जमशेदपुर में कोरोना के खौफ का असर मुर्गा व्यवसाय पर पड़ा है. होटल से चिकेन गायब हो रहे. पहले मुर्गे की 50 गाड़ियां आती थी, लेकिन अब 5 पर सिमट कर रहा गई है. जबकि होटल और रेस्टोरेंट में नॉन वेज खाने वाले अब वेज खाना पसंद कर रहे है
जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) : कोरोना वायरस को लेकर विश्व के सभी देश सतर्कता बरत रहे है. इसका असर बाजार पर भी पड़ा है. जमशेदपुर में कोरोना के खौफ का असर मुर्गा व्यवसाय पर पड़ा है. होटल से चिकेन गायब है. व्यवसायी कहते है कि पहले मुर्गे की 50 गाड़ियां आती थी. अब 5 पर सिमट कर रहा गया है. जबकि होटल और रेस्टोरेंट में नॉन वेज खाने वाले अब वेज खाना पसंद कर रहे है. कोरोना के नाम की चर्चा होते ही नॉन वेज खाने वाले वेज खाना शुरू कर दिया है. होटलों रेस्टोरेंट में ग्राहकों ने चिकेन की मांग घटने पर इसका असर होटल रेस्टोरेंट और मुर्गा बेचने वालों पर देखा जा रहा है. बता दें कि ओड़िसा बंगाल से प्रतिदिन 50 से 55 गाड़ियों में मुर्गा आता है, एक गाड़ी में 20 से 22 क्विंटल मुर्गा होता है. जबकि स्थानीय स्तर पर पटमदा घाटशिला हाता से मुर्गी पालन करने वाले इसका व्यवसाय करते है. मुर्गा व्यवसायी संतोष ने बताया है कि जमशेदपुर में बाहर से अब सिर्फ पांच गाड़ियां ही आ रही है. पहले प्रति दिन 5 से 7 क्विंटल मुर्गा बेचते थे. अब मुश्किल से पांच किलो की बिक्री हो रही है, जिससे भाव भी गिर गया है. जबकि स्वास्थ्य विभाग ने मुर्गा के संदर्भ में कोई बयान जारी नहीं किया है. ऐसे में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
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