बिहार के विकास के बुनियादी सवालों से विश्वासघात करने वाले नीतीश अब उसे बता रहे बकवास: दीपंकर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 5 मार्च 2020

बिहार के विकास के बुनियादी सवालों से विश्वासघात करने वाले नीतीश अब उसे बता रहे बकवास: दीपंकर

  • आजादी के आंदोलन से गद्दारी करने वाले आज आजादी शब्द से भी भड़क रहे.
  • न्याय व अधिकार के सवाल पर चल रहे आंदोलनों के खिलाफ भाजपाई चला रहे ‘गोली मारो’ अभियान.
  • सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ आगामी कार्यदिशा पर विचार गोष्ठी का आयोजन.
  • वाम दलों के प्रतिनिधियों के अलावा राजद, हम (से) और अन्य राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों ने लिया हिस्सा.
  • सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का आह्वान.
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पटना 5 मार्च (आर्यावर्त संवाददाता) आज पटना के भारतीय नृत्य कला मंदिर में भाकपा माले और इंसाफ मंच द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए भाकपा-माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि जिन ताकतों ने देश की आजादी के आंदोलन में कोई हिस्सा नहीं लिया, वे ही आज आजादी शब्द से भड़क रहे हैं. सीएए-एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ चल रहे न्यायपूर्ण आंदोलनों के खिलाफ भाजपाइयों ने ‘गोली मारो’ अभियान चला रखा है. भाजपा और आरएसएस के लोग आज गोली मारो गैंग के रूप में सामने आए हैं. दिल्ली में राज्य प्रायोजित हिंसा वाला माॅडल आज पूरे देश में थोपने की कोशिशें की जा रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की घटना को सिर्फ दिल्ली की घटना के रूप में नहीं देखना चाहिए. वे इस माॅडल को खड़ा करके पूरे देश में थोपना चाहते हैं. दिल्ली में इस बार न तो इंदिरा गांधी की हत्या हुई, न ही गुजरात जैसा कुछ हुआ था, फिर दिल्ली को निशाना क्यों बनाया गया? दिल्ली को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वह अभी आंदोलनों का भी केंद्र बना हुआ है. वहां जेएनयू, जामिया और शाहीनबाग के आंदोलन है. दूसरा दिल्ली विधानसभा को जीतने के लिए भाजपा ने सबसे घटिया किस्म का प्रचार अभियान चलाया, फिर भी जनता से उसे नकार दिया. दिल्ली की जनता ने भाजपा को जो तमाचा मारा है, इसी का वे बदला चुका रहे हैं और पूरी दिल्ली को हिंसा व उपद्रव की आग में झोंक दिया. उपद्रवियों की गिरफ्तारी की बजाए उन्हें सुरक्षा प्रदान किया जा रहा है. देश में थोपे जा रहे इस फासीवादी माॅडल को पूरी तरह से ध्वस्त करने का संकल्प लेना होगा. भाजपा-आरएसएस के निशाने पर केवल मुस्लिम या कम्युनिस्ट नहीं है, बल्कि आंदोलन करने वाले सभी लोग हैं. निजीकरण के खिलाफ आंदोलन करने वाले रेलवे मजदूर, स्मार्ट सिटी के खिलाफ संघर्ष कर रहे सभी गरीब, रोजगार मांग रहे नौजवान आदि सभी हैं. उन्होंने बिहार की नीतीश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि बिहार के विकास के बुनियादी सवालों से विश्वासघात करने वाले नीतीश कुमार अब उन मुद्दों को बकवास बता रहे हैं. दरअसल, विगत पंद्रह वर्षों में नीतीश जी ने बिहार की जनता के साथ केवल बकवास ही किया है और बिहार को पीछे धकेलने का काम किया है. नीतीश जी यहां के दलित-गरीबों की सबसे पुरानी मांग को  बकवास कहा है. दरअसल, उन्होंने खुद को बिहार की राजनीति में अपने को बकवास साबित किया है. न्याय के नाम पर अन्याय ही हुआ है. नीतीश जी दिल्ली में भाजपा का चुनाव प्रचार करने गए थे और वे बिहार में भाजपाइयों के प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने का ही काम कर रहे हैं. दिल्ली हिंसा पर नीतीश जी ने शर्मनाक चुप्पी साध रखी है.  