नयी दिल्ली, 03 अगस्त, सरकार ने सोमवार को कहा कि भारत ने कोविड-19 संबंधी दो करोड़ से अधिक जांच की हैं जो एक ‘‘महत्ववपूर्ण उपलब्धि’’ है। इसने कहा कि संक्रमित लोगों का समय पर पता लगाने और उन्हें समय रहते पृथक-वास में भेजने तथा जल्द उपचार शुरू करने की महत्वपूर्ण रणनीति के तहत इस कवायद को अंजाम दिया गया। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा कि दो अगस्त तक कुल 2,02,02,858 नमूनों की जांच की गई, जिनमें 3,81,027 नमूनों की जांच रविवार को हुई। भारत में छह जुलाई को जांच की संख्या एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पिछले 24 घंटे में 3,81,027 नमूनों की जांच के साथ ही प्रति 10 लाख (टीपीएम) आबादी पर जांच की संख्या बढ़कर 14,640 हो गई है।
आंकड़ों के अनुसार देश के 24 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने प्रति 10 लाख की आबादी पर राष्ट्रीय औसत से अधिक जांच की हैं। इन राज्यों में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक और पंजाब भी शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘‘एक महत्वपूर्ण उपलब्धि में भारत ने अब तक कोविड-19 संबंधी 2,02,02,858 जांच की हैं।’’ देश में अब 1,348 जांच प्रयोगशालाएँ हैं जिनमें 914 सरकारी और 434 निजी प्रयोगशालाएँ हैं। पुणे में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) की एकमात्र प्रयोगशाला के साथ कोविड-19 जांच की शुरुआत हुई थी और फिर लॉकडाउन शुरू होने के आसपास तक 100 प्रयोगशालाओं में इसकी जांच शुरू हो चुकी थी, जबकि 23 जून को आईसीएमआर ने 1000वीं जांच प्रयोगशाला को मान्यता प्रदान की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार, भारत में कोविड-19 के 52,972 नए मामले सामने आने के साथ सोमवार को संक्रमण के कुल मामले 18 लाख के आँकड़े को पार कर गए, जबकि संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों की कुल संख्या बढ़कर 11.86 लाख से अधिक हो गई। सोमवार सुबह आठ बजे जारी किए गए आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले 18,03,695 हो गए, जबकि कोविड-19 की वजह से 771 और लोगों की मौत के बाद इस महामारी से मरने वालों की संख्या 38,135 हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने पूर्व में कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों ने कोविड-19 संबंधी जांच बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त किया है।
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