बिहार : वैश्विक महामारी कोरोना से स्थानीय लोगों को संक्रमित करते हैं, इसी द्वितीय चरण में है भारत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 27 मार्च 2020

बिहार : वैश्विक महामारी कोरोना से स्थानीय लोगों को संक्रमित करते हैं, इसी द्वितीय चरण में है भारत

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, बिहार सरकार के आवासीय कार्यालय का हेल्पलाइन नंबर 0612 - 2233055 | उन्होंने कहा है कि इस नंबर पर किसी प्रकार की चिकित्सकीय कठिनाई होने पर संपर्क कर सकते हैं .....
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पटना,27 मार्च (आर्यावर्त संवाददाता)  भारत में 21 दिन के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है। यह दुनिया का सबसे बड़ा लॉकडाउन है। करीब 130 करोड़ भारतीय घरों में हैं। सरकार की इन्हीं कोशिशों के कारण कुछ हद तक कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में सफल भी हुए हैं। दरअसल, मंगलवार को कोरोना के आंकड़ों पर नजर डाले तो खुश करने वाली खबर मिलती है। मंगलवार को 64 नए मामले सामने आए, जो सोमवार की तुलना में कम थे। सोमवार को 99 मामले सामने आए थे। यानी ताजा मामलों की संख्या में कमी आई है। भारत में अभी कोरोना के 694 मामले सामने आ चुके हैं। 16 मरे और 45 ठीक हो गए हैं। उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से देश-प्रदेश में उत्पन्न ताज़ा परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने 21 दिनों के लॉकडाउन कर दिया है।इसमें अपना पूरा सहयोग जरुर दें। साथ ही कोरोना वायरस के रोकथाम से सम्बंधित सरकार के हर निर्देश का पूर्णतः पालन करें। जी हां, कोरोना वायरस (COVID-19) से पूरी दुनिया में अशांति फैल गई है। महामारी बन चुका कोविड-19 से  4 लाख से अधिक लोग चपेट में आ गए। 1.08 लाख रिकवर कर गए। अब तक 22154 लोगों की जान ले चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (world health organization) के डायरेक्टर जनरल डॉक्‍टर टेड्रोस अधानोम (Dr. Tedros Adhanom) ने सोमवार को दिए उनके वक्‍तव्‍य के अनुसार, COVID-19 मामलों को वैश्विक स्तर पर 100,000 अंक तक पहुंचने में 67 दिन लगे, 200,000 मामले सामने आने में केवल 11 दिन लगे और ये आंकड़ा 300,000 तक पहुंचने में महज 4 दिन लगे। जी हां, डब्‍ल्‍यूएचओ के ये आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। चीन, इटली और ईरान आदि देश कोरोना से सबसे ज्‍यादा प्रभावित माना जाता है। मगर हम भारतीय इस बात को लेकर अभी गंभीर दिखाई नहीं दे रहे हैं। शायद इसका कारण ये हो सकता है कि भारत में मरने वालों की संख्‍या अभी काफी कम है, जबकि एक्‍सपर्ट मानते हैं कि, कोरोना का खतरा अभी बढ़ सकता है। भारत अब इस घातक वायरस के दूसरे अंतिम चरण में पहुंच सकता है। तो इसका क्या मतलब है? हालांकि, शोधकर्ताओं के अनुसार नोवेल कोरोनावायरस (Novel Coronavirus) के चार चरण हैं और ऐसा माना जा रहा है कि भारत वर्तमान में दूसरे चरण (Stage) पर है।

आखिर ये 'स्‍टेज' हैं क्‍या?
पहला चरण: वायरस का पहला चरण वह होता है जब वायरस प्रभावित लोग वायरस को दूसरे देश में ले जाते हैं जो कि संक्रमण का स्रोत नहीं था।

दूसरा चरण: वायरस का दूसरा चरण तब होता है जब संक्रमित व्यक्ति से स्थानीय संक्रमण के मामले होते हैं। इसका मतलब यह है कि स्थानीय निवासी अपने परिवार के सदस्यों या उन दोस्तों से संक्रमित होते हैं, जिन्‍होंने प्रभावित देशों की यात्रा की होती है। स्थानीय संचरण में, प्रभावित लोगों की संख्या कम होती है, वायरस का स्रोत ज्ञात होता है और इसका पता लगाना भी आसान होता है।

