ऑल झारखंड अनएडेड निजी शैक्षणिक संस्थान ने कहा कि वे किसी भी सूरत में स्कूलों की फीस को नहीं माफ कर सकते हैं. क्योंकि अगर वे फीस नही लेंगे तो स्कूल के शिक्षक के साथ-साथ गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को सैलरी कैसे देंगे. हालांकि वे अपनी फीस को अगस्त तक बिना फाइन के जमा कर सकते हैं.
जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) : जिला के अंग्रेजी माध्यम के सभी स्कूलों ने निर्णय लिया है. वे किसी भी सूरत में स्कूलों की फीस को नहीं माफ कर सकते हैं. क्योंकि अगर वे फीस नही लेंगे तो स्कूल के शिक्षक के साथ-साथ गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को सैलेरी कैसे देंगे. हालांकि वे अपनी फीस को अगस्त तक बिना फाइन के जमा कर सकते हैं. इस सबंध में ऑल झारखंड अनएडेड निजी शैक्षणिक संस्थान के चेयरमैन बेली बोधनवाला ने बताया कि निजी स्कूलों के अभिभावकों को मार्च और अप्रैल का फीस देना होगा. क्योंकि सभी निजी स्कूलों के शिक्षक और कर्मचारियों को वेतन देना पड़ता है, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने लिए स्कूल कई तरह की शिक्षा आधुनिक तरीके से देते हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान संकट काल में भी स्कूलों के द्वारा ऑनलाइन बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. इस तरह का कार्य बिना फीस के संभव नहीं है. हालांकि निजी स्कूल के अभिभावकों को यह राहत जरूर दी गई है कि वह मार्च और अगस्त तक की फीस को अगस्त तक बिना फाइन के ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से जो गाइडलाइन आया है, उसमें स्कूल फीस नहीं बढ़ाने और अभिभावकों पर बोझ नहीं डालने की बात बताई गई है. उसी गाइडलाइन के अनुसार इस वर्ष किसी भी निजी स्कूलों ने अपना फीस नहीं बढ़ाया है. उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि वे शिक्षकों की समस्या को समझते हुए स्कूल की फीस को जरुर जमा करें. बता दें कि झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने निजी अंग्रेजी स्कूलों को फीस माफ करने के लिए निर्देश दिया था.
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