बिहार : कौन करेंगा इंसाफ शहीद सुनील कुमार मुर्मू के संग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 21 जून 2020

बिहार : कौन करेंगा इंसाफ शहीद सुनील कुमार मुर्मू के संग

बिहार के जमुई जिले के सिकंदरा विधानसभा से कांग्रेस के विधायक  हैं सुधीर कुमार उर्फ बंटी चैधरी। ‘ माननीय‘ ने 2017 में बिना दहेज लिए रश्मि कुमारी के साथ सात फेरे लेकर समाज को एक नई दिशा दी। समाज के सामने मिसाल पेश करने वाले ‘माननीय‘ ने 2 साल के बाद ही ऐसा कारनामा पेश कर दिये, जिसको लेकर आज लोग ‘माननीय‘ पर थू-थू करने लगे हैं......
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सिकंदरा। बेशक अंतर्जातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए ही सुधीर कुमार उर्फ बंटी चैधरी ने रश्मि से परिणय सूत्र में बंधे हैं। विधायक ने यह भी कहा कि युवा वर्ग के लोगों को इससे प्रेरणा लेने की जरूरत है। अभी जो मसला सामने आया है, उससे युवा वर्ग कदापि प्रेरणा लेना पसंद नहीं करेंगे। उन्होंने एक शहीद और उसके परिवार के साथ भद्दा मजाक किये हैं। सिकंदरा विधानसभा अंतर्गत हरणी पंचायत  अंतर्गत नेगड़ीटांड गांव में शहीद सुनील कुमार मुर्मू की स्मृति में छतदार चबुतरा का निर्माण करना था। यह मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत प्रखंड खैरा, पंचायत हरणी,ग्राम नेगरीटांड़ के शहीद सुनील मुर्मू के समाधि स्थल के पास ₹3,95,800 की लागत से छतदार चबुतरा निर्माण सुधीर कुमार उर्फ बंटी चैधरी माननीय विधायक सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र के कर-कमलो द्वारा 23.02.2019 को सम्पन्न किया गया। शिलापट्ट कार्यापालक अभियंण स्वा क्षेत्र अभिकरण संगठन कार्य प्रमंडल,जमुई के द्वारा चमकाया गया। जो 1 साल के बाद भी अधूरा ही है। जो शहीद परिवारों को टिस मारते रहता है। 

इस संदर्भ में मंतोश कुमार सिंह कहते हैं कि ‘माननीय‘ को चाहिए था कि शानदार ढंग से छतदार चबुतरा निर्माण कर शहीद को श्रद्धांजलि देते मगर लागत राशि में ही बंदरबांट करवाने में मददगार हो गए। इसका नतीजा है कि एक साल से अधिक समय के बाद भी तैयार न हो सका। यूं कहे कि अब जीर्णोद्धार राशि से ही जीर्ण छतदार चबुतरा का निर्माण हो गया। इस ओर उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग की है। जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर लंगरीटांड़ गांव है। बताते चले कि जम्मू-कश्मीर के तंगधार में नियंत्रण रेखा के पार से पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया था। वह सुनील कुमार मुर्मू ही थे। संघर्षविराम की घटना में कॉन्स्टेबल एसके मुर्मू (28) गंभीर रूप से घायल हो गए थे। श्रीनगर के आर्मी अस्पताल में रात साढ़े आठ बजे उनकी मौत हो गई। तब अधिकारियों ने बताया कि मुर्मू इलाके में नियंत्रण रेखा पर फॉरवर्ड डिफेंडेड लोकेशन (एफडीएल) पर तैनात थे। उन्हें निशाना बनाकर स्नाइपर शॉट किया गया। गोली जवान के पेट में लगी।एक बिहार के जमुई जिले के रहने वाले मुर्मू 2013 में बीएसएफ में शामिल हुए थे। वे बीएसएफ के 125 वीं बटालियन में अपना योगदान दिया था। शुरू से ही वह जम्मु कैडर में कार्यरत था। शाम करीब सात बजे जम्मु बीएसएफ के हेडक्वार्टर से सुनील के शहीद होने की सूचना परिजनों को मिली। सूचना मिलते ही सुनील के घर खैरा स्थित नेगड़ीटांड गांव में मातम पसर गया। पिता कैलाश मुर्मू व पत्नी दुलिया हेम्ब्रम सहित अन्य परिजन जहां मर्माहत हो गये थे। वहीं उन्हें उसकी शहादत पर गर्व भी है। 

