रिम्स पहुंचा मोबाइल सैंपल कलेक्शन बूथ, डॉक्टरों ने कहा- कोरोना से जंग में होगा कारगर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 19 अप्रैल 2020

रिम्स पहुंचा मोबाइल सैंपल कलेक्शन बूथ, डॉक्टरों ने कहा- कोरोना से जंग में होगा कारगर

चाईबासा के डीडीसी आदित्य रंजन ने एक सैंपल कलेक्शन बूथ का आविष्कार किया है. जिससे बिना पीपीई किट के ही मरीजों की जांच की जाएगी. सबसे पहले इस बूथ को चाईबासा सदर अस्पताल में लगाया गया था. जहां इसका सफल परीक्षण किया गया उसके बाद इसे रिम्स में लगाया गया है, जहां कोरोना मरीजों की जांच की जाएगी.
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रांची (आर्यावर्त संवाददाता) : कोरोना वायरस से जंग लड़ने के लिए राज्य सरकार के पास संसाधनों की कमी है. सरकार की परेशानी को देखते हुए उन्हीं के एक होनहार और काबिल अधिकारी ने सरकार की मदद के लिए एक नया आविष्कार किया है. जिससे कोरोना के इस जंग में काफी मदद मिलेगी. चाईबासा के डीडीसी आदित्य रंजन ने एक सैंपल कलेक्शन बूथ का आविष्कार किया है, जिसकी चर्चा स्वास्थ्य मंत्री से लेकर पूरा स्वास्थ्य कर रहा है. चाईबासा में बनाया गया यह सैंपल कलेक्शन बूथ अब पूरे राज्य के लिए जरूरी साबित हो रहा है, क्योंकि संदिग्ध लोगों का सैंपल कलेक्शन करने के लिए पीपीई किट की कमी पूरे देश के साथ साथ झारखंड में भी देखी जा रही है. इसी को देखते हुए चाईबासा के डीडीसी आदित्य रंजन सैंपल कलेक्शन बूथ का अविष्कार किया है. जो सैंपल कलेक्शन करने में मील का पत्थर साबित होगा. यह सैंपल कलेक्शन बूथ सबसे पहले सदर अस्पताल चाईबासा में लगाई गई, जहां डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने इसकी खूब प्रशंसा की. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी अधिकारी के इस पहल को सराहनीय बताया है. चाईबासा में सैंपल कलेक्शन बूथ का सफल परीक्षण होने के बाद अब उसे रिम्स लाया गया है, जहां इसे कोरोना सेंटर के बाहर में लगाया गया है. इस तकनीक को लेकर रिम्स के निदेशक डॉ. डीके सिंह ने बताया कि यह बूथ पूरी तरह से एयरटाइट है और इस बूथ के अंदर स्वास्थ्यकर्मी जाकर कोरोना के संदिग्ध मरीजों का सैंपल ले सकते हैं. रिम्स के निदेशक डॉ डीके सिंह ने बताया कि इस आविष्कार के माध्यम से पीपीई किट की कमी से उबरने का प्रयास किया जा रहा है, क्योंकि इस सैंपल कलेक्शन बूथ में पीपीई किट की आवश्यकता नहीं पड़ती है, इसीलिए चाईबासा के उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन का अविष्कार किया गया यह बूथ निश्चित रूप से संसाधनों की कमी को देखते हुए एक बेहतर विकल्प बन गया है.

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