संासद गुमानसिंह डामोर ने निशुल्क दाल वितरण का किया शुभारंभ तीन माह की निशुल्क दाल का हो रहा वितरण
झाबुआ ! कोविड - 19 की महामारी के चलते ग्रामीण मजदुरो एवं गरीब वर्गो को सतत सहायता मिलती रहे इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द ्रमोदी की सरकार द्वारा सेवा भावना के साथ कार्य कर रही है। लोक डाउन की अवधि में प्रत्येक व्यक्ति की आरोग्यता कें साथ उनके परिवारों की भोजनादि व्यवस्था के लिये केन्द्र सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की कमी नही आने दे रही है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अब गरीब वर्गो एवं मजदूरों के लिये अप्रेल से मई तक तहन माह की अवधि के लिये 3-3 किलों दाल का मुफ्त वितरण का कार्य झाबुआ जिले में भी प्रारंभ कर दिया गया है । उक्त जानकारी क्षेत्रीय सांसद गुमानसिंह डामोर ने सोमवार को कालीदेवी में गा्रमीण वर्गो को दाल पैकेट के वितरण के अवसर पर कहीं । संासद गुमासिंह डामोर ने सोमवार को कालीदेवी स्थित उचित मूल्य की दुकान से दाल वितरण कार्य का शुभारंभ किया । इस अवसर पर दन्होने बताया कि अंचल के प्रत्येक परिवार को फिलहाल 1-1 किलो दाल का वितरण किया जारहा है तथा आगामी दिनों में भी 2-2 किलो के मान से दाल का वितरण कार्य किया जावेगा । इस अवसर पर कालीदेवी सरपंच श्री विवेक पाल, दिनेश अमलियार सरपंच छापरी, श्री भ्ूरिया सरपंच कोकाद, कांतिलाल डावर, नीरजपालिवाल सहित बडी संख्या में गा्रमीणजन एवं गणमान्प्यजन उपस्थित थे।
पेटलावद की पूर्व विधायक निर्मला भूरिया के सुझाव पर अब प्रदेश में बनेगा प्रवासी मजदूर आयोग
पिछले दिनों भोपाल में मुख्यिमंत्री से मुलाकात के दौरान पूर्व विधायक ने पुरजोर तरीके से उठाई थी प्रवासी मजदूरों की समस्यार
झाबुआ। मजदूरों के हित संरक्षण् व आपदाओं के समय त्वरित सहायता के लिए अब मप्र में प्रवासी मजदूर आयोग का गठन किया जाएगा। खास बात ये हैं कि इसके लिए पेटलावद की पूर्व विधायक निर्मला भूरिया ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान को सुझाव दिया था। दरअसल रोजगार की तलाश में हर साल प्रदेश के अलग’अलग जिलों से लाखों मजदूर देश के विभिन्न राज्यों का रुख करते हैं। उनकी समस्याओं के साथ प्राक्रतिक आपदाओं के दौरान उन्हें त्वरित मदद मुहैया कराने के लिए अब तक कोई व्यवस्था नहीं थी। पिछले दिनों जब पेटलावद की पूर्व विधायक निर्मला भूरिया ने भोपाल में मुख्यमंत्री से मुलाकात की तो उन्होंने यह मुददा पुरजोर तरीके से उठाया। उन्होंने कहा जिस तरह से उत्तरप्रदेश में प्रवासी मजदूर आयोगबनाया गया है उसी तरह मप्र में भी इसकी आवश्यकता है। सुश्री भूरिया के सुझाव को अमल में लाते हुए मुख्यमंत्री ने अलग से प्रवासी मजदूर आयोग का गठन करने की घोषणा कर दी। इसके तहत जिलास्तर पर अब प्रत्येक मजदूर का पंजीयन किया जाएगा। यदि कोई मजदूर बाहरी राज्य से जिले में आता है तो उसका भी पंजीयन होगा। जिससे आपतकाल के समय उन्हें त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी। मुख्यमंत्री द्वारा प्रवासी मजदूर आयोग के गठन की घोषणा पर पूर्व विधायक निर्मला भूरिया के साथ भाजपा नेताओं व मजदूरों ने आभार व्यक्त किया है।
तेलंगाना से मजूदरों को लाने के लिए भेजना पडा था वाहन
कोरोना संक्रमण के बीच संपूर्ण लॉक डाउन के दौरान झाबुआ जिले के 10 मजदूर तेलंगाना में फंस गए थे। उन्हें लाने के लिए झाबुआ से उनके परिजन ई पास बनवाकर और एक वाहन लेकर तेलंगाना गए। इसमें उनकी काफी मशक्कत हो गई थी। अब प्रवासी मजदूर आयोग बन जाने के बाद इस तरह की दिक्कत नहीं रहेगी। शासनस्तर से सीधे संबंधित राज्य और वहां के जिले के कलेक्टर से चर्चा कर स्थानीय मजदूरों को सहायता मुहैया कराई जा सकेगी।