बताते चले कि शहीद के पिता जी कैलाश मुर्मू और मां रानी हासदा है। इन दोनों के 2 पुत्र और 3 पुत्रिया है। सुनील कुमार मुर्मू वर्ष 2006 में खैरा प्रखंड के बाराबांध हाईस्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। 2008 में वह जमुई के एकलव्य कॉलेज से इंटर किया था। शहीद सुनील दो भाई है। भाई में वह बड़ा था। छोटा भाई संदीप मुर्मू मैट्रिक पास कर घर पर ही रहता है। उसके भाई ने बताया कि भइया की शादी 2012 में नवादा गायघाट निवासी सोमरा हेंब्रम की पुत्री दुलिया हेंब्रम से हुई थी। शादी के एक साल बाद वह 2013 में सेना में भर्ती हुआ था। उसके दो बेटे बेटा आनंद राज मुर्मु (6) और आदित्य राज मुर्मु (4) अपनी मां के साथ जमुई में किराए के मकान में रहते हैं। आनंद जमुई के संत जोसेफ स्कूल का छात्र है। भावी के साथ सुनील के भाई संदीप और बहन निकिता के साथ रहती हैं।  पत्नी ने हाल ही में आयोजित बिहार पुलिस की परीक्षा में सफलता हासिल की है। शहीद का भाई संदीप ने बताया कि मंगलवार की सुबह भैया का फोन आया था। वह करीब 30 मिनट तक बातचीत किया था। वर्ष 2017 में दुर्गा पूजा की छुट्टी में गांव आया था। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में वह घर से जम्मू गया था। जो लौटकर फिर नहीं आया। ग्रामीणों ने बताया कि सुनील काफी सरल स्वभाव का था।  उसकी मौत से पूरे गांव के लोग मर्माहत हैं। शादी के बाद सुनील दो बच्चों के बाप बन गये थे। बड़ा बेटा आनंद पांच साल का है जबकि छोटा बेटा आदित्य राज तीन साल का है ।

संपूर्ण घटना का विवरण एक अधिकारी ने दिया गया और कहा कि उड़ी सेक्टर में पाकिस्तान ने गोले बरसाए थे, जिसमें एक महिला सहित तीन ग्रामीण घायल हो गए थे। भारत ने भी पाकिस्तान की एक निगरानी चैकी को तबाह कर दिया था। उड़ी सेक्टर में मंगलवार को गोलाबारी नहीं हुई, लेकिन तनाव बना रहा। भारतीय सेना ने दिनभर अग्रिम इलाकों में तलाशी अभियान चलाया।शाम होते ही टंगडार सेक्टर (कुपवाड़ा) में पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय ठिकानों पर गोलाबारी शुरू कर दी। भारतीय जवानों ने पहले तो संयम बनाए रखा, लेकिन जब सरहद पार से दागे गए स्नाइपर शाट में बीएसएफ का एक जवान जख्मी हो गया तो सेना ने जवाबी गोलाबारी शुरू कर दी। मंगलवार देर रात तक दोनों तरफ से भीषण गोलाबारी जारी रही।घायल जवान को तुरंत निकटवर्ती सैन्य अस्पताल में ले जाया गया। इसके बाद हेलीकाप्टर से उसे श्रीनगर में सेना के बेस अस्पताल में ले जाया गया। 20 फरवरी 2018 को जम्मू-कश्मीर के तंगाधार सेक्टर में पाकिस्तानी गोलीबारी में घायल वहां रात करीब साढ़े आठ बजे दम तोड़ दिया। शहीद एसके मुर्मु बिहार के जमुई स्थित खैरा स्थित लंगरीतार गांव का रहने वाला था। शहीद सुनील कुमार मुर्मू की दूसरी पुण्यतिथि पर 20 फरवरी को उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान उनके शहीद स्मारक पर झंडोत्तोलन कर तथा उन्हें पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देकर उनकी आत्मा की शांति को लेकर प्रार्थना की गई। इसके पूर्व शहीद के चित्र पर उसकी पद्यी, बच्चे व मां-पिता ने पुष्प अर्पित किया। उनकी शहादत को लोगों ने नमन किया तथा इसे लेकर फुटबॉल टूर्नामेंट का भी आयोजन किया गया। मौके पर शहीद एसके मुर्मू की पद्यी दुलिया हेंब्रम, उनके बच्चे, उनके माता पिता सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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