बिहार : वेतन के आस में कन्या माध्यमिक विघालय, दाउदनगर के शिक्षक पेत्रुस तिर्की की सांस टूट गयी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

बिहार : वेतन के आस में कन्या माध्यमिक विघालय, दाउदनगर के शिक्षक पेत्रुस तिर्की की सांस टूट गयी

नागरिक अधिकार मंच के संस्थापक न्यासी शिवप्रकाश राय का कहना है कि औरंगाबाद जिलान्तर्गत दाउदनगर के नगर पंचायत अंतर्गत कन्या उच्च विद्यालय, दाउदनगर में पदस्थापित शिक्षक पेत्रुस तिर्की जी की वेतन के अभाव में भूख से मौत हो गई  
teacher-petrus-tirki-died
पटना,28 अप्रैल। औरंगाबाद जिले में नगर पंचायत शिक्षकों के समक्ष वेतन के लाले पड़ गये हैं। नगर पंचायत शिक्षकों को गत जनवरी 2020 माह का वेतन भी नहीं मिल है। वेतन की आस में पंचायत शिक्षक पेत्रुस तिर्की की सांस उखेड़ जाने की खबर है।  नागरिक अधिकार मंच के संस्थापक न्यासी शिवप्रकाश राय का कहना है कि औरंगाबाद जिलान्तर्गत दाउदनगर के नगर पंचायत अंतर्गत कन्या उच्च विद्यालय, दाउदनगर में पदस्थापित शिक्षक पेत्रुस तिर्की जी की वेतन के अभाव में भूख से मौत हो गई। बिहार सरकार के अधिकारियों की तरह ही लोगों को यह लगने लगा कि भला कोई शिक्षक भूख से मर जाएगा! यह तो पूर्णतः बनावटी बात हो सकती है। सरकारी अधिकारी और आम लोगों की तरह श्री राय के मन में भी यह बात आयी थी।  उन्होंने कहा कि जब विस्तार से पता किया गया तो यह बात बिल्कुल सत्य निकला कि कन्या उच्च विद्यालय, दाउदनगर में पदस्थापित शिक्षक पेत्रुस तिर्की जी की वेतन के अभाव में भूख से मौत हो गयी है। हां यह सत्य है कि शिक्षक मधुमेह के मरीज थे, उनके पास नियमित दवाई खरीदने के लिए पैसे का अभाव हो गया था। इसके कारण दवा-दारू भी छूट चुका था। और तो और घर में खाने के लिए अनाज तक नहीं था। राँची निवासी पेत्रुस तिर्की की जन्मतिथि 16 जुलाई 1971 है और नियुक्ति 21.12.2009 को हुई थी। वे पूर्णतः वेतन पर ही आश्रित थे, पैसे के अभाव में भूख और रोग से मात्र 49 वर्ष की अवस्था में परलोक-गमन करने को विवश हो गए। मृत्यु से पूर्व अस्पताल में उनके साथियों ने जाँच कराई थी, तो उनके हिमोग्लोबीन का स्तर 2.0 ग्राम से भी कम था। चर्चा है उनके स्वाभिमान ने ही उनका नाश कर दिया, उन्होंने किसी से मदद के लिए हाथ नहीं पसारे और न किसी से कुछ कहा ही। अपनी बदहाली स्थिति की जानकारी साथियों को भी नहीं दी थी। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष व विधान पार्षद शत्रुध्न प्रसाद सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग ने 15 अप्रैल को औरंगाबाद जिले के लिए नगर पंचायत शीर्ष के अन्तर्गत तीन करोड़ 27 लाख 89 हजार 523 रूपये आवंटित किया। इस राशि की निकासी एवं भुगतान के आदेश दिये गये। भूख से मरने वाले पेत्रुस तिर्की को दिसंबर 2019 तक का वेतन-भुगतान हुआ था। गत जनवरी माह के वेतन भुगतान के आदेश तो कई बार दिये गये। लेकिन, नगर पंचायत शिक्षकों को छोड़ सबों का वेतन भुगतान हो गया। उन्होंने कहा कि वेतन के आस में कन्या माध्यमिक विघालय,दाउदनगर के शिक्षक पेत्रुस तिर्की की सांस टूट गयी। उनकी दवा समाप्त हो गयी थी, जो पैसे के अभाव में नहीं खरीद पाया।  नागरिक अधिकार मंच के संस्थापक न्यासी शिवप्रकाश राय का कहना है कि जबकि प्राप्त जनवरी 2020 तक औरंगाबाद जिलांतर्गत नगर-पंचायत के सभी शिक्षकों के वेतन भुगतान का आवंटन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), औरंगाबाद के कार्यालय को प्राप्त था। आवंटन के बावजूद आखिर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), औरंगाबाद के द्वारा जनवरी माह के वेतन का भुगतान क्यों नहीं किया गया था, यह जाँच का विषय है। क्या उन्होंने नियमित वेतन मद के पैसे को रोक कर अपनी घूसखोरी के लिए बिल राशि का 3-5 प्रतिशत घूस वसूल कर उससे बड़े पैमाने पर अंग्रिम का भुगतान किया जिससे नियमित वेतन भुगतान हेतु पैसे नहीं बच पाए ? मैंने इससे संबंधित सूचना पूर्व में ही दिनांक 19 फरवरी तथा 22 फरवरी 2019 को माननीय मुख्यमंत्री सहित सभी वरीय अधिकारियों को मेल के माध्यम से दी थी।  माननीय मुख्यमंत्री के आधिकारिक ई-मेल से भी मेरे मेल को शिक्षा सचिव तथा जिला पदाधिकारी औरंगाबाद को उचित कार्रवाई हेतु 19 फरवरी 2019 तथा 24 फरवरी 2019 को अग्रेषित किया गया था ।  पर यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि माननीय मुख्यमंत्री के ईमेल का भी अधिकारी कोई संज्ञान नहीं लेते । इस बिंदु पर सरकार को जाँच कराकर सभी दोषी अधिकारियों की जिम्मेवारी तय करनी चाहिए। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना श्री मिथिलेश कुमार औरंगाबाद जिले के सभी शिक्षकों के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी हैं और उनकी घूसखोरी वाली कार्य-संस्कृति से जिले के आम लोग भी वाकिफ हैं। ये शिक्षक पेत्रुस तिर्की जी की हत्या के अपराधी हैं और इन पर उचित कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। इस संबंध में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पाण्डेय (सदस्य, बिहार विधान परिषद्) तथा महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह (पूर्व सांसद) द्वारा भी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), औरंगाबाद पर उचित कानूनी और विभागीय कार्रवाई की माँग की गई है ।   

कोई टिप्पणी नहीं: