बिहार : छटपटाहट में रहने वालों में दिव्या रूमोल्ड का नाम भी शुमार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 14 मार्च 2020

बिहार : छटपटाहट में रहने वालों में दिव्या रूमोल्ड का नाम भी शुमार

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समस्तीपुर,14 मार्च। मिशनरियों की चहारदीवारी से निकलने की छटपटाहट में रहने वालों में दिव्या रूमोल्ड का नाम भी शुमार हो रहा है। अभी वह 16 साल की हैं। पिता रूमोल्ड के व्यवसाय में और माता बबीता रोमॉल्ड के गृह कार्य में हाथ बंटाती हैं। माता-पिता की दुलारी बेटी दिव्या 11वीं कक्षा में अध्ययनरत हैं। उनलोगों का घर मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत की समस्तीपुर पल्ली में हैं। समस्तीपुर पल्ली का पल्ली पुरोहित Dr. Vikas Vijay हैं। दिव्या रूमोल्ड कहती हैं कि वह पापा और मम्मी की दुलारी हैं कारण की एकलौती हूं। दोनों का भरपूर प्यार मिलता है। आगे कहती हैं कि हमलोग विशेष प्रजाति का कुकुर पाले हैं।जो काफी प्यारा है।इससे दिल लगाया जाता है। इसके अलावे गायन और बजायन में दिव्या की रूचि हैं यह कथन दिव्या की मां बबीता का कहना है।इस पर दिव्या कहती हैं कि 2019 से गाना-बजाना शुरु कर दी है। दिसम्बर 2019 से अबतक 32 वीडियों को यू ट्यूब अपलॉड कर चुकी हैं।जो हिन्दी और अंग्रेजी में है। जो इस प्रकार है:-
1. आंखे लग जावें....
2. दुनिया....
3. रहना तू पल पल दिल के पास...
4. ना गोरी...
5. ओ साखी साखी...
6. लॉस्ट बिथआउट यू...
7. दस बहाने करके ले गए दिल
8. बेख्याल.
9. ऐ दिल है मुश्चिक 
10.तुम ही आना
11.स्टे लिटि्ल लॉगर आदि को लोगों ने 
975 लाइक और 77 कमेंट किए हैं। कुछ सोचकर दिव्या कहती हैं कि फिलवक्त कोई पुरस्कार नहीं मिला है। आगे कहती हैं कर्म किया कर इंसान जैसा कर्म करेंगा वैसा फल देगा भगवान....। वह कहती हैं कि गीता में कुल सात सौ श्लोक हैं। गीता में ज्ञान को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। ज्ञान की प्राप्ति से ही मनुष्य की सभी जिज्ञासाओं का समाधान होता है, इसीलिए गीता को सर्वशास्त्रमयी भी कहा गया है।श्रीकृष्ण ने अर्जुन ही नहीं मनुष्य मात्र को यह उपदेश दिया है कि 'कर्म करो और फल की चिंता मत करो'। फल की इच्छा रखते हुए भी कोई काम मत करो। जब इच्छित फल की हमें प्राप्ति नहीं होती है तो हमें दुख होता है। अतः सुखी रहना है तो सिर्फ कर्म करो और वह भी निष्काम भाव से।श्रीकृष्ण का उपदेश सुन जिस प्रकार अर्जुन का मोहभंग हो गया था और उन्हें पाप और पुण्य का ज्ञान हो गया था।  वह भविष्य की रणनीति (योजना) के बारे में जिक्र करके कहती हैं कि पहले लोकल स्तर पर और बाद में  राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में शामिल होगी।

आलोक कुमार

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