रामनगर,03 अगस्त. देश-विदेश-प्रदेश में कोरोना का कलह जारी है. वहीं पश्चिम चम्पारण जिला के रामनगर पल्ली में रहने वाले गीतकार एंथोनी दीपक के पुत्र अरूण एंथोनी दीपक के लिए वरदान साबित हुआ. एक वैवाहिक कार्यक्रम में अरूण की दीदी स्टेला और जीजा आंद्रियास उत्तर प्रदेश आये थे.वैवाहिक कार्यक्रम खत्म करने के बाद बिहार आ गये.लॉकडाउन लागू होने से दीदी-जीजा राउरकेला वापस नहीं जा सके.आज रक्षाबंधन दिवस के अवसर पर दीदी स्टेला ने भाई अरूण की कलाई पर राखी तीस साल के बाद बांधने से गर्व व खुशी व्यक्त कर रही थी. राष्ट्रपति, बिहार - सरकार, चम्पारण विभूति, रामनगर - रत्न इत्यादि अनेंको सम्मान से सम्मानित हैं गीतकार एंथोनी दीपक जी.गीतकार एंथोनी दीपक के पुत्र हैं अरूण एंथोनी दीपक.उनकी पत्नी हैं शालिनी रेमी अरुण , लखनऊ में ही हजरतगंज बिशप हाऊस में स्थित स्कूल की शिक्षिका है.दो बेटे नवीन बेंजामिन तथा एडवर्ड लखनऊ में ही पढ़ रहे हैं. अरूण एंथोनी दीपक की बड़ी बहन हैं स्टेला आंद्रियास.स्टेला की शादी बेतिया निवासी आंद्रियास केरोबिन से हुई है.अरूण का जीजाजी राउरकेला स्टील प्लांट (उड़ीसा) में एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर थे. 5 साल पहले रिटायर हो चुके हैं तथा राउरकेला में ही मकान बनवाकर रहते हैं. अरूण एंथोनी दीपक और शालिनी रेमी अरुण की सुपुत्री मेरी एंथोनी का विवाह 30 जनवरी 2020 को लखनऊ में रहने वाले विशाल के साथ हुआ.इस अवसर पर दीदी स्टेला और जीजाजी आंद्रियास लखनऊ आए थे। दोनों भतीजी की शादी में आकर खुश थे. लखनऊ में वैवाहिक कार्यक्रम खत्म करके सब कोई रामनगर लौट आए.दीदी और जीजा भी रामनगर आए.दोनों का कार्यक्रम तय हुआ कि एक सप्ताह रामनगर व आसपास घूम के राउरकेला वापस लौटेंगे .लेकिन तबतक देश में लॉकडाउन लग गया और वापस राउरकेला नहीं जा सकें.अभी तक नहीं जा पा रहे.कब जाएंगे कोई पता नहीं.अब तो भाई-बहनों का त्योहार रक्षाबंधन भी आ गया. अरूण एंथोनी दीपक कहते हैं कि हर साल स्टेला दीदी पोस्ट से ही राखी भेज देती थी.इस बार करीब 30 सालों के बाद हम दोनों भाई -बहन साथ- साथ हैं और मेरी स्टेला दीदी ने अपने हाथों से मुझे राखी बांध दी.हमदोनों बहुत खुश हैं.आज बचपना याद दिला दी है..
सोमवार, 3 अगस्त 2020
बिहार : और अरूण एंथोनी दीपक को बचपन की फीलिंग आ रही है..
Tags
# बिहार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार
Labels:
बिहार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें