महा आंदोलन में शामिल सत्याग्रही नारा बुलंद कर सरकार के समक्ष मांग रखेंगे।घर की जमीन दिलाना होगा कानून नया बनाना होगा, चाहे जो होंवे सरकार रोजगार हो मूल अधिकार
तुर्की, 02 मार्च। एकता परिषद,उत्तर बिहार के बैनर तले आज सोमवार से स्वाहा यज्ञ का महा आंदोलन होगा। आवासीय भूमिहीनों को घर के लिए 10 डिसमिल जमीन सरकार के द्वारा खरीदकर देने का कानून बनाया जाय और बेरोजगार युवक-युवतियों को स्थायी रोजगार मुहैया कराने के लिए मूल अधिकार का कानून बनाने की मांग को लेकर तुर्की-सकरी फोरलेन के बगल में 10 बजे से 3 बजे के बीच स्वाहा-यज्ञ का महा आंदोलन में सैकड़ों लोग शामिल होंगे।महा आंदोलन में शामिल सत्याग्रही नारा बुलंद कर सरकार के समक्ष मांग रखेंगे।घर की जमीन दिलाना होगा कानून नया बनाना होगा, चाहे जो होंवे सरकार रोजगार हो मूल अधिकार। सर्वविदित है कि जल,जंगल,जमीन और आजीविका के मुद्दे पर जन संगठन एकता परिषद लगभग तीस वर्षों से सम्मानीय गांधीवादी नेता पी.व्ही.राजगोपाल जी के नेतृत्व में जय जगत 2020 पदयात्रा जारी है।02 अक्टूबर 2019 को नयी दिल्ली से जिनेवा तक पदयात्रा जारी है। खैर,भूमि,आजीविका,भोजन,वस्त्र और आवास हर एक मनुष्य की सबसे बड़ी आवश्यकता है। इसके अभाव में आदमी का वजूद या तो समाप्त हो जाता है या फिर बिखर जाता है।
इसके आलोक में स्वाहा यज्ञ का महा आंदोलन
भोजन, वस्त्र और आवास के लिए किसी भी व्यक्ति के पास आवास की भूमि तथा चतुर्दिक भरण-पोषण लायक स्थायी रोजगार होना जरूरी है।यह मानते हुए एकता परिषद,उत्तर बिहार के संयोजक रामलखेन्द्र ने कहा कि स्वाहा -यज्ञ का महा आंदोलन के माध्यम से लोगों के मन में आवासीय भूमिहीनता, बेरोजगारी, भष्टाचार,गरीबी और किसानों की बेचारगी को भस्म करने की भावना जागृत करना चाहते हैं। हम प्रशासन और शासन को खबरदार भी करना चाहते हैं कि आप जितना नजर अंदाज करेंगे यह आंदोलन उतना ही पैना होता चला जायेगा।इस महा आंदोलन को सफल बनाने के लिए हजारों हजार की संख्या में उपस्थित सत्याग्रही तुर्की -सकरी फोरलेन के बगल में 10 बजे से 3 बजे के बीच स्वाहा-यज्ञ में जुटेंगे।
इन मुद्दे पर किसी भी दल ने रूचि नहीं लिए
स्वाहा यज्ञ का महा आंदोलन के अध्यक्ष शिवनाथ पासवान ने कहा कि विगत 20 वर्षों में लगभग हरेक दल की सरकारे बन चुकी हैॆ। बड़े बोल बोलने के बावजूद किसी भी दल ने आवासीय भूमिहीनता और बेरोजगारी पर कानून बनाने में कोई रूचि नहीं दिखाई है। हम चाहेंगे कि वे इस मुद्दे को अपनी प्राथमिकता में शामिल करें। उन्होंने कहा कि यह महा आंदोलन किसी के खिलाफ नहीं,सिर्फ अपने सवालों के पक्ष में हैं।
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