बिहार : जदयू नेता ने महिला थाना पर एक युवक की फाँसी लगाने का आरोप लगाया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 10 मई 2020

बिहार : जदयू नेता ने महिला थाना पर एक युवक की फाँसी लगाने का आरोप लगाया

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अरुण शाण्डिल्य (बेगूसराय) जिले से एक बार फिर सनसनीखेज मामला उभर कर सामने आया।जिसे सुनते ही लोगों के रौंगटे खड़े हो गए है।बताया जाता है कि पति-पत्नी के मामले में थाना पर पहुँचे पति की थाना के ही एक कमरे में गले में लाल रंग का धागा डाल हत्या करने का गंभीर आरोप युवक की माँ द्वारा लगाई गई है।बेहोशी की हालत में इलाज के लिए युवक को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।जहाँ वर्तमान में वह युवक इलाजरत है।पूरा मामला बेगूसराय के नगर अन्तर्गत महिला थाना की यह घटना सामने आया है।घटना नगर थाना क्षेत्र के मुंगेरीगंज निवासी छोटू सिंह का पुत्र सूरज कुमार सिंह की है।सूत्रों की माने तो दोनों ने प्रेम प्रसंग के बाद विवाह कर एक सूत्र में बन्धे थे और बीते समय लगभग ढाई वर्षों से दोनों के बीच रह-रह कर विवाद हुआ करता था।इस सम्बन्ध में पीड़ित युवक की माँ आशा देवी ने बताया कि बीते शुक्रवार की रात से ही धमकी भरा फोन आ रहा था और आज सुबह फिर जब मोबाइल पर फोन आया तो थाना से बात करने की जानकारी दी गई,जिसमें दोनों माँ-बेटे को थाना पर बुलाया गया था और बताया गया था की पुत्रवधू के द्वारा शिकायत दर्ज की गई है।उसने बताया कि जब शनिवार को थाने पर आई तो मुझे बहुत डराया और धमकाया गया।जबकि पुलिस की मौजूदगी में लड़की पक्ष वाले अपने इच्छा अनुसार मुझ पर गलत-सलत आरोप चिल्ला चिल्ला कर लगाते रहा और पुलिस कर्मी ने एक बार भी उसे नहीं रोका।उन्होंने लड़की पर आरोप लगाया कि जब घर में पैसा रहता है तब वह खुश रहती है और जब पैसा नहीं रहता है तो इसी तरह लगभग ढाई साल से परेशान करती रहती है।महिला ने बताया कि थाना पहुँचते ही पुलिस वालों ने पहले मेरे बेटे को मुझसे अलग कर दिया और कहा कि ₹5000 दोगे तो बेटा थाना से जाएगा नहीं तो तुम समझो। उन्होंने बताया कि जब कुछ देर के बाद अपने बेटे को देखने गई तो उसके गले में लाल रंग का धागा लगा हुआ था और वह बेहोशी की अवस्था में पड़ा था जिस दौरान वह जबरदस्ती सांस लेने का प्रयास कर रहा था।पीड़ित की माँ ने बताया कि जब मैं बेटा-बेटा कहकर चिल्लाने लगी और पूछने लगी कि क्या हुआ तो वह कुछ नहीं बोल रहा था।उन्होंने बताया कि मेरी आँखों के सामने पुलिसकर्मी ने गले में लगे हुए लाल धागे की फंदे को चाकू से जल्दी-जल्दी में काटा और पूछे जाने पर कि ऐसा कौन किया,तो पुलिसकर्मी ने बताया कि उसकी पुत्रवधू ने युवक को फाँसी लगाया है।इतना कहते हुए आनन-फानन में उस युवक को इलाज के लिए सदर अस्पताल बेगूसराय में भर्ती कराया जहाँ वह इलाजरत है।वहीं उक्त घटना की तीव्र निन्दा करते हुए बेगूसराय जदयू प्रवक्ता सह बिहार विधानसभा प्रभारी अरुण महतो ने थाना परिसर में इस तरह की घटना को बेहद शर्मनाक करार दिया है। उन्होंने बताया कि महिला थाना पर लगा आरोप बेगूसराय पुलिस के लिए एक धब्बा के समान है। उन्होंने कहा कि थाना में घटना घटता है तो इसका सारा जवाबदेह पुलिस पदाधिकारी की होती है।थाना पर गम्भीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा है कि नगर थाना सिर्फ अब उगाही में लगा रहता है।उन्होंने बताया कि यह मामला एक पति पत्नी के बीच का मामला था लेकिन जिस तरह से थाना में उसको फाँसी लगाया गया यह कहीं ना कहीं पुलिस पर सवाल खड़ा करती है।श्री महतो ने पूर्व में हुए वीरपुर थाने में विक्रम पोद्दार की घटना की याद ताजा करते हुए आशंका जाहिर किया कि जिस तरह उस दिन घटना घटित हुई,हो सकता है कि उसी तरह की घटना यदि दोहराया जाता तो इसका जवाबदेह पुलिस प्रशासन को लेना पड़ेगा। उन्होंने बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे,डीआईजी राजेश कुमार एवं एसपी अवकाश कुमार से आग्रह किया है कि सीसीटीवी के फुटेज के माध्यम से स्वयं जाँच कर घटना का सही कारण स्पष्ट करें।उन्होंने आम लोगों की चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि थाना में ही इस तरह की घटना होता रहे तो लोग न्याय के लिएअब कहाँ जाएंगे।मामले को गंभीर बताते हुए उन्होंने कहा कि लोग अपने जान की रक्षा एवं सुरक्षित जीवन वसर की माँग को लेकर थाना पहुँचते हैं लेकिन जब थाना ही सुरक्षित नहीं रहेगी तो ऐसे में यह बहुत ही गंभीर विषय है।उन्होंने पुलिस प्रशासन की भर्त्सना करते हुए इसे बेहद शर्मनाक बताया है।वहीं दूसरी तरफ बेगूसराय पुलिस ने इस आरोप को एक सिरे से खारिज कर दिया है।इस संबंध में हेडक्वार्टर डीएसपी कुंदन सिंह ने बताया कि यह एक प्रेम प्रसंग का मामला था।जिसमें लड़की को लड़के ने छोड़ दिया था।उन्होंने बताया कि लड़की के अपने पति समेत सास और ससुर पर केस करने का एक आवेदन दिया था।लड़की ने अपने आवेदन में आरोप लगाया कि दहेज की माँग को लेकर उसे लगातार प्रताड़ित किया जाता है।उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के बीच थाने में ही मामले को समझा-बुझाकर शांत करने पर विचार की जा रही थी।डीएसपी ने बताया कि इसी बीच थानाध्यक्ष को एक महत्वपूर्ण केस का डायरी लिखना था और इस कार्य को करने के बाद दोनों पक्षों को समझाने की बात बताई गई थी।श्री सिंह ने बताया कि 2 दिनों से भूखे रहने के कारण पीड़ित को इसी बीच चक्कर आ गया था,जिसके बाद उसे पानी एवं नाश्ता कराने के साथ ही उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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