झारखंड में कोरोना वायरस के संक्रमण की केंद्र बन चुके हिंदपीढ़ी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 13 अप्रैल 2020

झारखंड में कोरोना वायरस के संक्रमण की केंद्र बन चुके हिंदपीढ़ी

कोरोना पीड़ित व्यक्ति को कब्रिस्तान में दफनाने का विरोध जारी ....
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पटना,12 अप्रैल। अगर कोई अल्पसंख्यक कोरोना वायरस की चपेट में आकर मरेंगे तो उनको दफनाने को लेकर प्रशासन को बहुत ही मुश्किल एवं चुनौती मिलेगी। राजधानी रांची में रविवार को हिंदपीढ़ी का रहने वाला है। वह कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में भत्र्ती था। वह रविवार (12 अप्रैल, 2020) की सुबह दम तोड़ दिया। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि हिंदपीढ़ी के 60 वर्षीय एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की रविवार सुबह में मृत्यु हो गयी। उसकी स्थिति दो दिन से गंभीर थी और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। उसकी पत्नी और दो बेटे भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और दोनों रिम्स में भर्ती हैं। इसके परिवार में पांच लोग कोरोना से संक्रमित हैं। पांच लोगों पर प्राथमिकी दर्ज किया गया है। यह परिवार तबलीगी जमात से जुड़ी मलयेशिया की युवती के संपर्क में आने से इस बीमारी की चपेट में आया था। मलयेशियाई युवती में सबसे पहले कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। रिम्स में दम तोड़ने वाले कोरोना पॉजिटिव मरीज पहले से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों में कोरोना का संक्रमण घातक बन जाता है। पिछले दिनों बोकारो जिला के कोविड-19 अस्पताल बोकारो जेनरल अस्पताल (बीजीएच) में एक बुजुर्ग की मौत हो गयी थी। सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उनकी कोरोना जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी। इस तरह रांची में कोरोना से मरने वालों की संख्या दो हो गयी है। 17 पाॅजिटिव मरीज हैं। हिंदपीढ़ी निवासी कोरोना पीड़ित की मौत के बाद शव को दफनाने को लेकर रविवार को विवाद शुरू हो गया है। बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतरे और शव को दफनाने का विरोध जताया। विरोध करने वालों की भीड़ लगातार बढ़ती चली गयी। मौके पर पांच थानों की पुलिस मौजूद थी। वरीय पुलिस अधिकारी ने इस बात का खंडन किया कि मृतक को दफनाने के लिए सबसे पहले रांची के बड़गाई में कब्र खोदी गई। वहां विरोध करने पर पुलिस प्रशासन बरियातू के जोड़ा तालाब के पास स्थित कब्रिस्तान पहुंची। वहां भी स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद रातू रोड कब्रिस्तान में शव दफनाने की तैयारी शुरू की गई। वहां भी स्थानीय लोग शव दफनाने के विरोध में उतर गए। उक्त वरीय पुलिस अधिकारी ने कहा कि बड़गाई और बरियातु के जोड़ा तालाब के पास स्थित कब्रिस्तान को भी नजर रखे थे परन्तु रातू रोड कब्रिस्तान में शव को दफनाने का निश्चय किया गया था। शव को रिम्स में ही एम्बुलेंस में रखा गया है।  रातू रोड कब्रिस्तान में शव दफनाने की तैयारी चल रही है। वहां भी स्थानीय लोग जोरदार विरोध करने सड़क पर उतर गये। काफी संख्या में महिलाओं के साथ बच्चे भी शामिल थे। रातू रोड कब्रिस्तान में शव को नहीं दफनाने देने वालों का कहना था कि हिंदपीढ़ी में कोरोना वायरस प्रसार हो गया है तो हम अपने क्षेत्र में भी कोरोना को प्रसार होने नहीं देना चाहते हैं। इसके आलोक में किसी भी कीमत पर शव को दफनाने नहीं देंगे। तीव्र विरोध होने पर यातायात पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग ने माइक लेकर कहा कि यहां पर मृतक का शव नहीं दफनाया जाएगा। आपलोग भीड़ हटाएं नही ंतो कानून सम्मत कार्रवाई करने को बाध्य होना पड़ेगा। विरोध करने वालों का कहना था कि कब्रिस्तान सील कर दिया जाए। तो श्री डुंगडुंग ने कब्रिस्तान को चारों तरफ से सील कर दिया । इसके बाद लोग मानकर घर चले गये। बावजूद इसके यातायात पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडंुग ने कहा कि ड्र्ाॅन के द्वारा ली गयी तस्वीर के आधार पर लोगों पर एफ0आई0आर0 किया जाएगा। संपूर्ण लाॅकडाउन तोड़ने के साथ ससम्मत धारा पर कार्रवाई होगी। अंजुमन इस्लामिया के महासचिव मोख्तार अहमद ने कहा कि यह कब्रिस्तान 13 एकड़ में है। कोरोना वायरस से मौत होने के बाद बेहतर ढंग से सेनेटाइट करके शव को दिया जाता है। ऐसा करने से वायरस प्रसार होने का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि मेरा व्यक्तिगत विचार है कि शव को कब्रिस्तान में दफनाने से कोई हर्जा होगा। अभी तक कोरोना संक्रमित व्यक्ति का शव किसी सुनसान जगह अथवा कब्रिस्तान में दफनाने का निर्णय नहीं लिया जा सका है। अभी भी स्थानीय लोगों से बातचीत चल रही है।  उल्लेखनीय है कि रविवार को झारखंड में 92 लोगों की जांच रिपोर्ट आयी, जिसमें कोई पॉजिटिव केस नहीं था। हालांकि, इससे पहले शुक्रवार की देर रात जो रिपोर्ट आयी थी, उसमें 3 लोग कोविड-19 से संक्रमित पाये गये थे। इसमें गिरिडीह जिला के कोडरमा में एक, हजारीबाग के विष्णुगढ़ में एक और रांची के हिंदपीढ़ी में एक मरीज में यह संक्रमण पाया गया था। झारखंड में कोरोना वायरस के संक्रमण की केंद्र बन चुके हिंदपीढ़ी में स्थिति खतरनाक होने के बावजूद लोग लॉकडाउन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। प्रदेश में अब तक 19 केस सामने आ चुके हैं। इनमें 8 हिंदपीढ़ी, 8 बोकारो, 2 हजारीबाग और 1 कोडरमा के मरीज हैं और बोकारो एवं हिंदपीढ़ी में एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।

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