- संपूर्ण मधुबनी जिला को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर,अबिलंब राहत व बचाव कार्य चलाया जाय।
- भाकपा(माले) ने निकाला प्रतिवाद मार्च।
मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) मालेनगर लहेरियागंज माड़रर स्थित, पार्टी के जिला कार्यालय से भाकपा-माले कार्यकर्ताओं ने प्रतिवाद मार्च निकालकर लहेरियागंज-जीतवारपुर रोड पर मार्च किया। मार्च में। भाकपा (माले) के जिला सचिव ध्रुब नारायण कर्ण, अनिल कुमार सिंह,प्रेम कुमार झा,श्याम पंडित,बेचन राम,बिशंम्भर कामत, दानी लाल यादव, नारायण कामत,मुरारी मिश्रा, मनोज झा, गणेश यादव, दीपक पासवान, दुर्गेश कामत,राम नारायण ठाकुर, शंभू साह,शैनी साह,योगी पासवान,कमल साह,राम बहादुर साह, सपना देवी,सोनदाई देवी, सहित एक सौ माले कार्यकर्ताओं शामिल थे। मार्च से वापस आकर पार्टी कार्यालय के सभा भवन में एक प्रतिवाद सभा का आयोजन किया गया।सभा को संबोधित करते हुए भाकपा-माले के जिला सचिव ध्रुब नारायण कर्ण ने कहा कि मधुबनी जिला भर में हुऐ भारी बारिश और आये बाढ़ से पूरा जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मधवापुर, बेनीपट्टी,बिस्फी, हरलाखी सहित जिले के अन्य हिस्सों के लाखों परिवार पानी से घिरे हुए हैं।जान माल की क्षति हुई है। हजारों एकड़ में लगी फसलें बर्बाद हो गई है। इस कारण जिला की जनता भारी संकट व आभाव में है। पहले से ही कोरोना व लाक डाउन की मार झेल रही जनता के सामने जीवन जीने की समस्या खड़ी हो गई है। परंतु संवेदनहीन नीतीश मोदी सरकार चुनाव की तैयारी करने में मशगूल हैं। सभा को संबोधित करते हुए भाकपा-माले के रहिका प्रखंड सचिव अनिल कुमार सिंह ने कहा कि धर्म ब्यक्ति का निजी मामला है। इससे सरकार व राजनीति को अलग किये जाने की जरूरत है। परंतु भाजपा और मोदी सरकार संविधान का उलंघन करते हुए सरकारी पद पर बैठे लोग राम मंदिर का शिलान्यास कर रहे है।जिसका माले बिरोध करती है।
इस प्रतिवाद दिवस पर मांग किया गया कि,:-
1) संपूर्ण जिला को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाय।
2) सभी परिवारों को छौ हजार रुपए सहायता राशि दिया जाय।
3)फसल क्षति मुआवजा प्रत्येक एकड़ 2500/रुपए बटाईदार व किसानों को दिया जाय।
4)प्रत्येक पिड़ित परिवार को छौ महिनों तक साढ़े सात हजार के महिना दिया जाय।
5)धर्म से राजनीति को अलग किया जाय।
6) सरकार के द्धारा धार्मिक शिलान्यास करने पर पर रोक लगाई जाए।
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