’जन्मदिन की बधाई देने सांसद पहुंचे अनिल मुथा के निवास रायपुरिया’
’झाबुआ ।’ आज वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पश्चिमी रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य एवं लोकसभा रतलाम झाबुआ सांसद गुमानसिंह डामोर के करीबी माने जाने वाले अनिल मुथा के जन्मदिन पर सांसद गुमानसिंह डामोर झाबुआ से अपनी पूरी टीम के साथ रायपुरिया अनिल मुथ्था के निवास पर पहुंचकर अनिल मुथा के जन्मदिन पर केक कटवाकर शुभकामनाएं दी एवं जन्मदिन मनाया गया इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि राजेश काॅसवा, पेटलावद ग्रामीण मंडल अध्यक्ष कृष्णपालसिंह गंगाखेड़ी, कल्याणपुरा मंडल अध्यक्ष सुरेश (भुरू)चैहान, बलदेवसिंह राठौर, दुर्गादास मोटापाला, निलेश मीणा, ओमप्रकाश राठौर, ठाॅ.परीक्षितसिंह राठौर,प्रदीप कुमार पालरेचा, रोमिल पालरेचा,थावरिया सरपंच आदि जन उपस्थित थे एवं सभी ने अनिल मुथा को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।
साध्वीजी विधवत गुणाश्री जी का होगा झाबुआ वर्षावास
झाबुआ। स्थानीय बावन जिनालय जैन मंदिर में 2020 का वर्षावास पुण्य समा्रट श्रीमद् सुरीश्वरजी मासा के पट्टधर के परमपति गच्छादिपति आचार्य देेवेश श्रीमद्विजय निन्यसेन सुरीश्वरजी मासा एवं परम पूज्य आचार्य श्री जयरत्नसुरीश्वरजी मसा के अनुवर्तनी साध्वी जी विधवत गुणाश्री मसा जी आदिठाना का वर्षावास झाबुआ नगर मे होगा। जिसमे जैन श्रीसंघ मे हर्ष व्याप्त है। चातूर्मास की घोषणा 31 मई को लिम्बाहेडा मे गच्छादिपति नित्यसेन सुरीश्वरजी मसा ने अपने मुर्खाविन से घोषणा की। 4 जुलाई 2020 से वर्षावास प्रारम्भ होगा एव 29 नवम्बर को वर्षावास का समापन होगा। इस वर्ष अधिक मास होने पर पाॅच माह का वर्षावास होगा। श्री संघ के पूर्व अध्यक्ष बाबूलाल संघवी, धरमचंद मेहता, कांतिलाल बाबेल, राजेन्द्र मेहता, वर्तमान अध्यक्ष संजय मेहता, डाॅ प्रदीप संघवी, मुकेश जैन नाकोडा, राजा रूनवाल, अंतिम जैन, राजेश मेहता, जितेन्द्र जैन, मुकेष लोढा, बाबूलाल कोठारी, प्रदीप कटारिया, महिला परिषद् की राष्ट्रीय अध्यक्ष आशा कटारिया, किरण भडारी, सुनिता बाबेल, अंजू भडारी, कविता मेहता ने आदि ने गच्छादिपति के प्रति आभार व्यक्त किया।
भारतीय पत्रकारिता संस्थान का 37वां वार्षिकोत्सव पत्रकार किसी योद्धा से कम नहीं
पत्रकारिता दिवस पर देश के जाने माने पत्रकार आभा निगम, रमेश जैन , मनोहर सिंह का हुआ सम्मान
झाबुआ। मानव सेवा क्लब और भारतीय पत्रकारिता संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में संस्थान के 37 वें वार्षिकोत्सव पर विचारगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन बरेली मे किया गया। ‘‘कोरोना संकट काल में पत्रकारिता की भूमिका’’ पर कई विद्वानों ने अपने आॅनलाइन विचार व्यक्त करते हुये कहा कि जहाँ कोरोना संकट से पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है। वहीं समय पर महत्वपूर्ण जानकारी देने में पत्रकारों ने किसी योद्धा से कम काम नहीं किया है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार देवास मध्य प्रदेश की आभा निगम ने कहा कि कोरोना के इस महासंकट काल में मीडिया के लोगों ने निर्भीकता के साथ काम किया है। वह प्रशंसा के पात्र हैं। दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार रमेश जैन ने कहा कि कुछ अपवादों को छोड़ दें तो मीडिया की कोरोना संकट काल में अहम भूमिका रही है। विशिष्ट अतिथि दिल्ली में पी-टी-आई- ‘‘भाषा’’ के समाचार सम्पादक मनोहर सिंह ने भी गोष्ठी में कहा कि वैश्विक महामारी का यह संकट भारतीय पत्रकारों के लिए एक चुनौती बनकर आया। जिसे स्वीकार किया गया और पत्रकारों ने समय-समय पर सभी सूचनायें ठीक तरह से पहुँचाईं। गोष्ठी में भारतीय पत्रकारिता संस्थान के अध्यक्ष प्रो.