तीसरा चरण: यह तब होता है जब सामुदायिक प्रसार (Community transmission) होता है और बड़े क्षेत्र प्रभावित होते हैं। कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन तब होता है जब कोई रोगी न तो किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है और न ही किसी ऐसे प्रभावित देश की यात्रा करता है जहां संक्रमण फैला हो। इस स्तर पर, यह पहचानना मुश्किल है कि उस व्यक्ति को वायरस कहां से मिला। इटली और स्पेन तीसरे चरण में हैं।  यह संकेत देते हैं कि कुछ ऐसे वाहक हैं, जो कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ा रहे हैं, जिनके लक्षण पता भी नहीं चलते, जिसके कारण संक्रमण के चेन को तोड़ना मुश्किल होता है। 

चौथा चरण: यह वह चरण है जो चीन में हुआ था। चौथा चरण तब होता है जब कोई संक्रमण कुछ देशों में स्थानिक हो जाता है और वर्ष भर चक्कर लगाता रहता है, जैसा भारत में मलेरिया और डेंगू। हालांकि, यह व्यापक रूप से माना जाता है कि भारत अभी भी महामारी के दूसरे चरण में है। ऐसे में सोशल डिस्‍टेंसिंग महत्‍वपूर्ण है, जिससे कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके।

कोरोना के चरण बताएंगे उसकी उम्र
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की माने तो कोरोना के 4 चरण हैं। जिसमें पहले चरण में वो लोग संक्रमित लोग आते हैं जो कोरोना वायरस से संक्रमित होकर दूसरे देश से भारत में आए, और ये चरण भारत पहले ही पार कर चुका है। दूसरा चरण में स्थानीय संक्रमित लोग अन्य स्थानीय लोगों को संक्रमित करते हैं और इसी चरण में अब भारत है। तीसरे चरण में 'कम्युनिटी ट्रांसमिशन' (Community Transmission)  के जरिए वायरस फैलता है जिसमें किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना ही कोई भी व्यक्ति वायरस की चपेट में आ जाता है और ये चरण बेहद खरतनाक होता है और सबसे खतरनाक है चौथा चरण जिसमें संक्रमण स्थानीय स्तर पर महामारी (Epidemic) की तरह फैलता है। भारत सरकार के अनुसार, भारत में कोरोना दूसरे चरण में हैं और इसे जल्द ही समाप्त करने के प्रयास किये जा रहे हैं। हालांकि मौजूदा हालातों को देखे तो स्थिति तीसरे चरण तक बढ़ती जा रही है। यानी अगर भारत दूसरे चरण पर कोरोना को नहीं हरा पाया तो कोरोना की उम्र भारत में लंबी हो सकती है!

भारत की तैयारियां घटा सकती हैं कोरोना के साल
कोरोना को लेकर भारत में हर लेवल पर बचाव कार्य चल रहे हैं। लेकिन फिर भी भारत स्वास्थ्य सेवाएं देने में पीछे है। देश में कोरोना जांचने के पर्याप्त साधन नहीं हैं और न ही हॉस्पिटल्स वार्ड। इतना ही नहीं आइसोलेशन (Isolation) के लिए जरूरी मशीनों के लिए भी भारत दूसरे देशों पर निर्भर है। भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से क़रीब दस लाख किट और माँगी हैं। वहीँ, आईसीएमआर ने यह भी दावा किया था कि 23 मार्च तक भारत में दो ऐसे लैब तैयार हो जाएंगे जहाँ 1400 टेस्ट रोज़ हो सकेंगे। इसके अलावा प्राइवेट लैब में जांच की तैयारियां भी की जा रही हैं। भारत में जितनी तेजी से मामले सामने आ रहे हैं सरकार को उतनी ही तेजी से फंड (Fund) की आने वाले समय में जरूरत पड़ सकती है। भारत पहले से ही आर्थिक रूप से खस्ता हालातों से गुजर रहा है और आगे अगर कोरोना के मामले बढ़े तो बड़ी मुसीबत आ सकती है। फिलहाल कोरोना के एक टेस्ट पर 3000 रुपये का ख़र्च आता है। पहले स्तर के लिए 1500 रुपये तक का ख़र्च आता है और ये खर्च अभी केंद्र सरकार ही उठा रही है।

