पटना,12 अप्रैल। ईस्टर ईसाई समुदाय के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस साल ईस्टर 12 अप्रैल को मनाया गया। हर साल देशभर में ईस्टर की धूम रहती है, लेकिन इस साल लॉकडाउन के चलते लोग घर पर ही इस खास त्योहार को मनाया। ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह क्रिसमस के बाद सबसे बड़ा पर्व होता है। दोनों ही पर्व ईसाह मसीह के से संबंधित है। क्रिसमस पर्व ईसा मसीह के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। ईस्टर पर्व मृतकों में जी पुनर्जीवित होने का के अवसर पर मनाया जाता है। आज ईसा मसीह के पुनर्जीवित होने की खुशी में ईस्टर पर्व मनाया गया। ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार, गुड फ्राइडे के तीसरे दिन ईसा मसीह पुनर्जीवित हो जाते है, जिसे ईसाई धर्म के लोग ईस्टर संडे के नाम से मनाते हैं। ईस्टर को मृतोत्थान दिवस या मृतोत्थान रविवार भी कहते हैं। विभिन्न इलाकों में ईसाई धर्मावलंबियों ने ईस्टर संडे पर्व सादगी से मनाया। कोरोना वायरस के चलते लोगों ने घरों पर ही प्रार्थना की। एक दूसरे को सोशल मीडिया फेसबुक और वाट्सएफ पर बधाई का आदान-प्रदान किये। प्रार्थना के दौरान कैंडल जलाकर देश में अमन चैन और कोरोना वायरस से बचाव की दुआ मांगी गयी। माना जाता है कि गुड फ्राइडे के दिन प्रभु ईसा मसीह को सूली पर चढ़ा दिया गया था। जिसके तीन दिन बाद यानी रविवार को वह जीवित हो उठे थे। यह पर्व ईसा मसीह के जीवित हो उठने की खुशी में मनाया जाता है। लॉकडाउन के चलते लोगों ने घरों पर ही फैमिली मेंबर्स के साथ कैंडिल जलाकर एक दूसरे को बधाई दी। लोगों ने घरों मे ही एक दूसरे को रंग बिरंगे अंडे गिफ्ट किए। ईसाई समुदाय की मान्यताओं के अनुसार, हजारों साल पहले गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह को यरुशलम की पहाड़ियों पर सूली पर चढ़ाया गया था। इसके बाद गुड फ्राइड के तीसरे दिन यानी पहले संडे को ईसा मसीह पुनर्जीवित हो गए । माना जाता है कि पुनर्जन्म के बाद ईसा मसीह करीब 40 दिन तक अपने शिष्यों के साथ रहे थे। इसके बाद वे हमेशा के लिए स्वर्ग चले गए थे, इसलिए ईस्टर पर्व का जश्न पूरे 40 दिन तक मनाया जाता है। इस पर्व को ईसाई धर्म के लोग बड़ी धूम-धाम और उत्साह से मनाते हैं। ईस्टर त्योहार के पहले सप्ताह को ईस्टर सप्ताह कहा जाता है। इस दौरान ईसाई धर्म के लोग प्रार्थना करते हैं, साथ ही व्रत रखते हैं। ईस्टर पर्व पर सभी चर्चों को खास तौर पर सजाया जाता है। इस दिन चर्च में मोमबत्तियां जलाई जाती हैं। ईसाई धर्म के कई लोग इस दिन अपने घरों को भी मोमबत्तियों से रौशन करते हैं। ईस्टर डे के दिन विशेष तौर पर बाइबल का पाठ किया जाता है। हालांकि, इस साल कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से दुनियाभर में लॉकडाउन की स्थिति है और इसलिए सभी लोग अपमे घरों में इस त्योहार को मनाएंगे। लाॅकडाउन के कारण विभिन्न धर्मप्रांतों में यू ट्यूब से सीधा प्रसारण की व्यवस्था की गयी। आसनसोल में फादर डोल्फिन ने मिस्सा चढ़ाया। इसका प्रसारण देखने वाले लोग घर में वेदी बनाएं थे। जैस्मीन साह ने सुंदर वेदी मनायी थीं। पटना में आर्चबिशप विलियम डिसूजा, बेतिया में बिशप पीटर सेवास्टियन गोबियस आदि ने मिस्सा अर्पित किये।
सोमवार, 13 अप्रैल 2020
बिहार : घर में ही ईस्टर पर्व मनाया गया
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