एन.एल. शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार निर्भय सक्सेना, वरिष्ठ पत्रकार पवन सक्सेना, पत्रकार सौरभ शर्मा और निदेशक सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने भी विचार रखे।देवास की आभा योगेश निगम, दिल्ली के रमेश जैन एवं मनोहर सिंह, बरेली के धीरज जैन और सौरभ शर्मा को पत्रकारिता में अविस्मरणीय योगदान के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गय।ष्कोरोना काल में पत्रकारिता की भूमिकाष् पर एक आलेख प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें सुधीर कुमार चंदन प्रथम,एस. के.कपूर द्वितीय, सुरेश बाबू मिश्रा तृतीय रहे। अनिल चैधरी, नवनीत कृष्ण, चित्रा जौहरी, रश्मि उपाध्याय, मीरा मोहन को सांत्वना पुरस्कार मिला सभी को ऑनलाइन प्रशस्ति पत्र भेजे गए। संचालन मानव सेवा क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने किया।
अंतरराष्ट्रीय आखर आखर सम्मान 2020 नई दिल्ली से डॉ रामशंकर चंचल सम्मानित
झाबुआ । प्रख्यात साहित्यकार डॉ रामशंकर चंचल को अंतरराष्ट्रीय हिंदी पत्रिका आखर आखर ने वर्ष 2020 का आखर सम्मान से नवाजा। डॉ रामशंकर चंचल की हिंदी साहित्य की अमूल्य राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सेवाओं के लिए उन्हें यह गौरव पूर्ण महत्वपूर्ण सम्मान से सम्मानित किया ।पत्रिका की मुख्य संपदिका और संचालिका डॉ पुष्पलता अधिवक्ता ने उन्हें इस सम्मान से सम्मानित किया ।आपने बताया कि इस चयन समिति में मानिक दास (केन्या )मौमिता सिंह (अमेरिका )प्राची गुप्ता( मस्कट) भारती सिंह (संघाई )शामिल थे। इस चयन समिति ने 2020 के लिए आखर सम्मान से डॉक्टर चंचल को सम्मानित किया। सचमुच यह जिले ही नहीं प्रदेश के लिए भी गर्व का विषय है कि वनांचल झाबुआ में रहकर राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी की सेवा देने वाले प्रख्यात साहित्यकार डॉ रामशंकर चंचल को इस महत्वपूर्ण सम्मान से सम्मानित किया।
मलेरिया निरोधक माह का शुभारंभ- अन्तरविभागीय कार्यषाला का आयोजन
झाबुआ।राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत संचालनालय म.प्र. भोपाल के निर्देशानुसार 1 जून से 30 जून 2020 तक सम्पूर्ण माह को ’’मलेरिया निरोधक माह’’ के रूप में मनाया जाना हैं। सम्पूर्ण माह में जन जागृति हेतु विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जावेगी। इसी क्रम में सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती षांति डामोर द्वारा चलित जनजागृति मलेरिया रथ को हरी झंडी दिखाकर ग्रामीण एंव षहरी क्षैत्र में प्रचार-प्रसार के लिए रवाना किया गया । तत्पष्चात् अध्यक्ष जिला पंचायत महोदय की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के आंमत्रित पदाधिकारी की एक दिवसीय ’’अन्तरविभागीय कार्यषाला’’ का आयोजन कोरोना वायरस (कोविड-19) को दृष्टिगत रखते हुए ष्योसल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए किया गया । कार्यषाला में मलेरिया रोग के नियंत्रण में अन्तरविभागीय सहयोग के लिये नगर निकाय/नगरपालिका,महिला एंव बाल विकास विभाग मत्स्य विभाग,लोक निर्माण विभाग,जल