मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) गरीबी की मार झेल रहे मजदूर के घर मौत का इंतजार हो रहा है। सरकारी व निजी अस्पतालों का चक्कर लगा-लगा परिजन थक हार गए हैं। हर जगह इलाज के लिए पैसे की डिमांड हो रही है। छोटे-छोटे चार बच्चों की मां रीता निराश होकर बीमार पति पवन यादव के सिरहन में रोती बिलखती है। मृत्यु शैय्या पर लाचार बेजान पड़े 50 वर्षीय पवन यादव दर्द से कराहते हुए मौत का इंतजार कर रहे हैं। पत्नी व बच्चों को निहारते बस यही कह रहे हैं मौत अब तो गले लगा लो। मधुबनी शहर से सटे भौआड़ा कदम चौक मोहल्ला निवासी पवन की पीड़ा से आसपास के लोग भी दुखी हैं। निर्धन यादव ने बताया उसका बहनोई पवन यादव पिछले हफ्ते गांव में ही मजदूरी के लिए गया था। बांस काटने के दौरान 20 फीट ऊपर से गिर गिर गया। रीड का हड्डी टूट गया। पैसे के अभाव में किसी तरह ठेला पर लादकर सदर अस्पताल लाया। वहां भर्ती नहीं ली तो मधुबनी टाउन में निजी क्लीनिक का चक्कर लगाया। कोरोना संक्रमण का वजह बता डॉक्टर रोगी को देखा तक नहीं। भारी-भरकम रुपए की डिमांड कर वापस भेज दिया। दरभंगा डीएमसीएच में भी बाहरी खर्चा बता पटना जाने को कहा। रीता देवी ने बताया कि रीढ़ की हड्डी टूट जाने से उसका पति उठ बैठ व करबट भी नहीं बदल सकते। डाक्टर साहब आपरेशन से ठीक होने की बात कही है। उन्होंने कहा कोई दानवीर, समाजसेवी संस्था, सांसद एवं विधायक जी लोग चाहेंगे तो मेरी जिन्दगी बदल सकती है। बताया कि मुश्किल घड़ी में यदि कोई मदद करता है तो वो भगवान जैसा होगा।
शनिवार, 30 मई 2020
मधुबनी : पैसों के अभाव नहीं हो रहा मज़दूर का इलाज
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