कोरोना से बचने के ये हैं रास्ते
कोरोना वायरस के फैलने की क्षमता को कम करना ही कोरोना की उम्र को कम कर सकता है। इसके लिए टीकाकरण, लोगों में आपसी संक्रमण से बचने के लिए उनकी इम्यून सिस्टम (Immune System) का बढ़ना और लोगों को अपने व्यवहार में नियमित रूप से साफ-सफाई की आदत डालनी होगी। लेकिन भारत में सिर्फ बचाव और जागरूकता ही इसका इलाज है अन्यथा कोरोना अगर बढ़ गया तो इसकी उम्र बढ़ सकती है!

कोरोना योद्धा की पदयात्रा
लॉकडाउन के कारण वाहन साधन नहीं रहने के कारण एक महिला कोरोना योद्धा पदयात्रा करने को मजबूर हैं। फिर भी वह दृढ़ प्रतिज्ञ है कि कोरोना पीड़ितों की सेवा करूंगी ही। वह दीघा थानान्तर्गत कुर्जी से पदयात्रा करके पटना-गया रेलखंड से सटे केंद्र में कर्तव्य निर्वाह करने जाती हैं।इनके अलावे अन्य भी लोग हैं। ऐसे लोगों को सेल्यूट है जो मानव  सेवा करने में पीछे नहीं हटती हैं। जानकारी के अनुसार झारखंड सरकार ने सफाईकर्मियों को सेवा स्थान में पहुंचाने व घर पहुंचाने की व्यवस्था कर दी है।क्या बिहार सरकार भी कोरोना योद्धाओं के लिए व्यवस्था कर देगी? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्णय लिया कितत्काल पटना तथा बिहार के अन्य शहरों में जो भीरिक्शा चालक,दैनिक मजदूर एवं अन्य राज्यों के व्यक्तिजो लाॅकडाउन के चलते फंसे हुए हैं उनके रहने तथाभोजन की व्यवस्था राज्य सरकार अपने स्तर से करेगी।इसी तरह बिहार के लोग जो बिहार के बाहर अन्य राज्योंमें काम करते हैं और वे लाॅकडाउन के कारण वहां केशहरों में फंसे हुए हैं या रास्ते में हैं उनके लिए भी राज्यसरकार स्थानिक आयुक्त नई दिल्ली के माध्यम सेसंबंधित राज्य सरकारों एवं जिला प्रशासन से समन्वयस्थापित कर भोजन एवं आवासन हेतु आवश्यकव्यवस्था करेगी।  मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस कार्य हेतुमुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा प्रबंधन विभाग को 100करोड़ रूपये की राशि जारी कर दी गयी है।  बिहार मेंपटना तथा अन्य शहरों में ऐसे लोगों के लिए वहीं परआपदा राहत केन्द्र स्थापित किया जायेगा तथा इन परकोरोना संक्रमण से निपटने के लिए चिकित्सा उपलब्धरहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण के कारणलोगों के फंसे होने की स्थिति को आपदा मान रही हैऔर ऐसे लोगों की मदद उसी तरह की जायेगी जैसीअन्य आपदा पीड़ितों की जाती है। उन्होंने कहा किबिहार के निवासी बिहार के किसी शहर में या बिहार केबाहर जहां भी फंसे हों वहीं पर उनकी मदद की जायेगीतथा बिहार जो अन्य राज्यों के लोग फंसे है उनके लिएभी राज्य सरकार अपने स्तर से भोजन एवं आवासन कीव्यवस्था करेंगी।  किसी  को भी समस्या नहीं होने दी जायेगी।

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