संसाधन विभाग,कृषि विभाग वन विभाग, राजस्व,सहकारिता, ग्रामीण विकास अभिकरण,षिक्षा, आदिम जाति कल्याण विभाग, जन सम्पर्क,पंचायत,के कार्य एंव दायित्व के बारें में आवष्यक जानकारी से अवगत कराया जाकर सहयोग की अपेक्षा की गई जिससे मलेरिया के नियंत्रण के लिए आपसी समन्वयता से रोग प्रतिरोधक कार्यवाही सुनिष्चित की जा सके । कार्यषाला में नगरपालिका/नगर निकाय के प्रभारी को षहरी एंव ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन नालियों की साफ-सफाई,अनावष्यक गड्डे को पाटने,अवांछित जल स्त्रोत में पानी की निकासी,मच्छरजन्य परिस्थितियों का समाप्तिकरण,नालियों में कीटनाषक डालकर मच्छर उत्पत्ति स्थल के समाप्तिकरण हेतु चर्चा की गई । कार्यषाला में मलेरिया रोग के नियंत्रण के लिये किये गये प्रयास एंव उपलब्धि की जानकारी पाॅवर पाईंट के माध्यम से प्रजेन्टैषन दिया गया । कार्यषाला में श्रीमती डामोर, ,जिला झाबुआ, श्रीमती नीलम मेड़ा, एस.डी.ओ, जल संसाधन विभाग,जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एन.के.पठान, सहायक संचालक मत्स्य विभाग श्री यू.सी.भाटी, जिला मलेरिया अधिकारी श्री डी.एस.सिसोदिया, जिला सलाहकार (व्हीबीडी) श्री जितेन्द्र बघेल, मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री विनोद कुमार बार्चे,नगरपालिका प्रतिनिधि श्री युनुस कुरेषी, खंड चिकित्सा अधिकारी रामा श्री एस.बबेरिया, श्री बी.एस.डाबर, खंड चिकित्सा अधिकारी कल्याणपुरा,डा.एम.एल चोपड़ा, खंड चिकित्सा अधिकारी सामु.स्वा.केन्द्र पेटलावद,डा. अनील राठौर,मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी सामु.स्वा.केन्द्र थांदला, डाॅ.षेलेक्सी वर्मा,मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी मेघनगर समस्त ब्लाक में कार्यरत मलेरिया निरीक्षक एंव षहर के जन प्रतिनिधि उपस्थित थें । कार्यक्रम के अत में डाॅ.पठान ने आभार माना।
दुर्लभ संकटापन्न प्रजातियों के एक करोड़ पौधे तैयार वन विभाग की नर्सरी से आम लोग भी खरीद सकते हैं ये पौधे
झाबुआदुर्लभ संकटापन्न प्रजातियों के एक करोड़ पौधे तैयार वन विभाग की नर्सरी से आम लोग भी खरीद सकते हैं ये पौधे
झाबुआ, । वन विभाग ने दुर्लभ संकटापन्न 32 प्रजातियों के एक करोड़ पौधे तैयार किये हैं। जीवनोपयोगी और औषधि के रूप में प्रयोग किये जाने वाले ये पौधे ग्रामीणों और वनवासियों की आय का स्त्रोत भी हैं। सभी प्रजातियों के पौधे आम लोग भी वन विभाग की नर्सरियों से 12 से 15 रुपये की दर पर खरीद सकते हैं। संकटापन्न पौधे बीजा, अचार, हल्दू, मैदा, सलई, कुल्लू, गुग्गल, दहिमन, शीशम, लोध्र, पाडर, सोनपाठा, तिन्सा, धनकट, कुसुम भारंगी मालकांगनी, कलिहारी, माहुल, गुणमार, निर्गुड़हकंद, केवकंद, गुलबकावली, मंजिष्ठ, ब्राम्हनी आदि जाति के पौधों की उपयोगिता आज भी बहुत है। वन विभाग ने इन प्रजातियों को बचाने के लिये दीर्घकालीन योजना बनाकर काम शुरू कर दिया है। खतरे ( म्दकंदहमतमक) में दहिमन, सोनपाठा, लोध्र और गुग्गल, संवेदनशील ( टनसदमतंइसम ) में शीशम, बीजा, पाडर (अर्धकपारी), कुल्लू और कैथा, खतरे के नजदीक (छमंत ज्ीमतमंजमदमक) में सलई, अचार (चिरोंजी), धनकट (धामिन), अंजन, तिन्सा, हल्दू और कुसुम शामिल हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री पी.सी. दुबे ने बताया कि वन विभाग की 171 नर्सरियों में 165 अन्य प्रजाति के उत्कृष्ट पौधे भी उपलब्ध हैं। पौधों की उपलब्धता की रोपणीवार जानकारी विभाग के पोर्टल, क्षेत्रीय कार्यालयों और एम.