जन चेतना व विरोध के बीच मौत के पूरे 17 घंटे के बाद दो गज जमीन नसीब हुई - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 13 अप्रैल 2020

जन चेतना व विरोध के बीच मौत के पूरे 17 घंटे के बाद दो गज जमीन नसीब हुई

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रांची,13 अप्रैल। यहां के हिंदपीढ़ी निवासी नईमुद्दीन कोरोना संक्रमित था। वह 60 वर्षीय बुजुर्ग का शव दफनाने को लेकर रविवार को दिनभर खूब हंगामा हुआ। अंतत: मौत के पूरे 17 घंटे के बाद दो गज जमीन नसीब हुई। रविवार की सुबह करीब आठ बजे बुजुर्ग की मौत हुई थी। देर रात करीब 01:15 बजे हिंदपीढ़ी के बच्चा कब्रिस्तान में शव को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इससे पहले शव पूरे दिन रिम्स परिसर के एंबुलेंस पर पड़ा रहा। सुबह से ही शव को दफनाए जाने की प्रक्रिया चलती रही। प्रशासन कब्र खोदवाता रहा। विरोध के चलते शव को दफनाने का कार्य टलता रहा। आखिरकार शव को चौथे कब्र में दो गज जमीन नसीब हुई। राजधानी रांची में रविवार को हिंदपीढ़ी का रहने वाला है। वह कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में भत्र्ती था। वह रविवार (12 अप्रैल, 2020) की सुबह दम तोड़ दिया। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि हिंदपीढ़ी के 60 वर्षीय एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की रविवार सुबह में मृत्यु हो गयी। उसकी स्थिति दो दिन से गंभीर थी और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। उसकी पत्नी और दो बेटे भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और दोनों रिम्स में भर्ती हैं। इसके परिवार में पांच लोग कोरोना से संक्रमित हैं। पांच लोगों पर प्राथमिकी दर्ज किया गया है।

हिंदपीढ़ी निवासी कोरोना पीड़ित की मौत के बाद शव को दफनाने को लेकर रविवार को विवाद शुरू हो गया है। बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतरे और शव को दफनाने का विरोध जताया। विरोध करने वालों की भीड़ लगातार बढ़ती चली गयी। मौके पर पांच थानों की पुलिस मौजूद थी। वरीय पुलिस अधिकारी ने इस बात का खंडन किया कि मृतक को दफनाने के लिए सबसे पहले रांची के बड़गाई में कब्र खोदी गई। वहां विरोध करने पर पुलिस प्रशासन बरियातू के जोड़ा तालाब के पास स्थित कब्रिस्तान पहुंची। वहां भी स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद रातू रोड कब्रिस्तान में शव दफनाने की तैयारी शुरू की गई। वहां भी स्थानीय लोग शव दफनाने के विरोध में उतर गए। उक्त वरीय पुलिस अधिकारी ने कहा कि बड़गाई और बरियातु के जोड़ा तालाब के पास स्थित कब्रिस्तान को भी नजर रखे थे परन्तु रातू रोड कब्रिस्तान में शव को दफनाने का निश्चय किया गया था। शव को रिम्स में ही एम्बुलेंस में रखा गया है। पूरे दिन अलग-अलग कब्रिस्तान के आसपास  हंगामे और विरोध होते रहे। देर रात पुलिस ने शव को जुमार पुल के पास भी दफनाने का प्रयास किया लेकिन वहां भी विरोध के कारण उसे लौटना पड़ा। इसके बाद हिंदपीढ़ी स्थित बच्चा कब्रिस्तान में मृतक को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। मृतक वहीं का रहने वाले था। प्रशासन ने इस कब्रिस्तान का चुनाव आखिरी विकल्प के रूप में किया। हिंदपीढ़ी के लोग आगे आए और शव को दफनाने पर सहमति दी। मिट्टी देने वालों में मृतक के चार परिजन शामिल हुए। इन्हें व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) पहनाकर शव के साथ मिट्टी देने ले जाया गया। शव को पूरी तरह से पैक रखा गया था। गाइडलाइन के अनुसार शव को करीब 20 फीट की गहराई वाले कब्र में डाला गया। इससे पहले कब्र को सैनिटाइज किया गया, शव को कब्र में डालने के बाद भी सैनिटाइज कर जेसीबी से मिट्टी डालकर ढक दिया गया। इसके साथ ही मिट्टी में शामिल चार परिजनों को क्वारंटाइन कर दिया गया है। पूर्व पार्षद व अमन यूथ सोसाइटी के जिम्मेदार मोहम्मद असलम, नदीम इकबाल व मिल्लत पंचायत के अध्यक्ष मोहम्मद निसार तथा शाहिद अयूबी ने पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद हिंदपीढ़ी के बच्चा कब्रिस्तान में शव दफनाने की बात पर सहमति दी। वहां लोगों ने खुद कब्र खोदवाया और देर रात शव को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। एसएसपी अनीश गुप्ता, ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग, कोतवाली डीएसपी अजित कुमार विमल सहित कई अधिकारी मौके पर मौजूद थे। 

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