मोदी और नीतीश कुमार दोनों बकवास करने वाले लोग हैं. इसलिए दोनों के बीच एकता बनी है. इस मोर्चे के खिलाफ बड़ी एकता, बड़ी लड़ाई चाहिए. हमें और गंभीरता से काम करना होगा.  बिहार में विधानसभा चुनाव आने वाला है. हम चाहते हैं कि जिस प्रकार दिल्ली व झारखंड की जनता ने भाजपा को करारा तमाचा जड़ा, बिहार की जनता भी भाजपइयों को गहरी शिकस्त दे. लेकिन जिस प्रकार का तालमेल लोकसभा चुनाव में हुआ था, उससे तो यह नहीं होने वाला है. हमें उससे आगे निकलना होगा. सीएए, एनआरसी और एनपीआर विरोधी राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता श्री उदय नारायण चैधरी, सीपीआई के रविंद्र नाथ राय, सीपीएम के अरुण कुमार मिश्रा, प्रख्यात अर्थशास्त्री डीएम दिवाकर, शिक्षाविद मोहम्मद गालिब, पीयूसीएल के सरफराज, सामाजिक कार्यकर्ता रूपेश, लोकतांत्रिक जन पहल की कंचन वाला, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, सामाजिक कार्यकर्ता शाहिद कमाल, साहित्यकार प्रेम कुमार मणि, वामसेफ के प्रतिनिधि एहसान अहमद आदि ने भी अपने विचार रखे. राजद के वरिष्ठ नेता व बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर श्री उदय नारायण चैधरी ने अपने संबोधन में कहा कि आज भाजपाई केवल गाय-गोबर की चर्चा कर रहे हैं. देश की आर्थिक स्थिति लगातार खराब हो रही है. दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों, मुसलमानों के अधिकारों पर हमला किया जा रहा है. आरक्षण पर भी लगातार हमला किया जा रहा है. दलितों के अधिकारों पर सबसे पहला हमला नीतीश जी के ही राज में हुआ. उन्होंने अंग्रेजी जमाने के सेडिशन चार्ज के कानून को खत्म करने की मांग की. साहित्याकार प्रेम कुमार मणि ने कहा कि आज लगता है कि भारत वह भारत नहीं रहा. हमारे पूर्वजों ने जिस भारत को सजाया, उसे बर्बाद किया जा रहा है. प्रो. डीएम दिवाकर ने कहा कि आज देश चैराहे पर खड़ा है. एक विमर्श तीन तलाक, राम मंदिर, धारा 370, सीएए हो इस सिरीज का चल रहा है. दूसरी ओर आम लोगों के जीवन के सवालों का विमर्श है. लेकिन भाजपइयों ने जिन बहसों को उभारा था, वे एक-एक ध्वस्त हो रही है. महाराष्ट्र, झारख्ंाड  व दिल्ली में वे चुनाव हार चुके हैं. जनता ने उन्हें सबक सिखा दिया है. सीपीआईएम के नेता अरूण कुमार मिश्रा ने कहा कि यदि भाजपा के लोग देश के संविधान को बदलने पर आमदा हैं, तो हम भी सीएए-एनआरसी व एनपीआर जैसे काले कानूनो ंको पूरी तरह से खारिज करने के प्रति प्रतिबद्ध है. सीपीआई के रवीन्द्र नाथ राय ने भाजपा-संघ के खिलाफ बड़ी एकता के निर्माण का आह्वान किया. मंच का संचालन भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. धीरेन्द्र झा व इंसाफ मंच के कयामुद्दीन अंसारी ने किया. जबकि अध्यक्षमंडल में काॅ. केडी यादव, सूरज कुमार सिंह आदि शामिल थे. मंच पर अन्य कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे.

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