पी. ऑनलाइन पर उपलब्ध है। श्री दुबे ने कहा कि इन दुर्लभ संकटापन्न प्रजातियों की सामान्य के साथ विशिष्ट उपयोगिताएँ भी हैं। कई वृज प्रजातियों का स्थानीय वनवासियों के रोजमर्रा के जीवन में आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व है। बीजा प्रजाति के वृक्ष का उपयोग चारा, लकड़ी, औषधियों, ढोलक और तबला वाद्य यंत्र में किया जाता है। औषधीय गुणों से युक्त अचार का फल पशु-पक्षियों में लोकप्रिय होने के साथ इसकी छाल और गोंद से औषधि बनती है। हल्दू की लकड़ी पीली होती है, जिसका उपयोग पित्त और पीलिया रोग में किया जाता है। मैदा की छाल की दवा बनती है। सलई, कुल्लू, गुग्गल का गोंद भी अनेक रोगों की औषधि बनाने में प्रयोग होता है। दहिमन वृक्ष से रक्तचाप, मुँह में छाले, विष-नाशक औषधि बनती है। शीशम चारा, इमरती लकड़ी और दवा के उपयोग में आता है। लोध्र, पाडर, सोनपाठा से भी दवाएँ बनती हैं। तिन्सा, धनकट चारा एवं इमारती लकड़ी के लिये जाने जाते हैं। कुसुम का पेड़ चारा, इमारती लकड़ी, रेशम कीट-पालन, तेल और दवा बनाने में उपयोगी है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में लगभग 216 वृक्ष प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इनमें से कई प्रजातियाँ ऐसी हैं, जिनकी संख्या, उपलब्धता, प्रसार, प्रचुरता और पुनरुत्पादन में तो कमी आई है, पर इनकी उपयोगिता सतत बनी हुई है। वृक्ष प्रजातियों के झांड़ी, साक, घास, लता, प्रजातियों में भी गंभीर बदलाव आ रहा है। वन विभाग ने इन प्रजातियों को बचाने का कार्य शुरू कर दिया है। वन विभाग ने इनकी पहचान कर संरक्षण की दिशा में न केवल कार्य करना शुरू किया है, इनके किसी भी प्रकार के पातन पर भी पूर्ण रोक लगा दी है। तैयार पौधों में से 10 प्रतिशत पौधे वन क्षेत्र में लगाये जा रहे हैं।
प्रदेश के सिनेमा घर आगामी आदेश तक बंद रहेंगे
झाबुआ। राज्य शासन ने प्रदेश में संचालित सभी सिनेमा घर¨ं क¨ आगामी आदेश तक बंद रखने का निर्णय लिया है। वाणिज्यिक कर विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। इसमे कहा गया है भारत सरकार के गृह मंत्रालय के आदेश 30 मई 2020 के अनुक्रम में सिनेमा घर बंद रखने का निर्णय लिया गया है। उल्लेखनीय है कि क¨र¨ना के संक्रमण के दृष्टिगत सभी सिनेमा घर¨ं क¨ इसके पहले 31 मई तक बंद रखने के आदेश जारी किए गए थे।
जिले में मनरेगा अंतर्गत जिले में 88हजार 306 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया
झाबुआ। महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत जिले में 17 हजार 590 राहत कार्य किये जा रहे हैं।सोमवार को इन कार्यों में 88 हजार 306 जरूरतमंद श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना के तहत झाबुआ में 3 हजार 718, मेघनगर में 2 हजार 329, पेटलावद में 3 हजार 383, रामा में 2 हजार 261, रानापुर में 3 हजार 121, और थांदला जनपद पंचायत क्षेत्र में 2 हजार 778, राहत कार्य षामिल हैं। कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा ने अवगत कराया की इन कार्यों में । झाबुआ जनपद पंचायत क्षेत्र में 10 हजार 897, मेघनगर में 12 हजार 735, पेटलावद में 25 हजार 894, रामा में 13 हजार 719, रानापुर में 6 हजार 534 तथा थांदला में 18 हजार 437 श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया है। कलेक्टर श्री सिपाहा ने मुख्य कार्यपालन अधिकारियों जनपद पंचायत को निर्देष दिये हैं कि वे अपने क्षेत्र में जरूरतमंद श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना सुनिष्चित करें।
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