मधुबनी, 31जुलाई, आम की फसल में लीफ वेबर कीट की समस्या बिहार राज्य के मधुबनी ,दरभंगा, मुजफ्फरपुर एवं अन्य जिलों में देखा जा रहा है । मधुबनी जिले में इस कीट का प्रकोप पण्डौल प्रखण्ड, रहिका प्रखण्ड ,राजनगर प्रखण्ड एवं बेनीपट्टी प्रखण्ड में मुख्य रूप से देखा गया है ।यह कीट आम की फसल का क्षतिकारक कीट है जो जुलाई से दिसंबर माह तक सक्रिय रहता है । यह कीट समूह में पतियों एवं मुलायम टहनियों को मिलाकर जाला के सहारे अपना घर बनाते है। इस कीट के नवजात पिल्लू लारवा आक्रमक होते हैं एवं पतियों की हरितिमा को खुरचकर खाते है अत्यधिक प्रकोप की स्थिति में पुरानी पतियों के केबल मध्य शिरा दिखाई देता है एवं पतियों सुखकर भुरे रंग की हो जाती है ।जीवन चक्र में मादा कीट आम के पत्ते पर अण्डे देती है अण्डे से एक सप्ताह में लावा निकलते हैं जो १५-३० दिन तक ५अवस्थाओ से गुजरते हुए प्यूपा अवस्था में पहुंचते है ।प्युपा अवस्था ५-१५ दिनों तक का होता है।
प्रबंधन /सुरक्षात्मक उपाय
१.इस कीट की वृद्धि को रोकने के लिए प्रभावित पतियों एवं डंठल को तोड़कर जला देना चाहिए।
२.सघन बगीचे को पर्याप्त धुप एवं हवा मिले इसके लिए वृक्षों की नियमित छंटाई करनी चाहिए।
२ जैव कीटनाशी- जैविक कीटनाशी बैसिलस थूरिनजिएनि्सस (B T) का २ गाम प्रति लीटर पानी के साथ घोल बनाकर संध्या समय छिड़काव कर नियंत्रण किया जा सकता है।
३ रसायनिक कीटनाशी_ लैम्बडासायहेलोथि्न ५ %ई० सी०का २ मिली० प्रति लीटर पानी या क्वीनलफांस २५% ई०सी० का १ मि० ली ० प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए ज्यादा समस्या होने पर १५-२० दिनों के बाद पुनः इन दोनो में से किसी एक कीटनाशी से छिड़काव करके किसान आम की फसल में सीफ वेबर कीट की समस्या से निजात पा सकते हैं।
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