प्रवासिय़ों को मिलेगा रोजगार, जल संरक्षण से भूगर्भ जल स्तर बढ़ेगा- निदेशक एनईपी
जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत आज से पूर्वी सिंहभूम जिले में पानी रोको-पौधा रोपो अभियान शुरू किया गया है। उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम श्री रविशंकर शुक्ला के निर्देश के आलोक में निदेशक एनईपी श्रीमति ज्योत्सना सिंह द्वारा उक्त योजना का शुभारंभ आज पटमदा प्रखंड से किया गया। मौके पर निदेशक एनईपी, बीडीओ पटमदा श्री शंकराचार्य समद, सीओ श्री रंजीत लोहरा, मनरेगा टीम तथा अन्य पदाधिकारियों द्वारा पौधारपण किया गया। निदेशक एनईपी ने बताया कि लॉकडाउन में बिगड़ी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल देने के उद्देशय से मनरेगा के तहत तीन महत्वपूर्ण एवं महत्वकांक्षी योजनाओं का शुभारंभ राज्य सरकार द्वारा किया गया है जिनमें नीलाम्बर पिताम्बर जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, वीर शहीद ’’पोटो हो’’ खेल विकास योजना शामिल है।
प्रवासियों को उपलब्ध कराया जा रहा जॉब कार्ड, अपने पंचायत-गांव में मिलेगा रोजगार- निदेशक एनईपी
निदेशक एनईपी द्वारा बताया गया कि जिले के सभी पंचायत के गाँवों में कम से कम 05 योजनाएं चलाई जाएगी। इन योजनाओं के माध्यम से स्थानीय तथा प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिया जाएगा। इसके लिए जिन प्रवासी श्रमिकों का जॉब कार्ड नहीं है उनका जॉब कार्ड बनाया जा रहा है। साथ ही क्वारंटाईन अवधि पूरी करने के बाद प्रवासी श्रमिकों को इन योजनाओं से जोड़कर स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध किया जाएगा। उन्होने बताया कि इन योजनाओं से प्रतिदिन पंचायतों में कम से कम 200 से 250 मानव दिवस के सृजन का लक्ष्य रखा गया है। योजनाओं के क्रियान्वयन से एक ओर हम बड़ी आबादी को रोजगार दे सकेंगे वही दूसरी ओर जल संरक्षण एवं मृदा संरक्षण कर भू-जल स्तर को उपर उठाया जा सकेगा। इसके अलावे सभी प्रखंडों में आज मिक्स्ड फ्रूट एंड मैंगो प्लांटेशन के लिए भी गड्ढा खोदने का कार्य शुरू किया गया है तथा जल संरक्षण हेतु टीसीबी योजना का भी कार्यान्वयन मनरेगा के तहत किया जा रहा है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को पंचायत एवं ग्राम स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जाये।
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