्व रजत विजेता चीन की होंग गू से 0-5 से हार का सामना करना पड़ा। बोर्गोहैन को भी कांस्य पदक मिला। एशियाई चैंपियनशिप की स्वर्ण विजेता पूजा रानी (75) को सेमीफाइनल में चीन की कियान ली ने 5-0 से हराया। सेमीफाइनल में आशीष को फिलीपींस के युमिर मर्सियल से 1-4 से हार का सामना करना पड़ा जबकि सतीश को उज्बेकिस्तान के बख़ोदिरजालोलोव ने 5-0 से हराया। 

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