कोरोना से भी बड़ा एक संकट भूख का संकट। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 8 जून 2020

कोरोना से भी बड़ा एक संकट भूख का संकट।

हम ईमानदारी से अपना काम करने वाले लोग हैं, आज ईमानदारी बच गई, काम छिन गया...
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दिल्ली,07 जून । बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले। बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले। शायर की यह पंक्तियां देश की राजधानी को साफ़ करने के लिए 1999 से कचरा उठाने का काम करने वाले जयप्रकाश के साथ सटीक बैठती हैं। वह 21 सालों से से कचरा उठाने काम कर रहा । लॉकडाउन के कारण एक ही झटके में जयप्रकाश की रोज़ी-रोटी छीन ली है। वह अकेला वंदा नहीं है बल्कि उसकी तरह ऐऎ 45,000 कूड़ा उठाने वाले भाई-बहन है।सभी की मुंह लटक गयी हैं मगर  जयप्रकाश ने दिल्ली की सरकार के खिलाफ डिजिटल हस्ताक्षर चला रखा है।अभी तक इस पेटीशन पर 5,211 नए हस्ताक्षर आए, क्योंकि कुछ लोगों ने इसे शेयर करने की ज़िम्मेदारी निभाई। आप भी ये ज़िम्मेदारी निभाकर इस पेटीशन को कामयाबी दिलाने में मदद करें। जयप्रकाश कहते हैं कि देश की राजधानी को साफ़ करने के लिए हम रोज़ गंदे होते हैं। मैं 1999 से  कचरा उठाने का काम कर रहा हूँ। वह कहते हैं कि मैंने इन 21 सालों में कभी किसी से मदद नहीं मांगी है, लेकिन आज मांग रहा हूँ। अपने लिए नहीं, बल्कि अपने 45,000 कूड़ा उठाने वाले भाई-बहनों के लिए। आगे कहते हैं मेरे इन कूड़ा उठाने वाले भाई-बहनों पर कोरोना से भी बड़ा एक संकट आ गया है, वह है भूख का संकट। हम ईमानदारी से अपना काम करने वाले लोग हैं, आज ईमानदारी बच गई, काम छिन गया। लॉकडाउन ने हमसे हमारी रोज़ी-रोटी छीन ली है। ऐसे में हम सब अपने शहर और अपनी सरकार से आस लगाए बैठे हैं। हाल ही में दिल्ली सरकार ने मज़दूरों को 5000 रुपये देने की घोषणा भी की। इसमें कंस्ट्रक्शन वर्कर, ऑटो एवं टैक्सी ड्राइवरों का नाम था, लेकिन हमारा नाम नहीं था।  इसीलिए हमने ये पेटीशन शुरू की है ताकि दिल्ली सरकार असंगठित क्षेत्र के कूड़ा उठाने वालों को भी 5000 रुपये की सहायता राशि दे। आप लोग हमारी पेटीशन पर साइन और शेयर करें ताकि सरकार हमारे हितों की रक्षा करे। मैं खुद भूखा सो सकता हूँ, चाहे तो अपने परिवार को भी कुछ दिन भूखा सुला सकता हूँ, पर मेरे ये सफाईकर्मी भाई-बहनों की तकलीफ़ मुझसे नहीं देखी जाती। इसलिए मैं उनकी आवाज़ उठा रहा हूँ, मेरा साथ दें। हम में से बहुतों के पास तो फोन भी नहीं है कि हम सोशल मीडिया में अपना मुद्दा उठाएं। कृपया मेरी पेटीशन साइन करिए, सोशल मीडिया में शेयर करिए ताकि हज़ारों परिवार की आवाज़ सरकार तक पहुँचे।भारत की राजधानी का कूड़ा उठाने वाला,
जयप्रकाश।

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